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ललिता सहस्त्रनाम (Lalita Sahasranama) - त्रिपुरसुंदरी माँ जिसे षोडशी और ललिता के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू देवी महादेवी का शाक्त संप्रदाय में सृष्टिकर्ता शक्ति रूप हैं। ललिता सहस्त्रनामावली का पाठ नवरात्रि में जरूर करें।

शारदीय नवरात्रि घटस्थापना एवं पारण का शुभ मुहूर्त * दुर्गा पूजा विधान * श्री सप्तश्लोकी दुर्गा * दुर्गा सप्तशती कवच * दुर्गा सप्तशती अर्गला * दुर्गा सप्तशती कीलक * सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् * श्री दुर्गा चालीसा * श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा * श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्र * दुर्गा मन्त्र * श्री दुर्गा आरती * श्री विन्ध्येश्वरी आरती * श्रीदुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला * दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली * दुर्गा सप्तशती क्षमा प्रार्थना * दुर्गा सप्तशती अथ देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम् * कुमारी कन्या पूजन मंत्र एवं उसका फल * माँ दुर्गा के नौ रूप * प्रात: स्मरणीय माँ दुर्गा ध्यान मंत्र * नवरात्रि में राशियों के अनुसार श्रीदुर्गा मन्त्र * अपराजितास्तोत्रम् * ललितापञ्चकम् * श्रीललिता सहस्रनामावली * चण्डीकवचम् * भवान्यष्टकम् * श्रीभगवती स्तोत्रम * श्रीभगवती स्तोत्रम * हवन विधि * नवरात्रि में शमी पूजन * विजयादशमी की अपराजिता पूजा * कवच, अर्गला और कीलक की हवन विधि * देवी वाहन सिंह का ध्यान * कालिका स्तुति * आषाढ़ गुप्त नवरात्रि घटस्थापना एवं पारण का शुभ मुहूर्त * दक्षिणा काली त्रिविंशत्यक्षर मन्त्र तन्त्र साधना * महालया * श्री बगलामुखी मंत्र * श्री बगलामुखी कीलक स्तोत्रम् * दस महाविद्या * दस महाविद्या स्तोत्र * देवी पर चढ़ाने वाले पत्र-पुष्प की सूची * श्रीदुर्गा सप्तशती संपूर्ण पाठ हिंदी में * नवार्ण मन्त्र का जप कैसे करना है? * तंत्रोक्त देवी सूक्त - या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता * शाकंभरी जयंती * मासिक दुर्गाष्टमी * एक श्लोकी सप्तशती * श्रीदुर्गा सप्तशती पहला अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती दूसरा अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती तीसरा अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती चौथा अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती पाँचवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती छठा अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती सातवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती आठवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती नवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती दसवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती ग्यारहवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती बारहवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती तेरहवाँ अध्याय
 
 ललिता सहस्त्रनाम

Tripurasundari Maa also known as Shodashi and Lalita.

आलेख © कॉपीराइट - साधक प्रभात (Sadhak Prabhat), In the Guidance of - Pujya Sadhak Nawal Kishore Sharma Ji, Patna and Pujya Sant Swami Sachchidanand Sarswati, Asthal Mandir, New Delhi

देवी दुर्गा का एक स्वरूप ललितादेवी है। ललितादेवी के एक हजार नामों को ललिता सहस्त्रनामावली के नाम से जाना जाता है। यह सहस्रनाम का पाठ "दिव्य माता" ललिता की पूजा के लिए किया जाता है, और दुर्गा, पार्वती, काली और पार्वती के अन्य रूपों की पूजा में भी उपयोग किया जाता है। त्रिपुरसुन्दरी मंदिर त्रिपुरा ( Mata Tripura Sundari Temple ) में विशेष रूप से पूजा अनुष्ठान होते हैं । आसाम, त्रिपुरा जैसे क्षेत्रों में महिलाएं "दिव्य माता" ललिता की पूजा विशेष आवाज निकल कर करतीं हैं। त्रिपुरसुंदरी माँ का शाक्त ग्रंथों में महिमामंडन किया गया है, जिसमें ललिता सहस्रनाम सबसे लोकप्रिय है। शाक्त संप्रदाय में में श्रीकुल परंपरा के अनुसार, त्रिपुर सुंदरी महाविद्याओं में सबसे प्रमुख है, पार्वती का सर्वोच्च पहलू और श्री विद्या की प्राथमिक देवी भी है। त्रिपुरोउपनिषद ने उन्हें ब्रह्मांड की परम शक्ति (ऊर्जा, शक्ति) के रूप में स्थान दिया है। उन्हें ब्रह्मा, विष्णु और शिव के ऊपर से शासन करने वाली सर्वोच्च चेतना के रूप में वर्णित किया गया है। एक मान्यता है कि ब्रह्मा, विष्णु और शिव को इन्हीं ने उत्पन्न किया और सृष्टि शुरुआत हुई। तंत्र मार्ग में गूढ़ कथा इससे जुड़ा है जिसे वाचिक परम्परा से एक दूसरे को बताते हैं जिसमें प्रकृति-पुरुष के आपसी आकर्षण का रहस्य स्पष्ट होता है। ललिता आत्मा की उल्लासपूर्ण, क्रियाशील और प्रकाशमय अभिव्यक्ति है। मुक्त चेतना जिसमे कोई राग द्वेष नहीं, जो आत्मस्थित है वो स्वतः ही उल्लासपूर्ण, उत्साह से भरी, खिली हुई होती है।

