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माँ दुर्गा के नौ रूप

Nine Forms of Maa Durga

शारदीय नवरात्रि घटस्थापना एवं पारण का शुभ मुहूर्त * दुर्गा पूजा विधान * श्री सप्तश्लोकी दुर्गा * दुर्गा सप्तशती कवच * दुर्गा सप्तशती अर्गला * दुर्गा सप्तशती कीलक * सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् * श्री दुर्गा चालीसा * श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा * श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्र * दुर्गा मन्त्र * श्री दुर्गा आरती * श्री विन्ध्येश्वरी आरती * श्रीदुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला * दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली * दुर्गा सप्तशती क्षमा प्रार्थना * दुर्गा सप्तशती अथ देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम् * कुमारी कन्या पूजन मंत्र एवं उसका फल * माँ दुर्गा के नौ रूप * प्रात: स्मरणीय माँ दुर्गा ध्यान मंत्र * नवरात्रि में राशियों के अनुसार श्रीदुर्गा मन्त्र * अपराजितास्तोत्रम् * ललितापञ्चकम् * श्रीललिता सहस्रनामावली * चण्डीकवचम् * भवान्यष्टकम् * श्रीभगवती स्तोत्रम * श्रीभगवती स्तोत्रम * हवन विधि * नवरात्रि में शमी पूजन * विजयादशमी की अपराजिता पूजा * कवच, अर्गला और कीलक की हवन विधि * देवी वाहन सिंह का ध्यान * कालिका स्तुति * आषाढ़ गुप्त नवरात्रि घटस्थापना एवं पारण का शुभ मुहूर्त * दक्षिणा काली त्रिविंशत्यक्षर मन्त्र तन्त्र साधना * महालया * श्री बगलामुखी मंत्र * श्री बगलामुखी कीलक स्तोत्रम् * दस महाविद्या * दस महाविद्या स्तोत्र * देवी पर चढ़ाने वाले पत्र-पुष्प की सूची * श्रीदुर्गा सप्तशती संपूर्ण पाठ हिंदी में * नवार्ण मन्त्र का जप कैसे करना है? * तंत्रोक्त देवी सूक्त - या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता * शाकंभरी जयंती * मासिक दुर्गाष्टमी * एक श्लोकी सप्तशती * श्रीदुर्गा सप्तशती पहला अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती दूसरा अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती तीसरा अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती चौथा अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती पाँचवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती छठा अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती सातवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती आठवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती नवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती दसवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती ग्यारहवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती बारहवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती तेरहवाँ अध्याय
 
 
 नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान माँ शैलपुत्री पूजा माँ ब्रह्मचारिणी पूजा माँ चंद्रघंटा पूजा माँ कूष्मांडा पूजा माँ स्कंदमाता पूजा माँ कात्यायनी माँ कालरात्रि पूजा माँ महागौरी पूजा माँ सिद्धिदात्री पूजा

नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान-

दिन 1 – माँ शैलपुत्री पूजा – यह देवी दुर्गा के नौ रूपों में से प्रथम रूप है, मां शैलपुत्री चंद्रमा को दर्शाती हैं और इनकी पूजा से चंद्रमा से संबंधित दोष समाप्त हो जाते हैं। इसका मंत्र है -

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम् ।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनी‍म् ॥

दिन 2 – माँ ब्रह्मचारिणी पूजा – ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार देवी ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं, अतः ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा से मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं। इसका मंत्र है -

दधाना करपद्‍माभ्यामक्षमालाकमण्डलू ।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा   ॥

दिन 3 – माँ चंद्रघंटा पूजा – देवी चंद्रघण्टा शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं, अतः चन्द्रघण्टा देवी की पूजा से शुक्र ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं। इसका मंत्र है -

पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता ।
प्रसादं तनुते मह्यां चन्द्रघण्टेति विश्रुता ॥

दिन 4 – माँ कूष्मांडा पूजा – माँ कूष्माण्डा सूर्य का मार्गदर्शन करती हैं अतः इनकी पूजा से सूर्य के कुप्रभावों से बचा जा सकता है। इसका मंत्र है -

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च ।
दधाना हस्तपद्‍माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥

दिन 5 – माँ स्कंदमाता पूजा – देवी स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं, अतः स्कन्दमाता देवी की पूजा से बुध ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं। इसका मंत्र है -

सिंहासनगता नित्यं पद्‍माश्रितकरद्वया ।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ॥

दिन 6 – माँ कात्यायनी पूजा – देवी कात्यायनी बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करती हैं, अतः कात्यायनी देवी की पूजा से बृहस्पति के बुरे प्रभाव कम होते हैं। इसका मंत्र है -

चन्द्रहासोज्वलकरा शार्दूलवरवाहना ।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ॥

दिन 7 – माँ कालरात्रि पूजा – देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं, अतः कालरात्रि देवी की पूजा से शनि के बुरे प्रभाव कम होते हैं। इसका मंत्र है -

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता ।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी ॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा ।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी ॥

दिन 8 – माँ महागौरी पूजा – देवी महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं, अतः महागौरी देवी की पूजा से राहु के बुरे प्रभाव कम होते हैं। इसका मंत्र है -

श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः ।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा  ॥

दिन 9 – माँ सिद्धिदात्री पूजा – देवी सिद्धिदात्री केतु ग्रह को नियंत्रित करती हैं, अतः सिद्धिदात्री देवी की पूजा से केतु के बुरे प्रभाव कम होते हैं। इसका मंत्र है -

सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि ।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ॥

श्री दुर्गा चालीसा का पाठ अवश्य करें। कार्य सिद्ध होता है। श्री दुर्गा चालीसा

नवरात्रि के समय हर दिन का एक रंग तय होता है । ऐसी मान्यता है कि इन रंग के वस्त्रों - फलों का उपयोग विशेष फलदायी है एवं सौभाग्य बढ़ाती है-

प्रतिपदा- पीला
द्वितीया- हरा
तृतीया- भूरा
चतुर्थी- नारंगी
पंचमी- सफेद
षष्टी- लाल
सप्तमी- नीला
अष्टमी- गुलाबी
नवमी- बैंगनी

Nine forms of Goddess Durga:
  1. Shailputri
  2. Brahmacharini
  3. Chandraghanta
  4. Kushmanda
  5. Skandamata
  6. Katyayani
  7. Kalratri
  8. Mahagauri
  9. Siddhidatri.

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