शनि बीज मंत्र एवं तंत्रोक्त प्रयोग विधि
Shani Beej Mantra and Tantrok method of use
शनि बीज मंत्र एवं तंत्रोक्त प्रयोग
शनि देव के मंत्रों के जाप से जीवन से हर कष्ट का अंत हो जाता है और स्वास्थ, नौकरी और व्यापार पर चल रहे संकट दूर होते हैं।
शनि देव का बीज मंत्र -
ॐ प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः ।।
शनि देव का बीज मंत्र का जप एवं प्रयोग विधि -
1. एक नई काले दानों की माला लें जिसे आप पहन सकें। इसी माला से आपको जप भी करना है और पहनना भी है। रुद्राक्ष या काली हकीक की माला हो तो और भी अच्छा।
2. ॐ प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः बीज मंत्र का जप शनि जयंती अथवा अमावस्या या शनिवार से प्रारम्भ करके लगातार 11 दिन तक 11 माला जप करना है। और जप के उपरांत उस माला को जिससे जप कर रहे हैं, पहन लेना है। यह क्रम लगातार 11 दिन चलेगा।
3. अब ग्यारहवें दिन कम से कम एक घंटा पहनने के बाद जब आप माला उतारें तो उसे काले कपड़े में रखें, साथ में एक मुठ्ठी तिल और 11 सिक्का भी रख दें। इसके बाद माला , तिल और सिक्का सभी सामग्री को उस काले कपड़े में बांध कर पोटली बना लें।
4. अब उस पोटली को अपने सर से पैर तक 11 बार स्पर्श करा लें।
5. काले रंग का धागा लेकर उससे अपनी कुल लंबाई नाप लें और उस लंबाई का 9 गुणा लंबा धागा ले लें। उदहारण के तौर पर अगर आपकी लंबाई 1 मीटर है तो आपको 9 मीटर लंबा धागा लेना है। इस धागे को पोटली पर लपेट दें।
6. अब इस को शनि मंदिर, नदी ,तालाब या निर्जन स्थान पर छोड़ दें। 7. मंदिर में गए हों तो मंदिर के पुजारी को यथा शक्ति दान अवश्य करें।***********