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What are the functions of the seminal vesicles, prostate gland and bulbourethral glands or Cowper's glands in animals in Hindi

वीर्य/शुक्राणु का निर्माण कैसे होता है? How-is-semen-produced?

Author and Copyright - Sadhak Prabhat

सेमिनल वेसिक्लिस, प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate gland) एवं बल्बौरेथ्रल ग्रंथियां या काउपर ग्रंथियां (bulbourethral glands or Cowper’s glands) मिलकर वीर्य (semen) का निर्माण करते हैं।

वीर्य/शुक्राणु का निर्माण के निम्न स्टेप (कदम) हैं -

सेमिनल वेसिक्लिस (seminal vesicles) - यह थैलीनुमा संरचना है जो स्पर्म डक्ट से यूरेनरी ब्लाडर के आधार के पास जुड़ता है। सेमिनल वेसिक्लिस शर्करा से भरपूर फ्रुक्टोज (fructose) नामक तरल पदार्थ बनाता है जो शुक्राणु को ऊर्जा का स्रोत प्रदान करता है एवं उसकी गतिशील रहने की क्षमता को बढ़ाता है। वीर्य जो गाढ़ एवं चिकना पदार्थ होता है उसका अधिकांश भाग सेमिनल वेसिक्लिस में हीं बनता है।

प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate gland) - प्रोस्टेट ग्रंथि अखरोट के आकार की होती है जो मलाशय (रेक्टम) के सामने मूत्राशय (यूरेनरी ब्लाडर) के नीचे मूत्रमार्ग (Urethra) के सामने के छोर पर स्थित होती है। प्रोस्टेट ग्रंथि एक सफेद रंग की क्षारीय (alkaline) द्रव स्रावित करता है जो शुक्राणु उत्पादन को उत्तेजित करता है और शुक्राणु को जमने से रोकता है। प्रोस्टेट ग्रंथि से निकलने वाला यह द्रव वीर्य का 25-30 प्रतिशत होता है। इस द्रव में फॉस्फेट ( Phosphate), लाइसोसोम (lysosome), स्परमाइन ( spermine) , साइट्रेट (citrate), फाइब्रिनोलिसिन ( fibrinolysin) और अन्य पदार्थ पाए जाते हैं।

प्रोस्टेट ग्रंथि की बनावट - प्रोस्टेट ग्रंथि में चार प्राथमिक लोब होते हैं: एक उदर लोब (ventral lobe), एक पृष्ठीय लोब (dorsal lobe) और दो पार्श्व लोब (lateral lobes)। प्रोस्टेट ग्रंथि जब बढ़ जाती है तो मूत्र त्याग करने में समस्या होने लगती है।

बल्बौरेथ्रल ग्रंथियां या काउपर ग्रंथियां (bulbourethral glands or Cowper’s glands) - यह आकार में मटर के दाने के बराबर और प्रोस्टेट ग्रंथि के ठीक नीचे मूत्रमार्ग (urethral opening) से नलिका द्वारा जुड़ी रहती है। यह वीर्यस्खलन (ejaculation) से पहले क्षारीय, साफ (रंगहीन) चिकना म्युकस ग्लाइकोप्रोटीन (glycoproteins) स्रावित करता है जिससे यूरेथ्रा चिकना हो जाता है तथा यूरेथ्रा में पेशाब की बची बूंदों के वजह से जो अम्लता (acidity) होती है तो उसको भी प्रभावहीन (neutralize) कर देता है ताकि शुक्राणु को कोई हानि न पहुंचे।

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सेमिनल वेसिक्लिस, प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate gland) एवं बल्बौरेथ्रल ग्रंथियां या काउपर ग्रंथियां (bulbourethral glands or Cowper’s glands) मिलकर वीर्य (semen) का निर्माण करते हैं।- indianstates.in