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Irregularities and diseases related to periods

मासिक धर्म में होने वाले अनियमितता एवं बीमारियाँ

Author © copyright - Prabhat Kumar

स्वस्थ नारी की पहचान उसकी मासिक धर्म की नियमितता व अनियमितता पर की जा सकती है । स्वस्थ नारी के शरीर के लिये मासिक धर्म का चक्र 28 दिनों का है । गर्भावस्था में मासिक धर्म का चक्र बंद रहना चाहिए तथा 50वर्ष के आसपास मासिक धर्म बंद हो जाना चाहिए। समय से पूर्व मासिक धर्म का बंद हो जाना ठीक नहीं है। हर स्त्री का मासिक धर्म की आयु 32 वर्ष की ही होती है चाहे वह 14 वर्ष की आयु से शुरू हो या 12 की आयु से । जब से भी शुरू हो उसमें 32 और जोड दें , मासिक धर्म बंद होने के आयु वही है। आज कल लड़कियो को मासिक धर्म पहले की अपेक्षा कम उम्र में आने लगा है । टेंशन वगैरह सें भी ऐसा होता है परंतु किसी भी तरह मासिक अनियमित हो जाय तो उपचार जरूरी है । किसी किसी को मासिक धर्म में दर्द एवं ऐठन होती है चलने उठने बैठने से रक्तस्त्राव बढ जाता है। हमें इन पर ध्यान देना चाहिये और इसके भी कई कारण हो सकते हैं । यदि अधिक तकलीफ हो डॉक्टर की सलाह लें। कई बार घरेलू उपाय से भी ठीक हो सकता है। मासिक धर्म के समय महिलाओं के स्वभाव पर बुरा असर होता है और वो चिड़चिड़ी हो जाती है। इसके लिये महिलाओं को अपने आहार में उचित मात्रा में कैल्शियम लेना चाहिए। आयरन युक्त भोजन लेना चाहिए। हरी साग सब्जियाँ , मौसमी फल लेना चाहिए। यदि आप पहले से ही एनिमिक है तो पहले उसे दूर करें। सुपाच्य तथा पौष्टिक भोजन करें। अधिक मिर्च मसाला , खटाई तथा तली चीजों से परहेज करें। मासिक धर्म में होने वाले अनियमितता एवं बीमारियाँ निम्नलिखित हैं -

मेनोरेजिया - पीरियड के दिनों में अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या

Menorrhagia - excessive bleeding during periods

पीरियड के दिनों में अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या को 'मेनोरेजिया' कहा जाता है। दुनियाभर में 35 वर्ष से अधिक उम्र की एक तिहाई से अधिक महिलाएं मेनोरेजिया से पीड़ित हैं। इस समस्या के इलाज के अधिकतर मामलों में गर्भाशय को महिलाओं के शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। गर्भाशय को बाहर निकाले जाने की प्रक्रिया को हिस्टेरेक्टोमी कहा जाता है। आत्मानुशासित जीवन को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है। आजकल मेनोरेजिया के इलाज के लिए बगैर शल्य चिकित्सा वाले दूसरे विकल्प रुप में लेजर किरणों या इलेक्ट्रिक के झटकों का इस्तेमाल किया जाता है जिसे एंडोमेट्रियल एब्लेशन तकनीक कहते हैं और इसके जरिए गर्भाशय के अंदर की सतह की झिल्ली, जिसे एंडोमेट्रियल कहा जाता है, उसे या तो नष्ट कर दिया जाता है या फिर इसे बाहर निकाल दिया जाता है। माहवारी के दिनों में यह झिल्ली बाहर निकल जाती है या फिर प्रसव के वक्त यह गर्भनाल के साथ बाहर निकल जाती है। एंडोमेट्रियल को नष्ट करने के लिए 'मिनिटच सिस्टम' के तहत एंडोमेट्रियल को बिजली का उपयोग कर जला दिया जाता है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है। इस प्रक्रिया में एक तीन मिलीमीटर चौड़े और 24 सेंटीमीटर लम्बे माइक्रोवेव ऊर्जा वाले उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है। इसे योनि के अंदर डालकर 90 सेकेंड बाद बाहर निकाल दिया जाता है। इसी दौरान मेनोरेजिया का स्थायी इलाज हो जाता है। नब्बे सेकेंड के दौरान गर्भाशय की झिल्ली यानी एंडोमेट्रियल नष्ट हो जाती है।

पी.एम.एस. (पीरियड्स से पहले बीमारी) के कारण क्या हैं?

