सर्व कामनापूरक हनुमान मंत्र
Hanuman Mantra for all wishes
सर्व कामनापूरक हनुमान मंत्र
सर्व कामनापूरक हनुमान मंत्र का कितना जप करना चाहिए ?
सर्व कामनापूरक हनुमान मंत्र का जप किसी भी मंगलाचार के दिन किसी भी नदी के किनारे जाकर वहां की मिट्टी से हनुमान की मूर्ति बनाकर, विधिवत् पूजा-अर्चना करके करें। इस मंत्र का पुरश्चरण 12 लाख मंत्र जप से होता है। मंत्र सिद्ध होने के पश्चात् हनुमान साधक के वशीभूत होकर उसकी हर इच्छा पूरी करते हैं। यदि साधक किसी कठिन समय में इस मंत्र का 15 बार उच्चारण करता है, तो हनुमान जी तत्काल प्रकट होकर उसकी सहायता करते हैं, उसकी इच्छा पूरी करते हैं।
सर्व कामनापूरक हनुमान मंत्र न्यास
ॐ ह्रां अञ्जनीसुताय अङ्गुष्ठाभ्यां नमः ।
ॐ ह्रीं रुद्रमूर्तये तर्जनीभ्यां नमः ।
ॐ हूं रामदूताय मध्यमाभ्यां नमः ।
ॐ ह्रैं वायुपुत्राय अनामिकाभ्यां नमः ।
ॐ ह्रौं अग्निगर्भाय कनिष्ठिकाभ्यां नमः ।
ॐ ह्रः ब्रह्मास्त्र- निवारणाय करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः ।
ॐ अञ्जनीसुताय हृदयाय नमः ।
ॐ रुद्रमूर्तये शिरसे स्वाहा। ॐ रामदूताय शिखायै वषट् ।
ॐ वायुपुत्राय कवचाय हुम् ।
ॐ अग्निगर्भाय नेत्रत्रयाय वौषट् । ॐ ब्रह्मास्त्रनिवारणाय अस्त्राय फट् ।।
सर्व कामनापूरक हनुमान मंत्र ध्यान
ध्यायेद् बालदिवाकरद्युतिनिभं देवारिदर्पापहं
देवेन्द्रप्रमुखं प्रशस्तयशसं देदीप्यमानं रुचा ।
सुग्रीवादिसमस्तवानरयुतं सुव्यक्ततत्त्वप्रियं
संरक्तारुणलोचनं पवनजं पीताम्बरालंकृतम् ॥
ध्यान का हिंदी भावार्थ -
प्रातःकालीन सूर्यके सदृश जिनकी शरीर-कान्ति है, जो राक्षसों का अभिमान दूर करनेवाले, देवताओं में एक प्रमुख देवता, लोकविख्यात यशस्वी और अपनी असाधारण शोभा से देदीप्यमान हो रहे है, सुग्रीव आदि सभी वानर जिनके साथ हैं, जो सुव्यक्त तत्त्व के प्रेमी हैं , जिनकी आँखे अतिशय लाल-लाल है और जो पीले वस्त्रों से अलंकृत हैं, उन पवनपुत्र श्रीहनुमानजी- का ध्यान करना चाहिये।