What is the Female Reproductive System? in Hindi
अंडाशय (ओवरी Overies), डिंबवाहिनी (Oviducts), गर्भाशय (Uterus), योनी (Vagina) किसे कहते हैं?
महिला प्रजनन प्रणाली (फीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम) किसे कहते हैं?
मानव के स्त्री प्रजनन अंग अंडाशय (ओवरी Overies), डिंबवाहिनी (Fallopian tube or Oviducts), गर्भाशय (Uterus), योनी (Vagina) से मिलकर बनता है।
1. अंडाशय (ओवरी Overies) -
यह अंडाकार आकार (Oval shape) का होता है जो कि महिलाओं के उदर गुहा (abdominal cavity) में अवस्थित होता है। महिलाओं का मुख्य प्रजनन अंग ओवरी हीं होता है जैसे मर्दों में मुख्य प्रजनन अंग टेस्टिस होता है। ओवरी संख्या में दो होती है। ओवरी हीं फीमेल गैमेट्स जिसे डिंब (Egg or Ova) का निर्माण करती है। फीमेल जननांग (female gonads गोनाड) ओवरी है।
2. डिंबवाहिनी (Oviducts) --
डिंबवाहिनी में हीं अंडा फर्टिलाइज होता है। इसी को फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) भी कहते हैं। यह ओवरी के उपर ट्यूब की तरह दिखने वाली संरचना है। यह ओवरी से सीधे तौर पर नहीं जुड़ा रहता बल्कि एक कीप-नुमा संरचना (funnel) जो इसके सिरे पर होता है उससे पूरी ओवरी को घेरे रहता है। इस कीपनुमा संरचना को हीं Funnel of Oviduct कहते हैं। ओवरी जो अंडा छोड़ती है वह इसी Funnel of Oviduct के द्वारा फैलोपियन ट्यूब में पहुंचती है। मानव मादा हर महीने सिर्फ एक परिपक्व अंडा का उत्सर्जन करती है जो दोनों ओवरी में से एक द्वारा बारी बारी से हर महीने होता है। यानी अगर जनवरी माह में दायां ओवरी ने अंडा का उत्सर्जन किया है तो फरवरी माह में फिर बायां ओवरी अंडा छोड़ेगी। यही चक्र चलता रहता है। शुक्राणु एवं अंडा का मिलन इसी डिंबवाहिनी (Oviduct) में होता है एवं अंडा निषेचित होता है। जन्म की प्रक्रिया यानी जाइगोट के बनने की शुरुआत इसी डिंबवाहिनी में होती है। डिंबवाहिनी गर्भाशय (Uterus) से जुड़ा रहता है।
3. गर्भाशय (Uterus) -
इसे कोख (Womb) भी कहते हैं। यह एक बैग-नुमा संरचना है जो दोनों डिंबवाहिनी से जुड़ा हुआ होता है तो दूसरी ओर गर्भाशय ग्रीवा (cervix) से जुड़ा होता है। गर्भाशय में हीं जाइगोट से शिशु बनने की प्रक्रिया पूरी होती है।
4. गर्भाशय ग्रीवा (cervix) -
यह एक पतला ट्यूब जैसा संरचना होता है जो गर्भाशय (Uterus) को वेजाइना से जोड़ता है। सर्विक्स में ग्लैंड पाए जाते हैं जिसका कार्य म्यूकस (mucus) बनाना है। म्यूकस (mucus) किसी बाहरी बैक्टीरिया को गर्भाशय में जाने से रोकता है जिससे गर्भाशय (Uterus) का हानिकारक बैक्टीरिया के संक्रमण से बचाव होता है। साथ हीं जब म्यूकस (mucus) गाढ़ा होता है तो शुक्राणु को भी रोक देता है। जब स्त्री अंडा का उत्सर्जन करती है तब यह म्यूकस पतला हो जाता है जिससे शुक्राणु अंदर जाकर अंडा को निषेचित कर सके। बच्चे के जन्म के समय सर्विक्स (cervix) फैल कर चौड़ा हो जाता है जिससे बच्चा गर्भाशय से बाहर निकल कर वेजाइना के रास्ते पेट से बाहर निकल जन्म लेता है।
5. वेजाइना -
योनि एक ट्यूब नुमा आन्तरिक संरचना है जो बहुत संवेदनशील होती है एवं बाहर वल्वा (vulva) तक खुलती है। यह मानव में औसतन 3.5 इंच (9 CM) गहरा होता है। इसका कार्य प्रजजन हेतु नर के यौनांग को ग्रहण करना है ताकि शुक्राणु एवं अंडाणु आपस में मिलकर नये जीव का निर्माण कर सकें।
For Class 8, 9,10,11,12 and for Competitive Examination
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