शनि पौराणिक महामंत्र
Shani Mythological Mantra
आलेख © कॉपीराइट - साधक प्रभात (Sadhak Prabhat)
शनि पौराणिक महामंत्र
शनि पौराणिक महामंत्र जीवन की सभी कठिनाइयों और चिंताओं को दूर करने की क्षमता रखता है। इस महामंत्र का जाप करके आप अपने जीवन स्तर को बहुत अच्छा कर सकते हैं।
शनि महा मंत्र -
नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
हिन्दी अर्थ- जिनका शरीर नीले वर्ण का है, जो छाया और सूर्य के पुत्र हैं एवं जो यम के बड़े भाई हैं। ऐसे शनि महाराज को हम बारंबार नमस्कार करते हैं।
शनि पौराणिक महामंत्र के जाप से लाभ -
शनि देव के इस मंत्र के जाप से साढ़े सती का दोष दूर होता है। साढ़े साती से ग्रसित व्यक्ति को शनि महामंत्र का 23000 बार जाप करने से लाभ प्राप्त होता है।
शनि महामंत्र जाप करने की विधि -
शनि महामंत्र जाप के जाप का सबसे अच्छा समय सुबह और शाम मेन होता है। प्रतिदिन इस मन्त्र को कम से 108 बार जपना चाहिए। भगवान हनुमान की तस्वीर या मूर्ति के सामने मुख करके इस मंत्र का जाप करने का विधान है।
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