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वर वरण (तिलक) वरीक्षा (छेका फलदान) मुहूर्त शुभ मुहूर्त वर्ष 2024

Varan Variksha Muhurat Auspicious Time Year 2024

शुभ मुहूर्त एवं नक्षत्र विज्ञान

विवाह शुभ मुहूर्त * वधूप्रवेश द्विरागमन मुहूर्त * नूतन वधु द्वारा पाकारंभ मुहूर्त * वर वरण वरीक्षा मुहूर्त * गृहप्रवेश मुहूर्त * उपनयन मुहूर्त * अन्नप्राशन मुहूर्त * नामकरण मुहूर्त * कर्णवेध मुहूर्त * मुंडन (चौल) मुहूर्त * अक्षरारंभ विद्यारंभ मुहूर्त * भूमि पूजन गृहारंभ मुहूर्त * वाहन मुहूर्त * सम्पत्ति क्रय मुहूर्त * व्यापार मुहूर्त * जलशयाराम देव प्रतिष्ठा मुहूर्त * हल प्रवहण बीजोप्ती मुहूर्त * कूपारम्भ बोरिंग मुहूर्त * स्वर्ण क्रय विक्रय मुहूर्त * मुहूर्त कितने प्रकार के होते हैं? * जानिए अपने सपनों का अर्थ * अंगों पर छिपकली गिरने का फल * हिंदू पंचांग एवं अयन * हिन्दू वर्ष एवं मास * भद्रा, तिथि,करण, योग, वार, पक्ष * खरमास, धनु संक्रान्ति क्या है? * मकर संक्रांति * कुंभ संक्रांति * मेष संक्रांति * कालसर्प योग एवं उसका निवारण
 
वर वरण वरीक्षा मुहूर्त
 

वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त वर्ष 2024

आलेख © कॉपीराइट - साधक प्रभात (Sadhak Prabhat)

हिंदू विवाह पद्धति में वरीक्षा संस्कार विवाह संस्कार का प्रथम चरण है। इसमें कन्या के परिवार वाले अपनी कन्या के लिये वर का वरण (चुनाव ) करते हैं और वरीक्षा संस्कार करते हैं जिसमें विवाह के पूर्व ही कन्या के पिता के द्वारा यह घोषणा होती है कि आज से आप मेरे कन्या के लिए श्रेष्ठ वर हैं। इसी संस्कार को छेका या फलदान भी कहते हैं।

वर वरण संस्कार को हम लोग आजकल तिलक के नाम से जानते हैं। यह विवाह संस्कार का दूसरा चरण है। इसमें पुरोहित वर को पूर्वाभिमुख तथा तिलक करने वाले (पिता, भाई आदि) पश्चिमाभिमुख बैठकर मंगलाचरण, षट्कर्म, तिलक, कलावा, कलशपूजन, गुरुवन्दना, गौरी-गणेश पूजन, सर्वदेव नमस्कार, स्वस्तिवाचन आदि कृत्य सम्पन्न करवाते हैं। इसके बाद कन्यादाता वर का यथोचित स्वागत-सत्कार (पैर धुलाना, आचमन कराना तथा हल्दी से तिलक करके अक्षत लगाना) कर, तदुपरान्त 'वर' को प्रदान की जाने वाली समस्त सामग्री (थाल-थान, फल-फूल, द्रव्य-वस्त्रादि) कन्यादाता हाथ में लेकर संकल्प मन्त्र बोलते हुए वर को प्रदान करते हैं।

पुरे कर्मकांड में सर्वाधिक महत्वपूर्ण संकल्प मन्त्र हीं है, अत: संकल्प मन्त्र दे रहा हूँ ताकि संकल्प सही से हो पाए। आमतौर पर शुद्ध उच्चरण होने में कठिनाई होती है।

कन्यादाता के लिए संकल्प मन्त्र -
ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः श्रीमद्भगवतो महापुरुषस्य विष्णोराज्ञया प्रवर्तमानस्य, अद्य श्रीब्रह्मणो द्वितीये पर्राधे श्रीश्वेतवाराहकल्पे, वैवस्वतमन्वन्तरे, भूर्लोके, जम्बूद्वीपे, भारतर्वषे, भरतखण्डे, आर्यावर्त्तैकदेशान्तर्गते, . उत्तर प्रदेश अंतर्गत क्षेत्रे, .......... विक्रमाब्दे ... विरोधकृत नाम....... संवत्सरे .......... मासानां मासोत्तमेमासे ...... .... मासे .......... पक्षे .......... तिथौ .......... वासरे .......... गोत्रोत्पन्नः ............(कन्यादाता) नामाऽहं ...............(कन्या-नाम) नाम्न्या कन्यायाः (भगिन्याः) करिष्यमाण उद्वाहकमर्णि एभिवर्रणद्रव्यैः ...............(वर का गोत्र) गोत्रोत्पन्नं ...............(वर का नाम) नामानं वरं कन्यादानार्थं वरपूजनपूर्वकं त्वामहं वृणे, तन्निमित्तकं यथाशक्ति भाण्डानि, वस्त्राणि, फलमिष्टान्नानि द्रव्याणि च...............(वर का नाम) वराय समपर्ये।

