How does Mucormycosis infect and Symptoms of black fungus
ब्लैक फंगस का संक्रमण कैसे होता है ? ब्लैक फंगस कैसे संक्रमित करता है ?
म्यूकोर्मिकोसिस (Mucormycosis), जिसे काले कवक यानि ब्लैक फंगस (black fungus) के रूप में भी जाना जाता है का संक्रमण म्यूकोर्माइसेट्स नामक फफूँद के समूह के कारण होता है। यह दुर्लभ लेकिन घातक फंगस ( फफूँद) मिट्टी, पौधों और क्षय वाले कार्बनिक पदार्थों में वातावरण में हर जगह मौजूद रहता है | ऐसा नहीं है कि यह कोविद 19 (Kovid 19) के वजह से उत्पन हुआ है | एस्परगिलस और कैंडिडा (Aspergillus and Candida) आम फंगल संक्रमण हैं, लेकिन Mucormycosis का संक्रमण साइनस और मस्तिष्क में होने के कारण खतरनाक हो जाता है | यह मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं या वे ऐसी दवाएँ लेते हैं जो कीटाणुओं और बीमारी से लड़ने की शरीर की क्षमता को कम करती हैं। इस रोग से वैसे मरीजों को अधिक खतरा है जो कोविद पेशेंट हैं एवं जिनको मधुमेह (diabetes) भी है तथा आद्रिकृत ऑक्सीजन (humidified oxygen) भी ले रहे हों| पोस्ट कीमोथेरपी वाले रोगी जो दीर्घकालिक प्रतिरक्षात्मक दवाओं पर हैं वो भी डेन्जर जोन में रहते हैं | कोई लंबे समय से बीमार हो या लंबे समय से अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हो या वेंटिलेटर पर लंबे समय से हो। अगर शरीर काफी कमजोर होगा तो यह फंगस नाक, चेहरा,गला, आंख और ब्रेन को पकड़ लेता हैं।
ब्लैक फंगस के लक्षण (Symptoms of black fungus)
इस बीमारी से जुड़े सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, चेहरे में दर्द, दृष्टि की हानि या आंखों में दर्द, आंख में सूजन, लालिमा आना, रोशनी कम होना या चला जाना, आंख का बाहर निकल जाना, गालों और आंखों में सूजन और नाक से पानी आना और खून निकलना, नाक बंद होना, नाक में काली पपड़ी, दांतों एवं मसूढ़ों में दर्द शामिल हैं। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का अनुमान है कि म्यूकोर्मिकोसिस की कुल मृत्यु दर 54% है।
ब्लैक फंगस कैसे संक्रमित करता है ? How does black fungus infect?
जब हमारे आंख नाक की कोशिकाएं मृत हो जाती हैं तो फंगस के उगने का बेहतर वातावरण तैयार होता है। सूखे हुए अर्थात मृत प्रोटीन आपस में तेजी से जुड़ने लगते हैं। इसके बाद फंगस बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। वहीं हमारी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हुई है तो ब्लैक फंगस अपना प्रभाव दिखने लगते हैं।
म्यूकोर्मिकोसिस का अगर उपचार नहीं किया जाए तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है| इसमें चेहरे, नाक, आंखों की विकृति और दृष्टि की हानि हो सकती है यानि आँख की रोशनी बिल्कुल ख़त्म हो सकती है और मस्तिष्क में भी तीव्र संक्रमण भी हो सकता है जो जानलेवा हो सकता है | पर समय पर इलाज होने पर यह ठीक हो जाता है | आज पटना में दो कोविद १९ एवं ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज के ठीक होने की सूचना आई है |अत: घबराना नहीं है इससे | सावधानी रखनी है |
ब्लैक फंगस का उपचार कैसे होता है ? How is black fungus treated?
स्टेरॉयड के लंबे समय तक इस्तेमाल से बचकर इस फंगस के खतरे से बचा जा सकता है। इसके उपचार में एंटी-फंगल दवा देना और यदि आवश्यक हो तो संक्रमित क्षेत्र को हटाने के लिए सर्जरी भी शामिल है
The risk of black fungus can be avoided by avoiding prolonged use of steroids. Its treatment includes giving anti-fungal medication and if necessary surgery to remove the infected area.