जल्दी शादी होने के लिए उपाय-टोटके
जन्म कुंडली के सप्तम भाव से व्यक्ति के विवाह के विषय में पता चलता है। शुक्र और बुध ग्रह का भी विवाह, प्रेम और संबंधों से गहरा संबंध है। अगर आपके विवाह में कोई रुकावट आ रही है, या काफी तलाश के बाद भी जीवनसाथी नहीं मिल रहा है तो इसके लिए आपको कुछ विशेष उपाय करना चाहिए।
शादी में रुकावट आ रही है तो क्या करना चाहिए? शिवलिंग पर क्या चढ़ाने से शादी जल्दी होती है?
अगर किसी जातक के विवाह में देरी हो रही है या फिर किसी वजह से बनी हुई बात बिगड़ जा रही है, तो पांच सोमवार शिव मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करें। भगवान शिव को पीले रंग का फूल अर्पित करें। इसके अलावा शिवलिंग पर लगातार 10 दिनों तक इत्र अर्पित करें। ऐसा करने से जल्दी विवाह के योग बनेंगे। वहीं दूसरी तरफ सावन के हर सोमवार को भगवान शिव के मंदिर में शिवलिंग पर पांच नारियल चढ़ाएं। सोमवार को नारियल चढ़ाने के बाद कन्या "ॐ श्री वर प्रदाय श्री नमः" का जप करें। समय पर विवाह होगा।
कन्या अपनी शीघ्र विवाह के लिए कौन सा उपाय करें?
अगर जातक कन्या है तो 16 सोमवार का व्रत रखें। शिवलिंग पर जलाभिषेक करें। भगवान शिव और मां पार्वती का पूजन करें साथ ही शिवलिंग पर 108 बेलपत्र अर्पित करें। इस दौरान ओम नमः शिवाय का मंत्र उच्चारण करते रहें। समय पर विवाह को देखते हुए कन्याओं को सोमवार के दिन गौरी शंकर रुद्राक्ष को लाल रंग के धागे में बांधकर धारण करना चाहिए।
जल्दी शादी होने का उपाय क्या है?
विवाह में वृहस्पति गृह की बड़ी भूमिका होती है। गुरुवार का व्रत करने से कुंडली में गुरु मजबूत होता है। केले में जल डालें। केले के पेड़ की जड़ लाकर पूजा करें। पूजा के बाद जड़ को पीले कपड़े में लपेट दें। हर गुरुवार को गंगाजल में हल्दी डाल दे और आधा जल केले पर और आधा जल पीपल के पेड़ पर चढ़ा दें। गुरुवार को छोटी कन्याओं को मिठाई भेंट करने से जातक की ग्रह स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अविवाहित लड़कियों की शादी शीघ्र हो जाती है। वहीं इससे घर में सुख शांति और धन का आगमन होता है। गुरुवार को विष्णु लक्ष्मी मंदिर में 5 लड्डू चढ़ाएं और विष्णु मंदिर की सफाई करें। लड़कों को जल्दी शादी के लिए भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए।
हर बृहस्पतिवार को बरगद के पेड़ में जल अर्पित करना चाहिए और 'ॐ बृं बृहस्पतये नम:' का जाप भी जरूर करना चाहिए।
लड़का और लड़की दोनों को पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर स्नान करना चाहिए। इससे भी जल्द शादी होती है और विवाह में आ रही गतिरोध दूर होती है। साथ हीं माता -पिता , अगर बेटी की शादी नहीं हो रही है तो शुक्रवार के दिन घर की पुरानी झाड़ू को खोलकर चौराहे पर जाकर डाल दें, ऐसा करने से शुक्र मजबूत होता है और शादी में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।
शादी के लिए कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए? लव मैरिज के लिए कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए?
