शिवलिंग-पूजन से जुड़े प्रश्न एवं उसके उत्तर
शिवलिंग-पूजन से जुड़े प्रश्न एवं उसके उत्तर
आलेख - Sadhak Prabhat
॥ ॐ नमः शिवाय ॥
शिवलिंग पर जल में क्या डालकर चढ़ाना चाहिए?
शिवलिंग पर जल में दूध, पंचामृत या शहद डालकर अभिषेक करते हैं। साथ हीं उसमें सफ़ेद या पीला चन्दन डाल सकते हैं। लाल चन्दन कभी नहीं चढ़ता है।
आरती के बाद कौन सा मंत्र बोला जाता है?
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानी सहितं नमामि।।
इस मंत्र को सभी आरती के बाद बोलै जाता है। तभी आरती पूर्ण होती है।
शिवलिंग पर काली मिर्च चढ़ाने से क्या होता है?
शिवपुराण के लिंग पुराण के अंदर बताया गया है कि काली मिर्च चढ़ाना काफी शुभ है। शिवलिंग में काली मिर्च चढ़ाने से रोगों का नाश होता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
शिवलिंग पर लौंग चढ़ाने से क्या फायदा है?
शिवलिंग पर 40 दिनों तक लौंग अर्पित करने से राहु-केतु का नकारात्मक प्रभाव कम होता है और भगवान शिव की कृपा घर में खुशहाली आती है।
शिवलिंग पर मूंग की दाल चढ़ाने से क्या होता है?
शिवलिंग पर मूंग चढ़ाने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
शिवलिंग का जल पीने से क्या होता है?
शिव पुराण के 22 अध्याय के 18 श्लोक में बताया गया है कि शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल पीना बहुत ही शुभ होता है। कहा जाता है कि इस पानी को पीने से सभी रोगों से मुक्ति मिलती है। साथ ही नकारात्मक ऊर्जा भी खत्म होती है। यह कभी यह भी कहा जाता है कि शिवलिंग पर चढ़ाया जल पीने से व्यक्ति का मन शांत रहता है और मानसिक तनाव दूर होता है।
शिवलिंग पर शंख से जल चढ़ाना चाहिए या नहीं ?
कभी भी शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से शिव कृपा प्राप्त नहीं होती है। शिवपुराण के अनुसार, शिवजी ने शंखचूड़ नाम के दैत्य का वध किया था। ऐसा माना जाता है कि शंख उसी दैत्य की हड्डियों से बने होते हैं। इसलिए शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
शिव जी को कौन से लोटे से जल चढ़ाना चाहिए?
शिवलिंग पर तांबे, चांदी या सोने के लोटे से जल चढ़ाना चाहिए। स्टील या लोहे के लोटे से जल न चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय शिवजी के मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए।
शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाते हैं ?
दूध को सकारात्मक ऊर्जा के सबसे अच्छे संवाहकों में से एक माना जाता है और जब इसे शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है, तो ऊर्जा का प्रवाह लिंगम की ओर केंद्रित होने लगता है। इससे साधक को अपना मन अपनी आत्मा में केंद्रित करने में सहायता होती है।
भोलेनाथ का मुंह किधर रहता है?
ज्योतिर्लिंग का मुख हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए क्योंकि कैलाश पर्वत उत्तर में स्थित है और पूर्व को शिव की दिशा माना जाता है।
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय हमेशा "श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः । स्नानीयं जलं समर्पयामि।" मंत्र का जाप करते रहना चाहिये।
भोलेनाथ को जल्दी प्रसन्न कैसे करें? भोलेनाथ की कृपा पाने का उपाय क्या है ?
भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध, धतूरा, आक, गंगाजल, चंदन, अक्षत और बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। इससे भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होकर शुभ आशीष प्रदान करते हैं।
रोजाना घर पर शिवलिंग की पूजा कैसे करें?
घर पर प्रतिदिन शिवलिंग की पूजा के लिए सबसे पहले आचमन करें और फिर शिवलिंग पर गंगाजल या शुद्ध जल से अभिषेक करें। फिर शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं। शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल और भोग आदि चढ़ाएं। पञ्चाक्षर मन्त्र 'नमः शिवाय' का 108 बार जाप करना चाहिए।
शिवलिंग पर चावल कैसे चढ़ाएं?
