× SanatanShakti.in About Us Home Founder Religion Education Health Contact Us Privacy Policy
indianStates.in

वर वरण (तिलक) वरीक्षा (छेका फलदान) मुहूर्त शुभ मुहूर्त वर्ष 2025

Varan Variksha Muhurat Auspicious Time Year 2025

शुभ मुहूर्त एवं नक्षत्र विज्ञान

सूर्यग्रहण एवं चन्द्रग्रहण 2025 * विवाह शुभ मुहूर्त * वधूप्रवेश द्विरागमन मुहूर्त * नूतन वधु द्वारा पाकारंभ मुहूर्त * वर वरण वरीक्षा मुहूर्त * गृहप्रवेश मुहूर्त * भूमि पूजन गृहारंभ मुहूर्त * उपनयन मुहूर्त * अन्नप्राशन मुहूर्त * नामकरण मुहूर्त * कर्णवेध मुहूर्त * मुंडन (चौल) मुहूर्त * अक्षरारंभ विद्यारंभ मुहूर्त * वाहन मुहूर्त * सम्पत्ति क्रय मुहूर्त * व्यापार मुहूर्त * जलशयाराम देव प्रतिष्ठा मुहूर्त * हल प्रवहण बीजोप्ती मुहूर्त * कूपारम्भ बोरिंग मुहूर्त * स्वर्ण क्रय विक्रय मुहूर्त * इस वर्ष में पंचक * मुहूर्त कितने प्रकार के होते हैं? * जानिए अपने सपनों का अर्थ * अंगों पर छिपकली गिरने का फल * हिंदू पंचांग एवं अयन * हिन्दू वर्ष एवं मास * भद्रा, तिथि,करण, योग, वार, पक्ष * खरमास, धनु संक्रान्ति क्या है? * मकर संक्रांति * कुंभ संक्रांति * मेष संक्रांति * कालसर्प योग एवं उसका निवारण
 
वर वरण वरीक्षा मुहूर्त
 

वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त वर्ष 2025

आलेख © कॉपीराइट - साधक प्रभात (Sadhak Prabhat)

हिंदू विवाह पद्धति में वरीक्षा संस्कार विवाह संस्कार का प्रथम चरण है। इसमें कन्या के परिवार वाले अपनी कन्या के लिये वर का वरण (चुनाव ) करते हैं और वरीक्षा संस्कार करते हैं जिसमें विवाह के पूर्व ही कन्या के पिता के द्वारा यह घोषणा होती है कि आज से आप मेरे कन्या के लिए श्रेष्ठ वर हैं। इसी संस्कार को छेका या फलदान भी कहते हैं।

वर वरण संस्कार को हम लोग आजकल तिलक के नाम से जानते हैं। यह विवाह संस्कार का दूसरा चरण है। इसमें पुरोहित वर को पूर्वाभिमुख तथा तिलक करने वाले (पिता, भाई आदि) पश्चिमाभिमुख बैठकर मंगलाचरण, षट्कर्म, तिलक, कलावा, कलशपूजन, गुरुवन्दना, गौरी-गणेश पूजन, सर्वदेव नमस्कार, स्वस्तिवाचन आदि कृत्य सम्पन्न करवाते हैं। इसके बाद कन्यादाता वर का यथोचित स्वागत-सत्कार (पैर धुलाना, आचमन कराना तथा हल्दी से तिलक करके अक्षत लगाना) कर, तदुपरान्त 'वर' को प्रदान की जाने वाली समस्त सामग्री (थाल-थान, फल-फूल, द्रव्य-वस्त्रादि) कन्यादाता हाथ में लेकर संकल्प मन्त्र बोलते हुए वर को प्रदान करते हैं।

पुरे कर्मकांड में सर्वाधिक महत्वपूर्ण संकल्प मन्त्र हीं है, अत: संकल्प मन्त्र दे रहा हूँ ताकि संकल्प सही से हो पाए। आमतौर पर शुद्ध उच्चरण होने में कठिनाई होती है।

कन्यादाता के लिए संकल्प मन्त्र -
ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः श्रीमद्भगवतो महापुरुषस्य विष्णोराज्ञया प्रवर्तमानस्य, अद्य श्रीब्रह्मणो द्वितीये पर्राधे श्रीश्वेतवाराहकल्पे, वैवस्वतमन्वन्तरे, भूर्लोके, जम्बूद्वीपे, भारतर्वषे, भरतखण्डे, आर्यावर्त्तैकदेशान्तर्गते, . उत्तर प्रदेश अंतर्गत क्षेत्रे, .......... विक्रमाब्दे ... विरोधकृत नाम....... संवत्सरे .......... मासानां मासोत्तमेमासे ...... .... मासे .......... पक्षे .......... तिथौ .......... वासरे .......... गोत्रोत्पन्नः ............(कन्यादाता) नामाऽहं ...............(कन्या-नाम) नाम्न्या कन्यायाः (भगिन्याः) करिष्यमाण उद्वाहकमर्णि एभिवर्रणद्रव्यैः ...............(वर का गोत्र) गोत्रोत्पन्नं ...............(वर का नाम) नामानं वरं कन्यादानार्थं वरपूजनपूर्वकं त्वामहं वृणे, तन्निमित्तकं यथाशक्ति भाण्डानि, वस्त्राणि, फलमिष्टान्नानि द्रव्याणि च...............(वर का नाम) वराय समपर्ये।