भगवान् गणेश आपके हर कार्य को शुभ एवं सफल बनाएँ।
हार्दिक शुभकामना।
- साधक प्रभात।

जनवरी में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारिख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र
1 16 जनवरी मंगलवार- पू. भाद्र / उ. भा. में।
2 17 जनवरी बुधवार- उ. भाद्र / रेवती में।
3 20 जनवरी शनिवार- कृत्तिका में।
4 21 जनवरी रविवार- रोहिणी में।
5 22 जनवरी सोमवार- मृगशिरा में।
6 27 जनवरी शनिवार- मघा में।
7 28 जनवरी रविवार- मघा / पूर्वा फा. में।
8 29 जनवरी सोमवार- पूर्वा फाल्गुनी / उत्तरा फाल्गुनी में।
9 30 जनवरी मंगलवार- उत्तरा फा. / हस्त में।
10 31 जनवरी बुधवार- हस्त में।

फरवरी में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारिख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र
1 2 फरवरी शुक्रवार- स्वाती में।
2 4 फरवरी रविवार- अनुराधा में।
3 6 फरवरी मंगलवार- मूल में।
4 7 फरवरी बुधवार- पूर्वा षाढ़ा में।
5 12 फरवरी सोमवार- पूर्वा भाद्र में।
6 13 फरवरी मंगलवार- उ. भाद्र / रेवती में।
7 14 फरवरी बुधवार- रेवती में।
8 16 फरवरी शुक्रवार- कृत्तिका में।
9 17 फरवरी शनिवार- कृत्तिका / रोहिणी में।
10 18 फरवरी रविवार- रोहिणी / मृगशिरा में।
11 19 फरवरी सोमवार- मृगशिरा में।
12 23 फरवरी शुक्रवार- मघा में।
13 24 फरवरी शनिवार- मघा में।
14 25 फरवरी रविवार- पूर्वा फाल्गुनी में।
15 26 फरवरी सोमवार- उत्तरा फाल्गुनी में।
16 27 फरवरी मंगलवार- हस्त में।
17 29 फरवरी गुरुवार- स्वाती में।

मार्च में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारिख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र
1 2 मार्च शनिवार- अनुराधा में।
2 3 मार्च रविवार- अनुराधा दिन में।
3 4 मार्च सोमवार- मूल में।
4 5 मार्च मंगलवार- मूल / पूर्वा पाढ़ा में।
5 6 मार्च बुधवार- पू.पा./ उ. षा. में।
6 11 मार्च सोमवार- उत्तरा भाद्र में।
7 12 मार्च मंगलवार- रेवती में।

अप्रैल में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारिख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र
1 18 अप्रैल गुरुवार- मघा में।
2 19 अप्रैल शुक्रवार- मघा / पूर्वा फा. में।

मई में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

इस माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

जून में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

इस माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

जुलाई में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारिख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र
1 2 जुलाई मंगलवार- कृत्तिका में।
2 3 जुलाई बुधवार- रोहिणी में।
3 4 जुलाई गुरुवार- मृगशिरा मासान्तदोष
4 9 जुलाई मंगलवार- मघा में।
5 10 जुलाई बुधवार- मघा / पूर्वा फा. में।
6 11 जुलाई गुरुवार- पूर्वा फाल्गुनी/उत्तरा फाल्गुनी में।
7 12 जुलाई शुक्रवार- उत्तरा फाल्गुनी में।
8 13 जुलाई शनिवार-
हस्त में।
9 15 जुलाई सोमवार-
स्वाती में।
10 17 जुलाई बुधवार- अनुराधा में।

अगस्त में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

इस माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

सितंबर में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

इस माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

अक्टूबर में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

इस माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

नवंबर में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारिख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र
1 17 नवम्बर रविवार- रोहिणी में।
2 18 नवम्बर सोमवार- मृगशिरा में।
3 22 नवम्बर शुक्रवार- मघा में।
4 23 नवम्बर शनिवार- मघा में।
5 24 नवम्बर रविवार- पूर्वा फाल्गुनी में।
6 25 नवम्बर सोमवार- उत्तरा फाल्गुनी में।
7 26 नवम्बर मंगलवार- हस्त में।
8 28 नवम्बर गुरुवार- स्वाती में।

दिसंबर में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारिख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र
1 2 दिसम्बर सोमवार- मूल में।
2 3 दिसम्बर मंगलवार- मूल / पूर्वा षाढ़ा में।
3 4 दिसम्बर बुधवार- पूर्वा षाढ़ा/ उत्तरा षाढ़ा में।
4 5 दिसम्बर गुरुवार- उत्तरा षाढ़ा दिन में।
5 8 दिसम्बर रविवार- पूर्वा भाद्र में।
6 9 दिसम्बर सोमवार- पूर्वा भाद्रपद / उत्तरा भाद्रपद में।
7 10 दिसम्बर मंगलवार- उत्तरा भाद्रपद / रेवती में।
8 13 दिसम्बर शुक्रवार- कृत्तिका में।
9 14 दिसम्बर शनिवार-
रोहिणी में।
10 15 दिसम्बर रविवार- मृगशिरा में।

भगवान् गणेश सब की मनोकामना पूर्ण करें

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वर वरण वरीक्षा मुहूर्त शुभ मुहूर्त वर्ष 2024 Varan Variksha Muhurat shubh muhoort