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सरस्वती बीज मंत्र एवं जाप विधि

Saraswati Beej Mantra and chanting method

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सरस्वती विद्या मंत्र एवं जाप विधि सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा

सरस्वती बीज मंत्र एवं जाप विधि

सरस्वती बीज मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से बौद्धिक एवं आध्यात्मिक क्षमता मजबूत होती है। साहस, ज्ञान और आत्म-जागरूकता को बढ़ावा देती है। बौद्धिक कौशल और मौखिक शक्ति को बेहतर बनाता है। सरस्वती बीज मंत्र का 108 बार जाप करना है।

प्रत्येक बीज या श्रव्य बीज एक विशिष्ट देवता से जुड़ा हुआ है। बीज मंत्र संबंधित देवी-देवता की प्रत्यक्ष वंदना हैं। वास्तव में, वे उस ईश्वर की ध्वनि अभिव्यक्ति हैं, जिसका वे प्रतीक हैं।

सरस्वती बीज मंत्र -

|| ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः ||

देवी सरस्वती को नमस्कार।

मां सरस्वती का संपूर्ण मंत्र-

||ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः||

सरस्वती विद्या मंत्र एवं जाप विधि

सरस्वती बीज मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समय प्रात:काल है। इस मंत्र का जाप उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके प्रतिदिन 108 बार करें।

सरस्वती एकाक्षर बीज मंत्र -

ऐं

यह मन्त्र सरस्वती का बीज मन्त्र है। सूर्य ग्रहण के समय कुश की डंडी को शहद में भिगोकर इस शब्द को जीभ पर लिखकर साधक तब तक इसका मंत्र जप करता रहे जब तक कि सूर्य ग्रहण समाप्त न हो जाय । फिर दूसरे दिन से लगाकर लगातार 11 दिन तक इस मन्त्र का नित्य इक्कीस हजार जप करे। यह जप दिन को सफेद आसन पर सफेद वस्त्र धारण कर शुद्ध घी का दीपक जलाकर करे। ऐसा करने से साक्षात् सरस्वती प्रकट होती है और अविद्या का नाश कर सम्पूर्ण विद्याओं में पूर्ण श्रेष्ठता प्राप्त होने का वरदान देती है।

द्वयक्षर सरस्वती मंत्र -

1. आं लृं
2. ऐं लृं

त्र्यक्षर सरस्वती मंत्र -

ऐं रुं स्वों।

चतुर्क्षर सरस्वती मंत्र

ॐ ऐं नमः।

नवाक्षर सरस्वती मंत्र -

ॐ ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः

दशाक्षर सरस्वती मंत्र -

1. — वद वद वाग्वादिन्यै स्वाहा
2.- ह्रीं ॐ ह्रसौं ॐ सरस्वत्यै नमः।

एकादशाक्षर सरस्वती मंत्र -

ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं ॐ सरस्वत्यै नमः।

एकादशाक्षर-चिन्तामणि-सरस्वती मंत्र -

ॐ ह्रीं ह्स्त्रैं ह्रीं ॐ सरस्वत्यै नमः।

एकादशाक्षर-पारिजात-सरस्वती मंत्र

1.- ॐ ह्रीं ह्सौं ह्रीं ॐ सरस्वत्यै नमः |
2.- ॐ ऐं ह्स्त्रैं ह्रीं ॐ सरस्वत्यै नमः।

द्वादशाक्षर सरस्वती मंत्र -

ह्रीं वद वद वाग्-वादिनि स्वाहा ह्रीं

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