भगवान् गणेश आपके हर कार्य को शुभ एवं सफल बनाएँ।
हार्दिक शुभकामना।
- साधक प्रभात।

जनवरी में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारीख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र
1 17 जनवरी शुक्रवार मघा/पू.फा. में।
2 18 जनवरी शनिवार पू.फा/उ.फा. में।
3 19 जनवरी रविवार उ.फा./हस्त में।
4 20 जनवरी सोमवार हस्त में
5 22 जनवरी बुधवार स्वाती में।
6 24 जनवरी शुकवार अनुराधा में।
7 26 जनवरी रविवार मूल में।
8 27 जनवरी शनिवार मूल/पू. वा. में।
     
     

फरवरी में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारीख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र
1 1 फरवरी शनिवार पू. भा. में।
2 2 फरवरी रविवार उ. भा. में।
3 3 फरवरी सोमवार रेवती में।
4 6 फरवरी गुरुवार कृत्तिका में।
5 7 फरवरी शुक्रवार रोहिणी में।
6 8 फरवरी शनिवार मृगशिरा में।
7 12 फरवरी बुधवार मघा में।
8 13 फरवरी गुरुवार मघा में।
9 14 फरवरी शुक्रवार पू. फा. में।
10 15 फरवरी शनिवार उ. फा. में।
11 16 फरवरी रविवार हस्त में।
12 18 फरवरी मंगलवार स्वाती में।
13 20 फरवरी गुरुवार अनुराधा में।
14 21 फरवरी शुक्रवार अनुराधा में।
15 22 फरवरी शनिवार मूल में।
16 23 फरवरी रविवार मूल/पू. षा. में।
17 24 फरवरी सोमवार पू. षा./उ. षा. में।
18 25 फरवरी मंगलवार उ. षा. में।
     
     

मार्च में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारीख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र
1 1 मार्च शनिवार पू. भा. /उ. भा. में।
2 2 मार्च रविवार उ. भा. रेवती में।
3 5 मार्च बुधवार कृत्तिका में।
4 6 मार्च गुरुवार रोहिणी में।
5 7 मार्च शुक्रवार मृगशिरा में।

अप्रैल में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारीख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र
1 14 अप्रैल सोमवार स्वाती में।
2 15 अप्रैल मंगलवार अनुराधा में।
3 18 अप्रैल शुक्रवार मूल में।
4 19 अप्रैल शनिवार मूल/पू. षा. में।
5 20 अप्रैल रविवार पू. षा./उ. षा. में।
6 24 अप्रैल गुरुवार पू. भा. में।
7 25 अप्रैल शुक्रवार उ. भा. में।
8 29 अप्रैल मंगलवार कृत्तिका में।
9 30 अप्रैल बुधवार रोहिणी में।
     

मई में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारीख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र  
1 1 मई गुरुवार मृगशिरा में।
2 5 मई सोमवार मघा में।
3 6 मई मंगलवार मघा/पू. फा. में।
4 7 मई बुधवार पू. फा. में।
5 8 मई गुरुवार उ. फा. में।
6 9 मई शुक्रवार हस्त में।
7 13 मई मंगलवार अनुराधा में।
8 14 मई बुधवार अनुराधा में।
9 15 मई गुरुवार मूल में।
10 16 मई शुक्रवार मूल/पू. पा. में।
11 17 मई शनिवार पू. षा./उ. षा. में।
12 18 मई रविवार उ.षा. में।
13 22 मई गुरुवार पू.भा./उ.भा. में।
14 23 मई शुक्रवार उ. भा. रेवती में।
15 24 मई शनिवार रेवती में।
16 28 मई बुधवार मृगशिरा में।
     

 

जून में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारीख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र  
1 2 जून सोमवार मघा में।
2 3 जून मंगलवार उ. फा. में।
3 4 जून बुधवार उ. फा. में।
4 5 जून गुरुवार हस्त में।
5 7 जून शनिवार स्वाती में।

 

जुलाई में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

इस माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

अगस्त में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

इस माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

सितंबर में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

इस माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

अक्टूबर में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

इस माह में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

नवंबर में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारीख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र  
1 18 नवम्बर मंगलवार स्वाती में।
2 21 नवम्बर शुक्रवार अनुराधा में।
3 22 नवम्बर शनिवार मूल में।
4 23 नवम्बर रविवार मूल में।
5 24 नवम्बर सोमवार पू.पा. में।
6 25 नवम्बर मंगलवार उ. पा. में।
7 29 नवम्बर शनिवार पू. भा. में।
8 30 नवम्बर रविवार उ. भा. में।
     
     

दिसंबर में वरण वरण (तिलक ) वरीक्षा (छेका फलदान सगाई) शुभ मुहूर्त

  तारीख और दिन मुहूर्त का नक्षत्र  
1 1 दिसम्बर सोमवार रेवती में।
2 4 दिसम्बर गुरुवार कृत्तिका/रोहिणी में।
3 5 दिसम्बर शुक्रवार रोहिणी/मृगशिरा में।
4 10 दिसम्बर बुधवार मघा में।
5 11 दिसम्बर गुरुवार मधा/पू.फा. में।
6 12 दिसम्बर शुक्रवार पू.फा./उ.फा. में।
7 13 दिसम्बर शनिवार उ.फा./हस्त में।
8 15 दिसम्बर सोमवार स्वाती में।
     
     

भगवान् गणेश सब की मनोकामना पूर्ण करें

www.indianstates.in

***********

वर वरण वरीक्षा मुहूर्त शुभ मुहूर्त वर्ष 2025 Varan Variksha Muhurat shubh muhoort