दीपावली दीपमालिका पूजन विधि एवं मंत्र
Diwali Deepmalika worship method and mantra
॥ श्रीहरिः ॥
दीपावली दीपमालिका पूजन विधि एवं मंत्र
Diwali Deepmalika worship method and mantra
आलेख - साधक प्रभात (Sadhak Prabhat)
दीपावली दीपमालिका पूजन विधि
एक थाली में ग्यारह, इक्कीस या उससे अधिक या कम यथाशक्ति दीपक प्रज्वलित कर उन्हें महालक्ष्मी के सामने की ओर रखकर उस दीपमालिका की इस प्रकार ध्यान करें -
ध्यान
भो दीप ! ब्रह्म-रूपस्त्वं ह्यन्धकार- विनाशकः !
गृहाण मया कृतां पूजां, ओजस्तेजः प्रवर्धय ।।
हे दीप! आप अन्धकार का नाश करनेवाले ब्रह्म-स्वरूप हैं। मेरे द्वारा की गई पूजा को ग्रहण करें और ओज तथा तेज की वृद्धि करें।
फिर दीप की इन मन्त्रों से पुष्पाञ्जलि करें -
ॐ दीप - वृक्षाय नमः ।
दीप-वृक्ष को नमस्कार है।
अब निम्न मंत्र द्वारा दीप माला का गंध, धूप, दीप से पूजन करें -
ॐ दीपावल्यै नमः
इसके पश्चात नैवेद्य जिसमें अपने अनुसार गन्ना, सीताफल सिंघाड़े, साल की धानी इत्यादि पदार्थ अर्पित करें।
फिर प्रार्थना करें -
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुख-सम्पदम् ।
मम बुद्धि- प्रकाशं च दीप-ज्योतिर्नमोऽस्तु ते ।।
शुभं भवतु कल्याणमारोग्यं पुष्टिवर्धनम् ।
आत्म-तत्त्व-प्रबोधाय दीप - ज्योतिर्नमोऽस्तु ते ।।
दीपावलिर्मया दत्ता गृहाण त्वं सुरेश्वरि !
अनेन दीप दानेन ज्ञान -दृष्टि-प्रदा भव ।।
दीप-ज्योति शुभ करे, कल्याण करे, आरोग्य करे, सुख-सम्पदा प्रदान करे, मेरी बुद्धि को प्रकाशित करे- दीप-ज्योति-रूपा आप भगवती को नमस्कार। शुभ कल्याण और आरोग्य हो तथा पुष्टि की वृद्धि हो। आत्म-तत्त्व को प्रबुद्ध करने के लिए दीप-ज्योति है। आपको नमस्कार। हे देवेश्वरि! मेरे द्वारा अर्पित दीप-पंक्ति को आप स्वीकार करें और इस दीप-दान से आप मुझे ज्ञान-दृष्टि-दायिनी हों।
दीप-मालिका का पूजन करने के बाद दीप-मालिका को नमस्कार करे एवं पञ्च-पात्र से दाहिने हाथ में जल लेकर दीप-मालिका के चारों ओर घुमाते हुए भूमि पर छिड़क दे।
अब साल की धानी अथवा धान का लावा जो भी आपने चढ़ाया है वह भगवान् गणेश एवं भगवती लक्ष्मी की नवीन मूर्तियों, तिजोरी, बही-खातों के सम्मुख अर्पित करें। अंत में इन सभी दीपकों द्वारा घर या व्यापारिक प्रतिष्ठान को सजाएँ। इसके पश्चात दीपक और कपूर से श्री महालक्ष्मी की महाआरती करें।