षोडशाक्षर सरस्वती मंत्र एवं जाप विधि
Saraswati Mantra and chanting method
षोडशाक्षर सरस्वती मंत्र एवं जाप विधि
सरस्वती मंत्र का नियमित जाप (उच्चारण) से जिन लोगों को सीखने में कठिनाई होती है, उनकी समस्या धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है। स्मरण शक्ति और समझने की शक्ति काफी विकसित हो जाती है। यह मंत्र एकाग्रता को बढ़ाता है। जिन लोगों को बोलने में दिक्कत आती है, वे लोग जो मंदबुद्धि है ,जिन्हें भूलने की बीमारी है, उनके लिए इस मंत्र का उच्चारण बहुत लाभप्रद साबित होता है । इससे उन्हें अपनी बोलने की प्रतिभा को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सरस्वती मंत्र -
ऐं नमः भगवति वद वद वाग्देवि स्वाहा।
सरस्वती महाभागे विद्ये कमललोचने ।
विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तुते ॥
अर्थ - एकाक्षरी वाग्देवी को नमस्कार है। वद वद वाग्देवि स्वाहा।
कमल के समान नेत्र वाली देवी सरस्वती को प्रणाम।
आप अनंत ज्ञान का अवतार हैं। मूझ पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें।
सरस्वती मंत्र एवं जाप विधि
सरस्वती मंत्र का जाप करने का सर्वोत्तम समय सुबह और शाम दोनों है। इस मंत्र का जाप उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके प्रतिदिन 64 बार लगातार 21 दिन तक जरूर करें।