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नवार्ण मन्त्र का जप कैसे करना है? नवरात्र में मंत्र जप कैसे करते हैं?

How to chant Navarna Mantra? How to chant mantra during Navratri?

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Matangi Devi
आलेख © कॉपीराइट - साधक प्रभात (Sadhak Prabhat)

नवार्ण मन्त्र का जप कैसे करना है ? नवरात्र में मंत्र जप कैसे करते हैं?

How to chant Navarna Mantra? How to chant mantra during Navratri?

माला सिद्धि मंत्र

देवी की पूजा करने के बाद नवार्ण मन्त्र का जप 108 या 1008 बार करना चाहिये। जप आरम्भ करनेके पहले 'ऐं ह्रीं अक्षमालिकायै नम:' इस मन्त्रसे मालाकी पूजा करे-

ऐं ह्रीं अक्षमालिकायै नमः||

अब इस प्रकार प्रार्थना करना है -

ॐ मां माले महामाये सर्वशक्तिस्वरूपिणी ।
चतुर्वर्गस्त्वयि न्यस्तस्तस्मान्मे सिद्धिदा भव ।।
ॐ अविघ्नं कुरु माले त्वं गृहणामि दक्षिणे करे ।
जपकाले च सिध्दयर्थ प्रसीद मम सिद्धये ।।

ॐ हे महामाये माले! तुम सर्वशक्ति स्वरूपिणी हो ।
तुम्हारेमें समस्त चतुर्वर्ग अधिष्ठित हैं इसलिये मुझे सिद्धि देनेवाली होओ ।।
ॐ हे माले! मैं तुम्हें दायें हाथसे ग्रहण करता हूँ।
मेरे जपमें विघ्नोंका नाश करो, जप करते समय किये गये संकल्पित कार्योंमें सिद्धि प्राप्त करनेके लिये और मन्त्र- सिद्धिके लिये मेरे ऊपर प्रसन्न होओ ।।

ॐ अक्षमालाधिपतये सुसिद्धिं देहि देहि सर्वमन्त्रार्थसाधिनि साधय साधय सर्वसिद्धिं परिकल्पय परिकल्पय मे स्वाहा ।

इस प्रकार प्रार्थना करके अब मंत्र का जप शुरू करें ।

मंत्र का जप जैसे - ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
इस मंत्र की जगह आप कोई और मंत्र भी कर सकते हैं।

जप पूरा करके उसे भगवती को समर्पित करते हुए इन मंत्रो को बोलकर ही आसन से उठना चाहिये।

अपराध सहस्त्राणि क्रियन्तेअहर्निशि मया ।
दासोअयिमितिमां मत्वा क्षम्यतां परमेश्वर ।।
मंत्र हीनं क्रिया हीनं भक्तिहीनं जनार्दन ।
यत्पूजितं मायादेव परिपूर्ण तदस्तु मे ।।
गुह्रातिगुह्रागोप्त्री त्वं गृहाणास्मत्कृतं जपम ।
सिद्धिभर्वतु मे देवि त्वत्प्रसादान्महेश्वरी ।।

परमेश्वरी! मेरे द्वारा रात-दिन सहस्त्रों अपराध होते रहते है। 'यह मेरा दास है' यों समझकर मेरे उन अपराधो को तुम कृपापूर्वक क्षमा करो। ॥
देवि सुरेश्वरी! मैंने जो मन्त्रहीन , क्रियाहीन और भक्तिहीन पूजन किया है, वह सब आपकी कृपा से पूर्ण हो ॥
देवि सुरेश्वरी! तुम गोपनीय से भी गोपनीय वास्तु की रक्षा करनेवाली हो। मेरे निवेदन किये हुए इस जप को ग्रहण करो। तुम्हारी कृपा से मुझे सिद्धि प्राप्त हो॥

*****माता आपके जप को सिद्ध करें। आपका कल्याण हो।*****

How to chant Navarna Mantra? How to chant mantra during Navratri?

aim hreem akshmalikaayai namah ||

om maa male mahaamaye sarvshaktiswarupini |
chaturvargstvayi nyaststsmaanme siddhida bhav ||
om avighnam kuru male twam grahnaami dakshine kare |
japakale cha siddhyarth praseed mam saiddhye ||

om akshmaalaadhipataye susiddhim dehi dehi sarvmantraarthsaadhini saadhay saadhay sarvsiddhim parikalpay parikalpay me swaahaa ।

After praying like this, now start chanting the mantra.

chanting

After completing the chanting, one should get up from the seat after reciting these mantras and dedicating it to Bhagwati.

aparaadh sahastraani keiyanteaharnishi mayaa |
daasoayimitimaam matwa kshamyataam parameshwar ||
mantra heenam kriyaa heenam bhaktiheenam janaardan |
yatpoojitam maayadev paripoorn tadastu me ||
guhratiguhragoptri twam grihaanaamsmatkritam japam |
siddhibharvatu me devi tawatprasaadaanmaheshwari ||

 
श्री दुर्गा सप्तशती पाठ सूची * पहला अध्याय - मधु-कैटभ वध का प्रसङ्ग * दूसरा अध्याय - महिषासुर की सेना का वध * तीसरा अध्याय - सेनापतियों सहित महिषासुर का वध * चौथा अध्याय - इन्द्रादि देवताओं द्वारा देवी की स्तुति * पाँचवाँ अध्याय - अम्बिकाके रूपकी प्रशंसा सुनकर शुम्भका उनके पास दूत भेजना * छठा अध्याय - धूम्रलोचन - वध * सातवाँ अध्याय - चण्ड और मुण्डका वध * आठवाँ अध्याय - रक्तबीज-वध * नवाँ अध्याय - निशुम्भ वध * दसवाँ अध्याय - शुम्भ वध * ग्यारहवाँ अध्याय - देवी द्वारा देवताओंको वरदान * बारहवाँ अध्याय - देवी चरित्रोंके पाठका माहात्म्य * तेरहवाँ अध्याय - सुरथ और वैश्य को देवी का वरदान
 

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