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शनि अष्टोत्तरशतनामावली - शनि देव के 108 नाम

Shani Ashtottarashatanamavali

शनि बीज मंत्र एवं तंत्रोक्त प्रयोग * शनि रक्षा स्तोत * शनि चालीसा * शनि गायत्री मंत्र * शनि अष्टोत्तरशतनामावली * शनि पौराणिक महामंत्र * शनि मूल मंत्र * शनि वैदिक मन्त्र * शनि जैन मंत्र * शनि पत्नी मंत्र * शनि माला मंत्र * शनि वज्रपिञ्जर कवचम् * शनि जयंती
 
शनि बीज मंत्र एवं तंत्रोक्त प्रयोग
 
आलेख © कॉपीराइट - साधक प्रभात (Sadhak Prabhat)

शनि अष्टोत्तरशतनामावली - शनि देव के 108 नाम

शनि देव के 108 नाम के जप में आप हर बार नमः के साथ तिल, कुमकुम, सिंदूर, चावल चढ़ा सकते हैं। कुछ भी न हो तो नमः कहकर नमस्कार कर लें। इसका नित्य पाठ करने से शनि सम्बन्धी सभी पीड़ाएँ समाप्त हो जाती हैं और उसके सभी बिगड़े कार्य बनने लगते हैं। साधक धन-धान्य, समृद्धि, वैभव से पूर्ण हो जाता है।

शनि अष्टोत्तरशतनामावली - शनि देव के 108 नाम

ॐ शनैश्चराय नमः ॥

ॐ शान्ताय नमः ॥

ॐ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः

ॐ शरण्याय नमः ॥

ॐ वरेण्याय नमः ॥

ॐ सर्वेशाय नमः ॥

ॐ सौम्याय नमः ॥

ॐ सुरवन्द्याय नमः ॥

ॐ सुरलोकविहारिणे नमः ॥

ॐ सुखासनोपविष्टाय नमः ॥

ॐ सुन्दराय नमः ॥

ॐ घनाय नमः ॥

ॐ घनरूपाय नमः ॥

ॐ घनाभरणधारिणे नमः ॥

ॐ घनसारविलेपाय नमः ॥

ॐ खद्योताय नमः ॥

ॐ मन्दाय नमः ॥

ॐ मन्दचेष्टाय नमः ॥

ॐ महनीयगुणात्मने नमः ॥

ॐ मर्त्यपावनपदाय नमः ॥

ॐ महेशाय नमः ॥

ॐ छायापुत्राय नमः ॥

ॐ शर्वाय नमः ॥

ॐ शततूणीरधारिणे नमः ॥

ॐ चरस्थिरस्वभा वाय नमः ॥

ॐ अचंचलाय नमः ॥

ॐ नीलवर्णाय नमः ॥

ॐ नित्याय नमः ॥

ॐ नीलांजननिभाय नमः ॥

ॐ नीलाम्बरविभूशणाय नमः ॥

ॐ निश्चलाय नमः ॥

ॐ वेद्याय नमः ॥

ॐ विधिरूपाय नमः ॥

ॐ विरोधाधारभूमये नमः ॥

ॐ भेदास्पदस्वभावाय नमः ॥

ॐ वज्रदेहाय नमः ॥

ॐ वैराग्यदाय नमः ॥

ॐ वीराय नमः ॥

ॐ वीतरोगभयाय नमः ॥

ॐ विपत्परम्परेशाय नमः ॥

ॐ विश्ववन्द्याय नमः ॥

ॐ गृध्नवाहाय नमः ॥

ॐ गूढाय नमः ॥

ॐ कूर्मांगाय नमः ॥

ॐ कुरूपिणे नमः ॥

ॐ कुत्सिताय नमः ॥

ॐ गुणाढ्याय नमः ॥

ॐ गोचराय नमः ॥

ॐ अविद्यामूलनाशाय नमः ॥

ॐ विद्याविद्यास्वरूपिणे नमः ॥

ॐ आयुष्यकारणाय नमः ॥

ॐ आपदुद्धर्त्रे नमः ॥

ॐ विष्णुभक्ताय नमः ॥

ॐ वशिने नमः ॥

ॐ विविधागमवेदिने नमः ॥

ॐ विधिस्तुत्याय नमः ॥

ॐ वन्द्याय नमः ॥

ॐ विरूपाक्षाय नमः ॥

ॐ वरिष्ठाय नमः ॥

ॐ गरिष्ठाय नमः ॥

ॐ वज्रांकुशधराय नमः ॥

ॐ वरदाभयहस्ताय नमः ॥

ॐ वामनाय नमः ॥

ॐ ज्येष्ठापत्नीसमेताय नमः ॥

ॐ श्रेष्ठाय नमः ॥

ॐ मितभाषिणे नमः ॥

ॐ कष्टौघनाशकर्त्रे नमः ॥

ॐ पुष्टिदाय नमः ॥

ॐ स्तुत्याय नमः ॥

ॐ स्तोत्रगम्याय नमः ॥

ॐ भक्तिवश्याय नमः ॥

ॐ भानवे नमः ॥

ॐ भानुपुत्राय नमः ॥

ॐ भव्याय नमः ॥

ॐ पावनाय नमः ॥

ॐ धनुर्मण्डलसंस्थाय नमः ॥

ॐ धनदाय नमः ॥

ॐ धनुष्मते नमः ॥

ॐ तनुप्रकाशदेहाय नमः ॥

ॐ तामसाय नमः ॥

ॐ अशेषजनवन्द्याय नमः ॥

ॐ विशेशफलदायिने नमः ॥

ॐ वशीकृतजनेशाय नमः ॥

ॐ पशूनां पतये नमः ॥

ॐ खेचराय नमः ॥

ॐ खगेशाय नमः ॥

ॐ घननीलाम्बराय नमः ॥

ॐ काठिन्यमानसाय नमः ॥

ॐ आर्यगणस्तुत्याय नमः ॥

ॐ नीलच्छत्राय नमः ॥

ॐ नित्याय नमः ॥

ॐ निर्गुणाय नमः ॥

ॐ गुणात्मने नमः ॥

ॐ निरामयाय नमः ॥

ॐ निन्द्याय नमः ॥

ॐ वन्दनीयाय नमः ॥

ॐ धीराय नमः ॥

ॐ दिव्यदेहाय नमः ॥

ॐ दीनार्तिहरणाय नमः ॥

ॐ दैन्यनाशकराय नमः ॥

ॐ आर्यजनगण्याय नमः ॥

ॐ क्रूराय नमः ॥

ॐ क्रूरचेष्टाय नमः ॥

ॐ कामक्रोधकराय नमः ॥

ॐ कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारणाय नमः ॥

ॐ परिपोषितभक्ताय नमः ॥

ॐ परभीतिहराय नमः ॥

ॐ भक्तसंघमनोऽभीष्टफलदाय नमः ॥

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