ऐसी मान्यता है कि ललिता सहस्रनाम की रचना ललिता के आदेश पर आठ वाक् देवी (वाग देवता) वासिनी, कामेश्वरी, मोधिनी, विमला, अरुणा, जयनी, सर्वेश्वरी, कौलिनी ने की थी। सहस्रनाम कहता है कि "कोई ललिता की पूजा तभी कर सकता है जब वह हमसे ऐसा करने की इच्छा करे"। यह महाविष्णु के एक (अवतार) हयग्रीव और ऋषि अगस्त्य के बीच एक संवाद में है।

ललिता सहस्रनाम 'ब्रह्माण्ड पुराण' के उत्तर खंड के दूसरे अध्याय से लिया गया है। अध्याय का नाम है "श्री ललिता रहस्य नाम सहस्र स्तोत्र कथाम ("Shri Lalita Rahasya Naam Sahasra Stotra Katham)" है। ललिता सहस्त्रनाम तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है -
पूर्व भाग - जिसमें सहस्रनाम के उत्पत्ति के बारे में बताया है।
स्तोत्र - इसमें देवी माँ के 1000 नाम आते हैं।
उत्तर भाग - इसमें फलश्रुति या सहस्रनाम पठन के लाभ बताये गए है।

ललिता सहस्रनाम देवी श्रीमाता (Great Mother), श्री महाराजनी (Great Queen) और श्रीमत सिंहसनेश्वरी (Queen seated on the lion-throne) के आवाहन से शुरू होता है। सहस्रनाम के श्लोक 2 और 3 में उन्हें उदयभानु सहस्रभा (वह जो हजारों उगते सूरज की किरणों के समान उज्ज्वल है), चतुरबाहु समनविता (जिसके चार हाथ हैं) और रागस्वरुप पाशाध्या (जो रस्सी धारण करने वाली है) के रूप में वर्णित है। सहस्रनाम में उल्लिखित अन्य नामों में चिदग्निकुंड संभूता (चेतना की अग्नि की वेदी से पैदा हुए) और देवकार्य समुद्र्यता (देवताओं की वस्तुओं को पूरा करने के लिए खुद को प्रकट करने वाली) शामिल हैं।

ललिता सहस्त्रनाम से अभिमंत्रित भस्म को धारण करने से सभी रोग नष्ट हो जाते है, इसी प्रकार सहस्त्रनाम से अभिमंत्रित जल से अभिषेक करने से दुखी मनुष्यो की पीड़ा शांत हो जाती है। ललिता सहस्त्रनामावली का नियमित पाठ करने से घर का वातावरण शुद्ध होता है। यहां तक कि पाठ करने वाले व्यक्ति के शरीर का एक-एक कण अद्भुत ऊर्जा और ओज से भर जाता है। व्यक्ति दिनभर थकान महसूस नहीं करता। ललिता सहस्त्रनामावली के पाठ से आकस्मिक मृत्यु और दुर्घटना का खतरा नहीं रहता। नियमित पाठ से व्यक्ति स्वस्थ और लंबा जीवन जीता है। ललिता ललिता सहस्त्रनामावली का पाठ करते समय अपने मन-मस्तिष्क में देवी ललिता की अमृत के समुद्र में बैठी हुई प्रतिमा की कल्पना करें। इससे समस्त प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है। संतान की प्राप्ति के लिए ललिता सहस्त्रनामावली का पाठ करते समय अपने सामने थोड़ा सा शुद्ध घी रखें। पाठ समाप्त करने के बाद यह घी खा लें। इससे नपुंसकता दूर होती है और उत्तम संतान की प्राप्ति होती है। जिन्हें संतान होने में परेशानी आ रही है वे यह प्रयोग जरूर करें। ललिता सहस्त्रनामावली का पाठ करने से वाक सिद्धि प्राप्त हो जाती है। व्यक्ति को प्रसिद्धि हासिल कर लेता है और उसका नाम चारों ओर सितारों की तरह चमक उठता है। शुक्रवार के दिन इसका पाठ करने से आर्थिक परेशानियां समाप्त हो जाती है। व्यक्ति को जीवन की मूलभूत जरूरतों के लिए परेशान नहीं होना पड़ता।