सनातन धर्म में विवाह एवं प्रेम के आराध्य शिव-पार्वती, कृष्ण-राधा हैं। इसके अलावा भगवान कामदेव एवं रति को प्रेम का स्वामी भी कहा गया है। महादेवी श्री ललिता महात्रिपुर सुंदरी को प्रेम की सर्वोच्च शक्ति देवी के रूप में भी जाना जाता है। त्रिपुरसुंदरी का मतलब है जो तीनों लोक स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल में सबसे सुंदर है। इसका दूसरा नाम कामाक्षी भी है। जिसका मतलब हर समय आंखों में इच्छा जगाना है। मां त्रिपुरसुंदरी हीं सृजनकर्त्ता हैं। लव मैरिज के लिए शिव-पार्वती की पूजा काफी कारगर है लेकिन आप अपनी श्रद्धा के अनुसार इनमें से किसी भी देवी-देवता की पूजा कर सकते हैं।
शादी में देरी क्यों हो रही है?
1. अगर सप्तम भाव में शुक्र बुध और लग्न में मंगल शनि हो तो जातक के विवाह में देरी होगी। स्त्री है तो 36 वर्ष तक विवाह नहीं होता है या होकर टूट जाता है।
2. सप्तम में शनि हो और उसे सूर्य मंगल देख रहे हो तो भी विवाह देरी से होगा।
3. अगर सप्तम भाव का स्वामी केतु के साथ बैठ जाए और सप्तम में सूर्य मंगल विराजमान हो तो भी विवाह में देरी की सम्भावना बनती है।
4. सप्तम भाव में या तो कोई ग्रह नीच राशि में विराजमान हो या सप्तम भाव में कोई दुर्योग बन रहा हो तो भी इस भाव के पीड़ित होने के कारण विवाह में देरी होगी।
5. अगर किसी महिला की कुंडली में मंगल नीच हो और पति का कारक गुरु शनि राहु से पीड़ित हो तो निश्चित ही उस स्त्री के विवाह में देरी होगी और उसे पति का अल्प सुख ही मिलता है।
अविवाहित रहने के योग कैसे बनते हैं ?
1. अगर सप्तम भाव का स्वामी नीच होकर द्वादश भाव में विराजमान हो और लग्न का स्वामी सप्तम भाव में शनि से देखा जाता हो तो जातक विवाह नहीं करेगा।
2. किसी कुंडली में मन का कारक चन्द्रमा शुक्र के साथ केंद्र में विराजमान हो और मंगल शनि की युति होकर दोनों में कोई भी एक ग्रह चंद्र शुक्र पर दृष्टि डाले तो भी विवाह नहीं होगा।
3. बुध शुक्र और शनि तीनो एक साथ हो और इनमें से कोई 1 ग्रह नीच राशि में हो तो जातक को विवाह करने में कोई रूचि नहीं होती।
4. किसी पुरुष की कुंडली में अगर शुक्र नीच राशि में या अष्टम भाव में विराजमान हो और सप्तम भाव में शनि केतु की युति हो तो ऐसे जातक का विवाह नहीं होता।
1. अगर जन्म कुंडली के सांतवे भाव में गुरु है, तो विवाह के योग 24 वें वर्ष से बनते हैं। गुरु लड़कियों की शादी के कारक होते हैं। कुंडली में गुरु मजबूत रहने से अविवाहित लड़की की शादी जल्द हो जाती है।
2. जीवनसाथी के भाव में चन्द्रमा के रहने पर 25 वर्ष तक शादी हो जाती है। साथ ही मन मुताबिक जीवनसाथी मिलता है।
3. सातवें भाव में शुक्र के रहने पर 26 वें वर्ष से विवाह के योग बनते हैं। साथ ही जीवनसाथी प्यार करने वाला होता है।
4. कुंडली के सातवें भाव में सूर्य और राहु के रहने पर 27 वें वर्ष से योग बनते हैं। वहीं, मंगल के रहने पर 28 वें वर्ष से शादी के योग बनते हैं। जबकि, शनि और केतु के रहने पर जातक की शादी 30 वर्ष के पश्चात होती है।
5. कुंडली के सातवें भाव में शुभ ग्रह के रहने पर खूबसूरत जीवनसाथी मिलता है। वहीं, अशुभ ग्रह के रहने पर जीवनसाथी गुस्से में तेज होता है।
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