शिव साधना के गुप्त मंत्र
शिव साधना के गुप्त मंत्र
आलेख - Sadhak Prabhat
॥ ॐ नमः शिवाय ॥
सावन में शिव साधना मंत्र
सावन मास में भगवान् शिव के गुप्त मंत्र से साधना करने के परंपरा है। जब व्यक्ति हर तरफ से निराश हो जाता है , घोर कष्ट में होता है तब पशुपतिनाथ महादेव जो अर्धनारीश्वर हैं , सृष्टि के रचयिता हैं , के शरणागत होकर मुहमांगी मनोकामना पाकर सभी संकटों से बहार निकल जाता है और अपने परिवार जनों के साथ सुख भोगता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रमुख मंत्र ओम नमः शिवाय है। सामान्य रूप से यही मंत्र जाप करने से व्यक्ति की हर इच्छाएं पूर्ण हो जाती है परन्तु अगरबाट न बन रही हो तो कुछ गुप्त तांत्रिक मंत्रो की साधना की जाती है।
॥ शिव साधना के गुप्त मंत्र ॥
ॐ अघोराय नम:, ॐ शर्वाय नम:, ॐ विरूपाक्षाय नम:, ॐ विश्वरूपिणे नम:, ॐ त्र्यम्बकाय नम:, ॐ कपर्दिने नम:, ॐ भैरवाय नम:, ॐ शूलपाणये नम:, ॐ ईशानाय नम:, ॐ महेश्वराय नम:॥
शिव गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात॥
मनोवांछित फल के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:॥
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।
अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।
निरोग रहने और स्वास्थ्य प्राप्ति के लिए
सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्।
भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ।।
कावेरिकानर्मदयो: पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय।
सदैव मान्धातृपुरे वसन्तमोंकारमीशं शिवमेकमीडे।।
पूजा के दौरान इन मंत्राों का जाप करें
पूजा के समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
ॐ वरुणस्योत्तम्भनमसि वरुणस्य सकम्भ सर्ज्जनीस्थो |
वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमसि वरुणस्य ऋतसदनमासीद् ||
यज्ञोपवीत संस्कार की सफलता के लिए भगवान शिव के इस मंत्र का जाप करें -
ॐ ब्रह्म ज्ज्ञानप्रथमं पुरस्ताद्विसीमतः सुरुचो वेन आवः |
स बुध्न्या उपमा अस्य विष्ठाः सतश्च योनिमसतश्च विवः ||
भगवान शिव को गंध समर्पित करने के लिए -
ॐ नमः श्वभ्यः श्वपतिभ्यश्च वो नमो नमो भवाय च रुद्राय च नमः |
शर्वाय च पशुपतये च नमो नीलग्रीवाय च शितिकण्ठाय च ||
भगवान शिव को धूप समर्पित करने के लिए -
ॐ नमः कपर्दिने च व्युप्त केशाय च नमः सहस्त्राक्षाय च शतधन्वने च |
नमो गिरिशयाय च शिपिविष्टाय च नमो मेढुष्टमाय चेषुमते च ||
भगवान शिव को पुष्प समर्पित करने के लिए -
ॐ नमः पार्याय चावार्याय च नमः प्रतरणाय चोत्तरणाय च |
नमस्तीर्थ्याय च कूल्याय च नमः शष्प्याय च फेन्याय च ||
भगवान शिव का हवन और यज्ञ आदि में नैवेद्य समर्पित करने के लिए -
ॐ नमो ज्येष्ठाय च कनिष्ठाय च नमः पूर्वजाय चापरजाय च |
नमो मध्यमाय चापगल्भाय च नमो जघन्याय च बुधन्याय च ||
भगवान शिव को तांबूल पुंगीफल समर्पण करने के लिए -
ॐ इमा रुद्राय तवसे कपर्दिने क्षयद्वीराय प्रभरामहे मतीः |
यशा शमशद् द्विपदे चतुष्पदे विश्वं पुष्टं ग्रामे अस्तिमन्ननातुराम् ||
भगवान शिव को सुगंधित तेल अर्पण करने के लिए -
ॐ नमः कपर्दिने च व्युप्त केशाय च नमः सहस्त्राक्षाय च शतधन्वने च |
नमो गिरिशयाय च शिपिविष्टाय च नमो मेढुष्टमाय चेषुमते च ||
भगवान शिव को आरती और उन्हें दीप जलाकर अर्पण करने के लिए -
ॐ नमः आराधे चात्रिराय च नमः शीघ्रयाय च शीभ्याय च |
नमः ऊर्म्याय चावस्वन्याय च नमो नादेयाय च द्वीप्याय च ||
भगवान शिव को बिल्वपत्र समर्पण करने के लिए -