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गौ सेवा

Gau Seava Bihar

Author © Copyright: Sadhak Prabhat  गौ-माता, पंचगव्य और गोमूत्र से होने वाले लाभ की जानकारी तथा बिहार में चल रही गौ सेवा और उससे जुड़ी हुई गतिविधि की सूचना जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से निर्मित एवं गो-सेवा को समर्पित।

 
 गौसेवा बिहार प्रांत

गोसेवा बिहार

श्री गौ-माता संपूर्ण

गौ नमस्कार एवं प्रदक्षिणा मंत्र * गौ दुधारू है या नहीं, इसकी पहचान कैसे करें? * गाय का दूध बढ़ाने के उपाय * शरीर के रोग और उनका पंचगव्य चिकित्सा * गोघृत से चमत्कारी इलाज * गोमूत्र एक महौषधि है * गोमूत्र से कीटनाशक कैसे बनाएं? * गाय में पंच तत्व * गोपाल सहस्त्रनाम - भगवान श्रीकृष्ण के गोपालक रुप का पाठ * गोवर्धन पूजा और अन्नकूट * गोपाष्टमी

गौ सेवा क्या है?

सर्वे देवाः स्थिता देहे सर्वदेवमयी हि गौः

शास्त्रों के अनुसार हिन्दूधर्म में तैंतीस करोड़ देवता माने गये हैं। सम्पूर्ण विश्व - चराचर जगत के जड़ - चेतन सभी अवयवों के अधिष्ठातृ देवता होते हैं और इन सभी देवी-देवताओं का निवास गौ माता में होनेके कारण गौ विश्वरूप है। इतना ही नहीं, यहाँ तक कहा गया है कि 'गावो विश्वस्य मातरः' अर्थात् गाय चराचर जगत की माता है यानी अखिल विश्वका आधार गौ माता ही है। यही कारण है कि केवल गौ की पूजा एवं सेवा से सम्पूर्ण देवी- देवताओंका आराधन हो जाता है। हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता में भगवान श्री कृष्ण के समय से ही गोपालन की परंपरा रही है। यह संपूर्ण गोपालन के लिए ही विश्व में जानी जाती है। आगे इस गौरवशाली गोपालन की परंपरा को जीवंत रखने का प्रयास हीं गोसेवा (गौसेवा) है। हमारे यहाँ मान्यता है कि गाय की सेवा करने से जहां सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं, वहीं घर में सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है। इतना ही नहीं, गाय की सेवा से कुंडली के सभी दोष दूर हो जाते हैं। अगर आपके जीवन में भी कई परेशानियां हैं, जो गाय संबंधी इन उपायों को करने से आपके कष्ट जल्द दूर हो जाएंगे। धार्मिक मान्यता है कि गाय को खिलाई गई कोई भी चीज सीधे देवी-देवताओं तर पहुंचती है। इसलिए पहली रोटी गाय के लिए निकाली जाती है। गाय के लिए पहली रोटी निकालने से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है। चिकित्सा विज्ञान में भी गाय के पांच गव्यों का विभिन्न प्रयोग पाया जाता है। अगर देसी गाय को ऊपर यानी शिर के तरफ से नीचे की ओर सहलाया जाय तो रक्तचाप नियंत्रित होता है। इसी तरह के कई प्रयोग हैं। ज्योतिषिये दृष्टिकोण से भी कई लाभ देखे गए हैं।

निम्न ग्रहों के दुष्प्रभाव से भी बचाती हैं गौमाता -

बुध ग्रह के दुष्प्रभावों के नाश के लिए -कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होने पर या किसी और कारण से उसके दुष्प्रभाव झेलने पर बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाने की सलाह दी जाती है। इसे बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से तमाम समस्याएं दूर हो जाती हैं।

शनि संबन्धी समस्याओं के लिए - शनि से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या के लिए काले रंग की गाय की सेवा करने की सलाह दी जाती है। वहीं, अगर संभव हो तो किसी ब्राह्मण को काले रंग की गाय दान करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

मंगल से जुड़ी समस्याओं के लिए - कुंडली में मंगल दोष होने पर व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में लाल रंग की गाय की सेवा करें। मंगलवार के दिन गाय का पूजन करें और उसे गुड़ चना खिलाएं।

गुरु से जुड़ी परेशानी के लिए - बृहस्पति ग्रह आपके पक्ष में न हो तो विवाह में देरी होती है। शिक्षा व्यवधान आता है। साथ ही कई परेशानियां घेर लेती हैं। ऐसे में बृहस्पतिवार के दिन गाय को हल्दी से तिलक करें और आटे की लोई में गुड़ चने की दाल और चुटकी भर हल्दी डालकर खिलाएं।

पितृ दोष से मुक्ति के लिए - अगर किसी जातक की कुंडली में पितृ दोष है तो अमावस्या के दिन गाय को रोटी, गुड़, हरा चारा खिलाएं। वहीं, अगर रोजाना गाय की सेवा कर सकते हैं, तो बेहतर है। इससे पितृ दोष शांत होने के साथ अन्य ग्रह भी शांत होते हैं।

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गौ को नमस्कार करनेके मन्त्र Mantras to greet the cow