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शिव आरती

Shiva Aarti

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महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024

शिव आरती

आलेख - Sadhak Prabhat

शिव आरती

जय शिव ओंकारा, हर जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा ॥ टेक ॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसासन गरुड़ासन बृषवाहन साजे ॥ जय ॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज ते सोहे।
तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ जय ॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहे भोले शुभकारी ॥ जय ॥

श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे।
सनकादिक ब्रह्मादिक भूतादिक संगे ॥ जय ॥

कर के मध्य कमण्डल चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता जगभर्ता जगपालनकर्ता ॥ जय ॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका ॥ जय ॥

त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ जय ॥

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शिव आरती Shiva Aarti जय शिव ओंकारा, हर जय शिव ओंकारा