शत्रु-संकट निवारण के लिये हनुमान मंत्र
Hanuman Mantra to get rid of enemy troubles
शत्रु-संकट निवारण के लिये हनुमान मंत्र
शत्रु-संकट निवारण के लिये हनुमान मंत्र का कितना जप करना चाहिए ?
सभी प्रकार के शत्रु-संकट निवारण करने के लिये इस मंत्र का जाप हर मंगलवार और शनिवार के दिन करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति में आत्मविश्वास आता है और उस उसके शत्रु हावी नहीं होते हैं। इस मन्त्रके सिद्ध कर लेनेपर शत्रु-भय दूर हो जाता है। यह मंत्र केवल 15000 जप से सिद्ध हो जाता है। आवश्यकता है विश्वास और श्रद्धा की।
हनुमान मंत्र को सिद्ध करने के लिये हनुमान जी के मन्दिर में जाकर हनुमान जी की पंचोपचार पूजा करें और शुद्ध घृत का दीपक जलाकर भीगी हुई चने की दाल और गुड़ का प्रसाद का भोग लगाएं और अंत में जप के दशमांश से हवन करें।
शत्रु-संकट निवारण के लिये हनुमान मंत्र न्यास
ॐ ह्रां अञ्जनीसुताय अङ्गुष्ठाभ्यां नमः ।
ॐ ह्रीं रुद्रमूर्तये तर्जनीभ्यां नमः ।
ॐ हूं रामदूताय मध्यमाभ्यां नमः ।
ॐ ह्रैं वायुपुत्राय अनामिकाभ्यां नमः ।
ॐ ह्रौं अग्निगर्भाय कनिष्ठिकाभ्यां नमः ।
ॐ ह्रः ब्रह्मास्त्र- निवारणाय करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः ।
ॐ अञ्जनीसुताय हृदयाय नमः ।
ॐ रुद्रमूर्तये शिरसे स्वाहा। ॐ रामदूताय शिखायै वषट् ।
ॐ वायुपुत्राय कवचाय हुम् ।
ॐ अग्निगर्भाय नेत्रत्रयाय वौषट् । ॐ ब्रह्मास्त्रनिवारणाय अस्त्राय फट् ।।
शत्रु-संकट निवारण के लिये हनुमान मंत्र ध्यान
ध्यायेद् बालदिवाकरद्युतिनिभं देवारिदर्पापहं
देवेन्द्रप्रमुखं प्रशस्तयशसं देदीप्यमानं रुचा ।
सुग्रीवादिसमस्तवानरयुतं सुव्यक्ततत्त्वप्रियं
संरक्तारुणलोचनं पवनजं पीताम्बरालंकृतम् ॥
ध्यान का हिंदी भावार्थ -
प्रातःकालीन सूर्यके सदृश जिनकी शरीर-कान्ति है, जो राक्षसों का अभिमान दूर करनेवाले, देवताओं में एक प्रमुख देवता, लोकविख्यात यशस्वी और अपनी असाधारण शोभा से देदीप्यमान हो रहे है, सुग्रीव आदि सभी वानर जिनके साथ हैं, जो सुव्यक्त तत्त्व के प्रेमी हैं , जिनकी आँखे अतिशय लाल-लाल है और जो पीले वस्त्रों से अलंकृत हैं, उन पवनपुत्र श्रीहनुमानजी- का ध्यान करना चाहिये।
शत्रु-संकट निवारण के लिये हनुमान मंत्र
ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुखहनुमते टं टं टं टं टं दं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।