चावल को पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए बिना चावल शिवजी की पूजा पूरी नहीं होती है। इसलिए भगवान शिव को मुट्ठी भर चावल अर्पित कर सकते हैं। अगर आप मुट्ठी भर चावल नहीं अर्पित करना चाहते हैं, तो चावल के 5 या 7 दाने लेकर चढ़ा दें।
शिवलिंग पर कौन सी दाल चढ़ाने चाहिए?
शिवलिंग पर पीली अरहर की दाल अर्पित करना शुभ होता है और इससे महादेव प्रसन्न होते हैं।
चने की दाल शिवलिंग पर चढ़ाने से क्या होता है?
शिवलिंग पर चने की दाल चढ़ाने से अज्ञात ऋणों की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। चने की दाल सवा पाव से सवा मन तक चढ़ाई जाती है।
शिवलिंग पर मूंग की दाल, चावल, तिल और जौ चढ़ाने से क्या होता है?
शिवलिंग पर मूंग की दाल चढ़ाने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। चावल चढ़ाने से घर में धन की कमी नहीं होती और धन प्राप्ति होती है। तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है। जौ अर्पित करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
शिवलिंग पर शहद लगाकर बेलपत्र चढ़ाने से क्या होता है?
सोमवार के दिनशिवलिंग पर शहद लगाकर बेलपत्र चढ़ाने से और दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
रविवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से क्या लाभ होत है?
शिवलिंग पर जल हर दिन चढ़ता है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने से एवम इसके साथ ही पंचाक्षरी मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करने से सूर्य सहित समस्त ग्रह अनुकूल हो जाते हैं।
भोलेनाथ कौन से मंत्र से प्रसन्न होते हैं?
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र - "ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ ॥" एवं पंचाक्षरी मंत्र "ऊँ नम: शिवाय।" का जाप करना चहिये।
शिव जी को कौन सा फल चढ़ाना चाहिए, कौन सा नहीं चढ़ाना चाहिए?
शिवलिंग पर बेर, आम, केला, निबौली, बदरी बेर और धतूरे का फल आदि जैसे कई तरह के फल चढ़ाए जाते हैं। लेकिन भूलकर शिवलिंग पर नारियल नहीं चढ़ाना चाहिए और ना ही नारियल के पानी से शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए।
शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं बैठकर या खड़े होकर?
शिवलिंग पर हमेशा बैठकर ही जल चढ़ाना चाहिए। रुद्राभिषेक के दौरान भी बैठकर ही जल चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि अगर आप खड़े होकर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं तो वह भगवान शिव को समर्पित नहीं होता और ना ही उसका लाभ मिलता है।
क्या घर में शिवलिंग रखना बुरा है?
घर में शिवलिंग रखा जाता है। परन्तु घर में केवल एक ही शिवलिंग रखना चाहिये। भगवान शिव के अलग-अलग प्रतीकों को एक ही स्थान पर नहीं रखना चाहिए। घर में छोटे आकार का (बारह अंगुल तक) शिवलिंग रखा जाता है। घर में बड़ा शिवलिंग रखना उचित नहीं माना गया है।
क्या शिवलिंग को गमले में रख सकते हैं?
शिवलिंग को जमीन या मिट्टी पर रखना वर्जित माना गया है। गमले में शिवलिंग रखने से इसकी पूजा में बाधा आती है। अत: शिवलिंग को गमले में आमतौर पर नहीं रखा जाता। इसलिए शिवलिंग को मंदिर में स्थापित करने का विधान है।
क्या हम घर पर शिवलिंग और नंदी रख सकते हैं?
घर पर शिवलिंग और नंदी रख सकते हैं। जिस भी घर में शिवलिंग की स्थापना होती है उस घर में नंदी की स्थापना भी जरूर होनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि नंदी शिवजी के प्रिय भक्त भी हैं और उनकी सवारी भी। शिव जी तक पहुंचने का जरिया नंदी ही हैं।
शिवलिंग पर दीपक जलाने से क्या होता है?
