सूर्य माहात्म्य - बारहवाँ अध्याय उमामहेश्वर संवाद
Surya Mahatmya - Twelfth Chapter Umamaheshwar Samvad
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सूर्य माहात्म्य - बारहवाँ अध्याय उमामहेश्वर संवाद
श्रीमहापुराण सूर्य माहात्म्य की रचन गोस्वामी तुलसी दास जी ने की है। इसमें कुल बारह अध्याय हैं।
उमामहेश्वर संवाद
चौपाई
सो सुन उमा हर्ष अति भई।
माया मोह व्यथा सब गई ॥
धन्य धन्य सुन शङ्कर स्वामी ।
कथा कहौं निज हरषित गामी॥
जन रक्षक रवि पूजत लोगा ।
करहिं अनंद मिटहिं सब रोगा॥
कथा और पुनि कहा गोसाईं ।
सो तुम और कछु करौ सहाई॥
॥ इति श्रीमहापुराणे सूर्यमाहात्म्ये उमामहेश्वरसंवादे सूर्य- कथावर्णनो नाम द्वादशोऽध्यायः ॥ 12॥
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