पी.एम.एस. का कारण जाना नहीं जा सका है। यह अधिकतर 20 से 40 वर्षों की औरतों में होता है, एक बच्चे की मां या जिनके परिवार में कभी कोई दबाव में रहा हो, या पहले बच्चे के होने के बाद दबाव के कारण कोई महिला बीमार रही हो- उन्हें होता है।

पी.एम.एस (माहवारी के पहले की बीमारी) का घर पर कैसे इलाज हो सकता है?

पी.एम.एस के स्व- उपचार में शामिल है-
(1) नियमित व्यायाम - प्रतिदिन 20 मिनट से आधे घंटे तक, जिसमें तेज चलना और साईकिल चलाना भी शामिल है।
(2) आहारपरक उपाय साबुत अनाज, सब्जियों और फलों को बढ़ाने तथा नमक, चीनी एवं कॉफी को घटाने या बिल्कुल बन्द करने से लाभ हो सकता है।
(3) दैनिक डायरी बनायें या रोज का रिकार्ड रखें कि लक्षण कैसे थे, कितने तेज थे और कितनी देर तक रहे। लक्षणों की डायरी कम से कम तीन महीने तक रखें। इससे डाक्टर को न केवल सही निदान ढ़ंढने मे मदद मिलेगी, उपचार की उचित विधि बताने में भी सहायता मिलेगी।
(4) उचित विश्राम भी महत्वपूर्ण है।
(5) अंडे में विटामिन बी6, विटामिन डी और विटामिन ई होते हैं जो पीएमएस के लक्षणों से लड़ने में मदद करते हैं. इसके साथ ही अंडे में प्रोटीन भी काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है. हर महिला को पीरियड्स के दौरान क्रैम्प से बचने के लिए रोजाना अंडे का सेवन करना चाहिए.

भारी माहवारी में भारी रक्तस्राव (heavy bleeding) के क्या कारण हैं?

What are the causes of heavy bleeding during heavy periods?

पीरियड्स के स्राव को कब भारी माना जाता है?

यदि लगातार छह घन्टे तक हर घंटे सैनेटरी पैड स्राव को सोख कर भर जाता है तो उसे भारी पीरियड कहा जाता है।

भारी माहवारी में भारी रक्तस्राव (heavy bleeding) के कारणों में शामिल है -

(1) गर्भाशय (Uterus) के अस्तर (Lining) में कुछ निकल आना।
(2) असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव (एयूबी) - प्रजनन आयु में (गैर-गर्भवती) महिलाओं में असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव (एयूबी) एक आम समस्या है। पहले इसे डिसफंक्शनल यूटेरिन ब्लीडिंग (DUB) के नाम से जाना जाता था। मासिक धर्म चक्र की सामान्य लंबाई आम तौर पर 24 दिनों और 38 दिनों के बीच होती है। एक सामान्य मासिक धर्म आमतौर पर तीन से पांच दिनों तक रहता है। असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव (एयूबी) गर्भाशय से रक्तस्राव होता है जो सामान्य से अधिक लंबा होता है या जो अनियमित समय पर होता है। एयूबी से उत्पादकता में कमी आती है । मासिक धर्म और रजोनिवृत्ति के बीच 9 से 14% महिलाओं में एयूबी होने की रिपोर्ट है। भारत में, AUB का सूचित प्रसार लगभग 17.9% है।
(3) थायराइड ग्रन्थि की समस्याएं।
(4) रक्त के थक्के बनने का रोग ।
(5) अंतर्गर्भाशयी (गर्भाशय के भीतर ) (intrauterine) उपकरण के कारण।
(6) दबाव।

लम्बा पीरियड किसे कहते हैं इसके सामान्य के कारण क्या हैं?