शिवलिंग पर दीपक जलाने से अपार धन-संपत्ति एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं। अत: नियमित रूप से रात्रि के समय किसी भी शिवलिंग के समक्ष दीपक जलाना चाहिए। विशेष रूप से सावन माह में यह उपाय जल्दी शुभ फल प्रदान करता है। दीपक जलाते समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए।
शिव जी को कौन से तेल का दीपक जलाना चाहिए?
भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए पीली सरसों के तेल का आठ तथा बारह मुखी दीपक जलाना चाहिए।
क्या शिवलिंग पर गुड़ का पानी चढ़ा सकते हैं?
शिवलिंग पर गुड़ का पानी चढ़ा सकते हैं। गन्ने के रस की धार शिवलिंग पर छोड़ना, गीले गुड़ के साथ लगाना या गुड़ को पानी में घोलकर शिवलिंग पर चढ़ाना गुड़ अभिषेक कहलाता है। चीनी को घोल कर नहीं चढ़ाते हैं क्योंकि चीनी को साफ़ करने में गाय हड्डी का इस्तेमाल किया जाता है। गुड़ के अभिषेक से मीठी वाणी निकलती है, जिससे शत्रु नहीं बनते और जीवन सुखी होता है।
शिव जी को कौन सा चंदन चढ़ाना चाहिए?
शिवलिंग पर सफेद चंदन का त्रिपुण्ड बनाना चाहिये।
शिवलिंग का पानी किधर गिरना चाहिए?
शिवलिंग की जलहरी का मुख दक्षिण या पूर्व दिशा में होना चाहिए।
क्या तुलसी के पौधे में शिव लिंग रख सकते हैं?
तुलसी के पौधे में शिवलिंग नहीं रखना चहिये। वास्तु के अनुसार तुलसी के पौधे के पास शिवलिंग रखने से यह धन हानि एवम परेशानी का कारण बन सकती है। इससे घर में अशांति का वास होता है। तुलसी का पूर्व जन्म में नाम वृंदा था और वह जालंधर नाम के एक राक्षस की पत्नी थी। लेकिन जालंधर के अत्याचार को देखकर भगवान शिव ने उसे मार दिया। इसी कारण तुलसी और भगवान शिव का साथ नहीं होता है। तुलसी का पौधा और शिवलिंग को एक साथ नहीं रखा जा सकता है।
शिव जी को तुलसी कब चढ़ाई जाती है?
वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन भगवान शिवजी को तुलसी और मंजरी दोनों चढ़ाता है। मंजरी ज्यादा उत्तम होता है।
शिवजी का पेड़ कौन सा है?
शिवजी का पेड़ बेल कहलाता है। शिवजी की पूजा में बेल के पत्ते से लेकर फूल, फल, लकड़ियां आदि का प्रयोग किया जाता है।
शिवलिंग पर क्या क्या नहीं चढ़ता है?
शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते, कुमकुम, हल्दी पाउडर, नारियल पानी, केतकी का फूल और चंपा का फूल नहीं चढ़ता है।
सोमवार को बेलपत्र क्यों नहीं तोड़ा जाता है?
चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, द्वादशी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रांति और सोमवार को तथा दोपहर के बाद अर्थात शाम के समय बेलपत्र नहीं तोड़ा जाता।
शिवलिंग पर कितनी बेलपत्र चढ़ाने चाहिए?
मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर 3 से 11 बेलपत्र चढ़ाना शुभ होता है लेकिन आप इससे ज्यादा भी चढ़ा सकते हैं। अगर आपके पास एक भी बेलपत्र का पत्ता है, तो भी आप शुद्ध मन से उसकी पूजा करेंगे तो भगवान शिव प्रसन्न होंगे। वहीं शीघ्र विवाह के लिए शिवलिंग पर 108 बेलपत्र चढ़ाने चाहिए।
नंदी के किस कान में मनोकामना बोलनी (मांगनी ) चाहिए?
नंदी के बाएं कान में अपनी मनोकामना बोलनी चाहिए। इस कान में मनोकामना बोलने का अधिक महत्व है। हालांकि, आप दूसरे कान में भी अपनी मनोकामना बोल सकते हैं।
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