Rudra Shiva : All People who worship the black Shivling are Same. All are equal.
काले शिवलिंग को पूजने वाले सभी एक वर्ण हैं। सभी समान है।
विचार - प्रभात कुमार
रुद्रं रूद्रेषु रुद्रियं हवामहे ||
अनेक रुद्रों में व्यापक रूप में रहने वाले पूजनीय एक रुद्र की हम प्रार्थना करते हैं। (ऋग्वेद)
शिव पुराण के विद्येश्वर संहिता में अध्याय 18 के अंतर्गत वर्णित है कि काले शिवलिंग को पूजने वाले सभी एक वर्ण हैं। अनेक छोटे छोटे रूद्र अनेक जीवात्मा हैं और उन सब में व्यापने वाला महान रूद्र सर्व्यापक परमात्मा ही है। इस विषय में यजुर्वेर्द में भी मंत्र है जिसमें यह मत प्रतिपादित है।
रुद्र परिवार इसी आस्था के साथ सभी जो काले शिवलिंग की उपासना करते हैं, परमपिता भगवान शिव को अपना गुरु मानते हैं, उनको बिना किसी भेदभाव के समान भाव से एक समान सबको रुद्र मानता है । रुद्रों का परिवार - रुद्र परिवार। एक पिता के संतानों की जाति या परिवार अलग अलग कैसे हो सकता है? फिर जब शिव हमारे परमपिता हैं और हम उनके पुत्र तो हम सब आपस में भाई हुए, फिर ऊंच-नीच कहां? सब बराबर। हिन्दू समाज के बिखराव के मूल कारण में समय के साथ नियम, परंपरा में परिर्वतन का न होना भी है। हमें यह भी याद रखनी चाहिए कि सुधार की गुंजाइश न देखते हुए हीं बाबा सहब अंबेदकर को अपने अनुयायियों के साथ हिन्दू धर्म छोड़ना पड़ा था। वो बिखराव आज भी जारी है। भगवान बुद्ध ने इसी को लक्ष्य करके एक कालखंड के उपरांत व्यवस्था में नये अचार विचार की आवश्यकता को लक्षित किया था। यह महापरिनिर्वाण के समय परिव्रजक सुभद्र के साथ उनकी वार्ता में निहित है। शांति में हीं उन्नती होती है, सुख संपन्नता आती है। इसके लिए आवश्यक है कि हम आपस में जुड़े। एकजुट हो बिना किसी भेद-भाव के सब शांतिपूर्ण जीवन संपन्नता के साथ जी सकें।