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दीपावली में बही खाता सरस्वती पूजन

Bookkeeping Saraswati Puja in Diwali

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दीपावली में बहीखाता सरस्वती पूजन

॥ श्रीहरिः ॥

दीपावली में बहीखाता सरस्वती पूजन

Bookkeeping Saraswati Puja in Diwali


आलेख - साधक प्रभात (Sadhak Prabhat)

दीपावली में बही-खाता का पूजन किया जाता है, खासकर व्यापारी वर्ग में। इसमें माता सरस्वती की पूजा की जाती है। दीपावली की सरस्वती पूजा को शारदा पूजा और चोपड़ा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। बही-खाता सरस्वती पूजन प्रारम्भ करने के लिये, पूजा स्थल पर बही-खाते या कोई अन्य किताब पर रोचन अथवा लाल चन्दन के मिश्रण से एक स्वस्तिक चिह्न बनाया जाना चाहिये। बही-खातों पर स्वस्तिक चिह्न बनाने के पश्चात सरस्वती पूजन, माता सरस्वती के ध्यान से शुरू करें।

सरस्वती ध्यान

या कुन्देन्दुतुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता ।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ॥
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता ।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥

जो कुन्द-पुष्प और हिम-माला के समान उज्जवल-वर्णा हैं, जो उज्जवल वस्त्र-धारिणी हैं, जो सुन्दर वीणा-दण्ड से सुशोभित कर-कमलोंवाली हैं और जो सदा ब्रह्मा-विष्णु-महेश आदि देवताओं द्वारा वन्दिता हैं, वे जड़ता को निर्मूल करनेवाली भगवती सरस्वती मेरी रक्षा करें।

अब माता सरस्वती का आवाहन करें -

आगच्छ देव-देवेशि ! तेजोमयि सरस्वति!
क्रियमाणां मया पूजां गृहाण सुर-वन्दिते!
॥ श्रीसरस्वती देवीं आवाहयामि ॥

हे देवताओं की ईश्वरी! तेज-मयी हे देवि, सरस्वति! हे देव-वन्दिते! आइए, मेरे द्वारा की जानेवाली पूजा को स्वीकार करें। मै श्रीसरस्वती का आवाहन करता हूँ ॥

अब पाँच पुष्प अञ्जलि में लेकर अपने सामने, बही-खाते या पुस्तकों आदि के निकट निम्न मन्त्र पढ़कर पुष्पाञ्जलि करें -

नाना-रत्न- समायुक्तं, कार्त - स्वर - विभूषितम् ।
आसनं देव-देवेशि ! प्रीत्यर्थं प्रति गृह्यताम् ॥
॥ श्रीसरस्वती देव्यै आसनार्थे पञ्च-पुष्पाणि समर्पयामि ॥

हे देवताओं की ईश्वरी! विविध प्रकार के रत्नों से युक्त स्वर्ण-सज्जित आसन को प्रसन्नता हेतु ग्रहण करें। श्रीमहा सरस्वती के आसन के लिए मैं पाँच पुष्प अर्पित करता हूँ ॥

अब 'चन्दन-अक्षत-पुष्प-धूप-दीप-नैवेद्य' से श्रीमहा सरस्वती का पूजन निम्न मन्त्रों से करें -

ॐ श्रीसरस्वती देव्यै नमः पादयोः पाद्यं समर्पयामि ।
ॐ श्रीसरस्वती - देव्यै नमः शिरसि अर्घ्यं समर्पयामि ।
ॐ श्रीसरस्वती देव्यै नमः गन्धाक्षतं समर्पयामि ।
ॐ श्रीसरस्वती - देव्यै नमः पुष्पं समर्पयामि ।
ॐ श्रीसरस्वती देव्यै नमः धूपं घ्रापयामि ।
ॐ श्रीसरस्वती देव्यै नमः दीपं दर्शयामि ।
ॐ श्रीसरस्वती देव्यै नमः नैवेद्यं समर्पयामि ।
ॐ श्रीसरस्वती देव्यै नमः आचमनीयं समर्पयामि ।
ॐ श्रीसरस्वती - देव्यै नमः ताम्बूलं समर्पयामि ।

अब बाएँ हाथ में गन्ध, अक्षत, पुष्प लेकर दाहिने हाथ द्वारा निम्न मन्त्र पढ़ते हुए 'बही-खाते' या 'पुस्तकों' आदि पर छींटें -

ॐ श्रीसरस्वत्यै नमः ।
अनेन पूजनेन श्रीसरस्वती देवी प्रीयताम् । नमो नमः ।

श्रीसरस्वती को नमस्कार। इस पूजन से श्रीसरस्वती देवी प्रसन्न हों, उन्हें बारम्बार नमस्कार।

श्री महालक्ष्मी माई की जय

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