× SanatanShakti.in About Us Home Founder Religion Education Health Contact Us Privacy Policy
indianStates.in

गाय में पंच तत्व

Five elements in Gaay (Indian Cow)

गौ-माता, पंचगव्य और गोमूत्र से होने वाले लाभ की जानकारी जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से निर्मित वेब पेज, गो-सेवा को समर्पित।

गौ नमस्कार एवं प्रदक्षिणा मंत्र * गौ दुधारू है या नहीं, इसकी पहचान कैसे करें? * गाय का दूध बढ़ाने के उपाय * शरीर के रोग और उनका पंचगव्य चिकित्सा * गोघृत से चमत्कारी इलाज * गोमूत्र एक महौषधि है * गोमूत्र से कीटनाशक कैसे बनाएं? * गाय में पंच तत्व * गोपाल सहस्त्रनाम - भगवान श्रीकृष्ण के गोपालक रुप का पाठ * गोवर्धन पूजा और अन्नकूट * गोपाष्टमी

गाय में पंच तत्व -

भूमि तत्व - गोबर
वायु तत्व - गोमूत्र
जल तत्व - दूध
अग्नि तत्व - घी
आकाश तत्व - दही/छाछ

गाय का मट्ठा सुबह सूरज उगने से पहले पीने से चेतना ठीक होती है। शरीर के पंच तत्व में चेतना आकाश तत्व है।

गोमूत्र जो वायु तत्व है उससे ट्यूबरक्लोसिस एवं कैंसर से बचाव होता है। मधुमेह जैसा रोग गोमूत्र में सूक्ष्म मात्रा में सतरंगी( एक पौधा) मिलाकर 3 साल तक लगातार लेने पर जड़ से खत्म हो जाती है। तुलसी मिला हुआ गोमूत्र 20 - 25 दिन लेने पर यह पूर्ण ठीक हो जाता है। गोमूत्र में अमोनिया पाया जाता है जो बीपी को संतुलित करता है। इसके लिए नाक में डालने हेतु गोमूत्र में तुलसी मिला नक-औषधि आता है।

गाय का दूध जल तत्व है। यह हमारे शरीर एवं मन को स्वस्थ एवं तंदुरुस्त रखता है। देशी गाय के मौर्य (Hump) में सूर्य नाड़ी होती है जो सूर्य की किरण पड़ने पर सक्रिय हो जाती है और स्वर्ण धातु का निर्माण करती है। हंप सूर्य किरण को अवशोषित करती है जिससे स्वर्ण का निर्माण होता है। गाय के दूध‌ में पीलापन स्वर्णतत्व के कारण होता है।

लकवा का इलाज 20 से 25 साल पुराने धृत (अग्नि तत्व) के मालिश से होती है। यह सुखे खून/नस को फिर से सक्रिय कर देता है।

थायराइड हंसने या रोने से पहले गले में बना एक रस है जो हंसने रोने पर इस्तेमाल हो जाता है। जब इस्तेमाल नहीं हो पाता तब थायराइड का लेयर बन जाता है।

नोट - यह वेब पेज सिर्फ पंचगव्य और गोमूत्र चिकित्सा संबंधी जानकारी प्रदान करने हेतु है। चिकित्सा हेतु नहीं है। चिकित्सा हेतु प्रयोग से पूर्व किसी पंचगव्य और गोमूत्र चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।

 
गाय में पंच तत्व five elements in cow गौ

five elements in cow -

earth element - cow dung
air element - cow urine
water element - milk
Fire Element - Ghee
Sky element - curd/buttermilk

Consciousness is cured by drinking cow's whey in the morning before the sun rises. Consciousness is the sky element in the five elements of the body.
Cow urine, which is an air element, protects against tuberculosis and cancer. A disease like diabetes can be eradicated from the root if taken continuously for 3 years by mixing small quantity of Satrangi (a plant) in cow urine. Cow urine mixed with Tulsi is taken for 20-25 days, it gets cured completely. Ammonia is found in cow urine which balances BP. For this, nasal medicine is prepared by mixing tulsi in cow urine to put in the nose.
Cow's milk is water element. It keeps our body and mind healthy and fit. The Maurya (Hump) of the desi cow has Surya Nadi which gets activated when the sun rays fall on it and produces gold metal. The hump absorbs the sun rays from which gold is formed. Yellowness in cow's milk is due to gold element.
Paralysis is treated with the massage of 20 to 25 years old Dhrit (fire element). It reactivates the dried blood/vein.
Thyroid is a juice made in the throat before laughing or crying, which gets used when laughing and crying. When it is not used, then the layer of thyroid is formed.

Note - This web page is only for providing information related to Panchagavya and cow urine therapy. Not for medical purposes. Be sure to consult a Panchgavya and cow urine doctor before using it for medical purposes.

***********

www.indianstates.in

गाय में पंच तत्व five elements in cow