Women Egg - its structure and functions in Hindi
अंडाणु किसे कहते हैं एवं इसकी संरचना कैसी होती है?
अंडाणु मादा सेक्स सेल (गैमेट्स) को कहते हैं जो ओवरी के द्वारा उत्पादित होते हैं। अंडाणु (egg) को हीं डिंब (ova or oocytes) भी कहते हैं। जिसका ओवा (Ova) ओवम् का हीं बहुवचन है। मानव अंडाणु काफी छोटा होता है एवं बिना माइक्रोस्कोप की सहायता के नहीं देखा जा सकता लेकिन पक्षियों एवं सरीसृपों के अंडे बड़े होते हैं एवं आंखों से बिना किसी यंत्र की सहायता से देखे जा सकते हैं। मानव में स्त्री का अंडाणु पुरुष के शुक्राणु के मुकाबले बड़ा होता है। इसका आकार गोल होता है एवं इसका व्यास (diameter) करीब 0.15 mm होता है। मानव स्त्री में सभी एक से दो लाख अण्डे जो वह अपने पूरे यौवन काल में देती है जन्म के साथ ही पैदा होते हैं। यानी जो बेबी गर्ल जन्म लेती है उसके ओवरी में तमाम अंडे मौजूद होते हैं जो वह अपने यौवनकाल में हर महीने कुछ सौ अंडे करके देती रहती है।
अंडाणु की संरचना -
अंडाणु भी एक कोशीय होता है। इसके मुख्य अंग न्यूक्लियस, साइटोप्लाजम, प्लाज्मामेम्ब्रेन, जेली कोट कोरोना रैडिऐटा हैं।
कोरोना रैडिऐटा (corona radiata) - यह अंडाणु का सबसे बाहरी स्तर जेली कोट को घेरे रहता है। यह छोटे कूपिक कोशिकाओं (follicular cell) से बना हुआ क्षेत्र है जिसका कार्य डिंब को आवश्यक प्रोटीन प्रदान करना है।
जेली कोट - इसे ज़ोना पेलुसीडा (Zona Pellucida) भी कहते हैं। यह ग्लाइकोप्रोटीन (glycoprotein) का बना हुआ लेयर है जो डिंब के प्लाज्मा मेम्ब्रेन के बाहर उपस्थित होता है। इसका कार्य डिंब में एक से ज्यादा शुक्राणु को घुसने से रोकना है ताकि पॉलीस्पर्मि (polyspermy) न होने पाए। साथ हीं डिंब के विकास के समय यह उसको सुरक्षित रखने का भी कार्य करता है।
#पॉलीस्पर्मि (polyspermy) तब होता है जब एक अंडा जिसे एक से अधिक शुक्राणुओं द्वारा निषेचित किया गया हो।कॉर्टिकल ग्रेन्यूल्स (cortical granules) - यह एक स्रावी फफोले (secretory vesicles) हैं जो साइटोप्लाज्म के बाहरी परत जिसे कॉर्टेक्स (cortec) कहते हैं, में पाया जाता है। यह निषेचन के समय कैल्शियम स्रावित करता है जिससे जेली कोट को किसी अन्य शुक्राणु को डिंब में घुसने से रोकने का संदेश जाता है।
साइटोप्लाज्म - डिंब के साइटोप्लाज्म को ओओप्लाज्म (ooplasm) भी कहा जाता है। मनुष्य के डिंब को एलेसिथल डिंब (alecithal egg) भी कहा जाता है क्योंकि इसमें बहुत कम मात्रा में नहीं के बराबर जर्दी (Yolk) होती है। यह जेली के जैसा पदार्थ है और इसमें कई औरगेनिल्स पाए जाते हैं जिसमें एक माइटोकॉन्ड्रिया है जो ऊर्जा उपलब्ध कराता है। इसके अलावा एग सेल के साइटोप्लाज्म में अनिवार्य रूप से तीन घटक (components) राइबोसोम (Ribosomes), ट्रांसफर आरएनए (tRNA) and मैसेंजर आरएनए (mRNA) पाये जाते हैं जो प्रोटीन संश्लेषण के लिए अनिवार्य है। राइबोसोम प्रोटीन बनाने वाली फैक्ट्रियों की तरह काम करते हैं। टीआरएनए डिलीवरी वैन की तरह हैं जो प्रोटीन बिल्डिंग ब्लॉक लाते हैं और एमआरएनए प्रोटीन के निर्माण के लिए निर्देश देते हैं।
न्यूक्लियस - न्यूक्लियस में हीं सारे जेनेटिक मैटेरियल क्रोमोसोम के रूप में होते हैं। सारे जीन इसी क्रोमोसोम में अवस्थित रहते हैं। न्यूक्लियस हीं पूरे एग सेल का केंद्र बिंदु होता है। निषेचन (Fertilization) के समय अंडाणु एवं शुक्राणु के न्यूक्लियस हीं आपस में जुड़ते हैं जिससे जाइगोट बनता है। आमतौर पर किसी सेल में कुल 23 जोड़े क्रोमोसोम यानी कुल 46 क्रोमोसोम पाए जाते हैं परंतु सेक्स सेल शुक्राणु एवं अंडाणु दोनों में सिर्फ 23 क्रोमोसोम पाए जाते हैं और जब अंडाणु के न्यूक्लियस से शुक्राणु का न्यूक्लियस आपस में मिलता है तब दोनों के 23-23 क्रोमोसोम मिलकर 46 क्रोमोसोम होते हैं। इस प्रकार निषेचित अंडे में कुल 23 जोड़े क्रोमोसोम हो जाते हैं। और इस तरह भ्रुण (embryo) सामान्य रुप से पाए जाने वाले 46 क्रोमोसोम यानी 23 जोड़े क्रोमोसोम हो जाते हैं।
For Class 8, 9,10,11,12 and for Competitive Examination
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