What is long period and What are the common reasons for long menstrual period?

लम्बा पीरियड किसे कहते हैं ?

लम्बा पीरियड वह है जो कि सात दिन से भी अधिक चले।

लम्बे माहवारी पीरियड के सामान्य के कारण क्या हैं?

(1) डिंब (अंडाशय) में पुष्टि (confirmation in the ovum)
(2) कई बार कारण पता नहीं चलता तो उसे अपक्रियात्मक गर्भाशय (Uterus) रक्त स्राव कहते हैं
(3) रक्त स्राव में खराबी और थक्के रोकने के लिए ली जाने वाली दवाईयां
(4) दबाव के कारण माहवारी पीरियड लम्बा हो सकता है।

अनियमित माहवारी पीरियड क्या होता है?

अनियमित माहवारी पीरियड वह होता है जिसमें अवधि एक चक्र से दूसरे चक्र तक लम्बी हो सकती है, या वे बहुत जल्दी-जल्दी होने लगते हैं या असामान्य रूप से लम्बी अवधि से बिल्कुल बिखर जाते हैं।

किशोरावस्था के पहले कुछ वर्षों में अनियमित पीरियड़ होना क्या सामान्य बात है?

हां, शुरू में पीरियड अनियमित ही होते हैं। हो सकता है कि लड़की को दो महीने में एक बार हो या एक महीने में दो बार हो जाए, समय के साथ-साथ वे नियमित होते जाते हैं।

अनियमित माहवारी के कारण क्या है?

जब पीरियड असामन्य रूप में जल्दीर-जल्दी होते हैं तो उनके कारण होते हैं-
(1) अज्ञात कारणों से इन्डोमिट्रोसिस हो जाता है जिससे जननेद्रिय में पीड़ा होती है और जल्दी-जल्दी रक्त स्राव होता है।
(2) कभी-कभी कारण स्पष्ट नहीं होता तब कहा जाता है कि महिला को अपक्रियात्मक गर्भाशय (Uterus) रक्तस्राव है।
(3) डिंब (अंडाशय) में पुष्टि (confirmation in the ovum)
(4) दबाव।

सामान्य पांच दिन की अपेक्षा अगर माहवारी रक्त स्राव दो या चार दिन के लिए चले तो चिन्ता का कोई कारण होता है?

नहीं, चिन्ता की कोई जरूरत नहीं। समय के साथ पीरियड का स्वरूप बदलता है, एक चक्र से दूसरे चक्र में भी बदल जाता है।

भारी, लम्बे और अनियमित पीरियड होने पर क्या करना चाहिए?

(1) माहवारी चक्र का रिकॉर्ड रखें- कब खत्म हुए, कितना स्राव हुआ (कितने पैड काम में आए उनकी संख्या नोट करें और वे कितने भीगे थे) और अन्य कोई लक्षण आप ने महसूस किया हो तो उसे भी शामिल करें।
(2) यदि तीन महीने से ज्यादा समय तक समस्या चलती रहे तो डाक्टर से परामर्श करें।

माहवारी का अभाव क्या होता है?

यदि 16 वर्ष की आयु तक माहवारी न हो तो उसे माहवासी अभाव कहते हैं। कारण है-
(1) औरत के जनन तंत्र में जन्म से होने वाला विकास
(2) योनि (योनिच्छद) के प्रवेशद्वारा की झिल्ली में रास्ते की कमी
(3) मस्तिष्क की ग्रन्थियों में रोग।

पीरियड्स शुरू होने के पहले के क्या लक्षण हैं? मासिक धर्म में होने वाले अनियमितता एवं उसके घरेलु आयुर्वेदिक उपाय
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