 
 ललिता सहस्त्रनाम

श्रीललितासहस्रनामावली

॥ ध्यानम् ॥

सिन्दूरारुणविग्रहां त्रिनयनां माणिक्यमौलिस्फुरत् तारानायकशेखरां स्मितमुखीमापीनवक्षोरुहाम् ।
पाणिभ्यामलिपूर्णरत्नचषकं रक्तोत्पलं बिभ्रतीं सौम्यां रत्नघटस्थरक्तचरणां ध्यायेत्परामम्बिकाम् ॥
अरुणां करुणातरङ्गिताक्षीं धृतपाशाङ्कुशपुष्पबाणचापाम् ।
अणिमादिभिरावृतां मयूखैरहमित्येव विभावये भवानीम् ॥
ध्यायेत् पद्मासनस्थां विकसितवदनां पद्मपत्रायताक्षीं हेमाभां पीतवस्त्रां करकलितलसद्धेमपद्मां वराङ्गीम् ।
सर्वालङ्कारयुक्तां सततमभयदां भक्तनम्रां भवानीं श्रीविद्यां शान्तमूर्तिं सकलसुरनुतां सर्वसम्पत्प्रदात्रीम् ॥
सकुङ्कुमविलेपनामलिकचुम्बिकस्तूरिकां समन्दहसितेक्षणां सशरचापपाशाङ्कुशाम् ।
अशेषजनमोहिनीमरुणमाल्यभूषाम्बरां जपाकुसुमभासुरां जपविधौ स्मरेदम्बिकाम् ॥

॥ अथ श्री ललिता सहस्रनामावली ॥

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीमात्रे नमः ।
ॐ श्रीमहाराज्ञै नमः ।
ॐ श्रीमत्सिंहासनेश्वर्यै नमः ।
ॐ चिदग्निकुण्डसम्भूतायै नमः ।
ॐ देवकार्यसमुद्यतायै नमः ।
ॐ उद्यद्भानुसहस्राभायै नमः ।
ॐ चतुर्बाहुसमन्वितायै नमः ।
ॐ रागस्वरूपपाशाढ्यायै नमः ।
ॐ क्रोधाकाराङ्कुशोज्ज्वलायै नमः ।
ॐ मनोरूपेक्षुकोदण्डायै नमः ।। १०।।
ॐ पञ्चतन्मात्रसायकायै नमः ।
ॐ निजारुणप्रभापूरमज्जद् ब्रह्माण्डमण्डलायै नमः ।
ॐ चम्पकाशोकपुन्नागसौगन्धिकलसत्कचायै नमः ।
ॐ कुरुविन्दमणिश्रेणीकनत्कोटीरमण्डितायै नमः ।
ॐ अष्टमीचन्द्रविभ्राजदलिकस्थलशोभितायै नमः ।
ॐ मुखचन्द्रकलङ्काभमृगनाभिविशेषकायै नमः ।
ॐ वदनस्मरमाङ्गल्यगृहतोरणचिल्लिकायै नमः ।
ॐ वक्त्रलक्ष्मीपरीवाहचलन्मीनाभलोचनायै नमः ।
ॐ नवचम्पकपुष्पाभनासादण्डविराजितायै नमः ।
ॐ ताराकान्तितिरस्कारिनासाभरणभासुरायै नमः ।।२०।।
ॐ कदम्बमञ्जरीक्लृप्तकर्णपूरमनोहरायै नमः ।
ॐ ताटङ्कयुगलीभूततपनोडुपमण्डलायै नमः ।
ॐ पद्मरागशिलादर्शपरिभाविकपोलभुवे नमः ।
ॐ नवविद्रुमबिम्बश्रीन्यक्कारिरदनच्छदायै नमः ।
ॐ शुद्धविद्याङ्कुराकारद्विजपङ्क्तिद्वयोज्ज्वलायै नमः ।
ॐ कर्पूरवीटिकामोदसमाकर्षि दिगन्तरायै नमः ।
ॐ निजसल्लापमाधुर्य विनिर्भत्सितकच्छप्यै नमः ।
ॐ मन्दस्मितप्रभापूरमज्जत्कामेशमानसायै नमः ।
ॐ अनाकलितसादृश्यचिबुकश्रीविराजितायै नमः ।
ॐ कामेशबद्धमाङ्गल्यसूत्रशोभितकन्धरायै नमः ।।३०।।
ॐ कनकाङ्गदकेयूरकमनीयमुजान्वितायै नमः ।
ॐ रत्नग्रैवेय चिन्ताकलोलमुक्ताफलान्वितायै नमः ।
ॐ कामेश्वरप्रेमरत्नमणिप्रतिपणस्तन्यै नमः ।
ॐ नाभ्यालवालरोमालिलताफलकुचद्वय्यै नमः ।
ॐ लक्ष्यरोमलताधारतासमुन्नेयमध्यमायै नमः ।
ॐ स्तनभारदलन्मध्यपट्टबन्धवलित्रयायै नमः ।
ॐ अरुणारुणकौसुम्भवस्त्रभास्वत्कटीतट्यै नमः ।
ॐ रत्नकिङ्किणिकारम्यरशनादामभूषितायै नमः ।
ॐ कामेशज्ञातसौभाग्यमार्दवोरुद्वयान्वितायै नमः ।
ॐ माणिक्यमुकुटाकारजानुद्वयविराजितायै नमः ।।४०।।
ॐ इन्द्रगोपपरिक्षिप्तस्मरतूणाभजङ्घिकायै नमः ।
ॐ गूढगुल्फायै नमः ।
ॐ कूर्म पृष्ठजयिष्णुप्रपदान्वितायै नमः ।
ॐ नखदीधितिसञ्छन्ननमज्जनतमोगुणायै नमः ।
ॐ पदद्वयप्रभाजालपराकृतसरोरुहायै नमः ।
ॐ शिञ्जानमणिमञ्जीरमण्डितश्रीपदाम्बुजायै नमः ।
ॐ मरालीमन्दगमनायै नमः ।
ॐ महालावण्यशेवधये नमः ।
ॐ सर्वारुणायै नमः ।
ॐ अनवद्याङ्ग्यै नमः ।।५०।।
ॐ सर्वाभरणभूषितायै नमः ।
ॐ शिवकामेश्वराङ्कस्थायै नमः ।
ॐ शिवायै नमः ।
ॐ स्वाधीनवल्लभायै नमः ।
ॐ सुमेरुमध्यश‍ृङ्गस्थायै नमः ।
ॐ श्रीमन्नगरनायिकायै नमः ।
ॐ चिन्तामणिगृहान्तस्थायै नमः ।
ॐ पञ्चब्रह्मासनस्थितायै नमः ।
ॐ महापद्माटवीसंस्थायै नमः ।
ॐ कदम्बवनवासिन्यै नमः ।।६०।।
ॐ सुधासागरमध्यस्थायै नमः ।
ॐ कामाक्ष्यै नमः ।
ॐ कामदायिन्यै नमः ।
ॐ देवर्षिगणसङ्घातस्तूयमानात्मवैभायै नमः ।
ॐ भण्डासुरवधोद्युक्तशक्तिसेनासमन्वितायै नमः ।
ॐ सम्पत्करीसमारूढसिन्दुरव्रजसेवितायै नमः ।
ॐ अश्वारूढाधिष्ठिताश्वकोटिकोटिभिरावृतायै नमः ।
ॐ चक्रराजरथारूढसर्वायुधपरिष्कृतायै नमः ।
ॐ गेयचक्ररथारूढमन्त्रिणीपरिसेवितायै नमः ।
ॐ किरिचक्ररथारूढदण्डनाथापुरस्कृतायै नमः ।।७०।।
ॐ ज्वालामालिनिकाक्षिप्तवह्निप्राकारमध्यगायै नमः ।
ॐ भण्डसैन्यवधोद्युक्तशक्तिविक्रमहर्षितायै नमः ।
ॐ नित्यापराक्रमाटोपनिरीक्षणसमुत्सुकायै नमः ।
ॐ भण्डपुत्रवधोद्युक्तबालाविक्रमनन्दितायै नमः ।
ॐ मन्त्रिण्यम्बाविरचितविषङ्गवधतोषितायै नमः ।
ॐ विशुक्रप्राणहरणवाराहीवीर्यनन्दितायै नमः ।
ॐ कामेश्वरमुखालोककल्पितश्रीगणेश्वरायै नमः ।
ॐ महागणेशनिर्भिन्नविघ्नयन्त्रप्रहर्षितायै नमः ।
ॐ भण्डासुरेन्द्रनिर्मुक्तशस्त्रप्रत्यस्त्रवर्षिण्यै नमः ।
ॐ कराङ्गुलिनखोत्पन्ननारायणदशाकृत्यै नमः ।।८०।।
ॐ महापाशुपतास्त्राग्निनिर्दग्धासुरसैनिकायै नमः ।
ॐ कामेश्वरास्त्रनिर्दग्धसभाण्डासुरशून्यकायै नमः ।
ॐ ब्रह्मोपेन्द्रमहेन्द्रादिदेवसंस्तुतवैभवायै नमः ।
ॐ हरनेत्राग्निसन्दग्धकामसञ्जीवनौषध्यै नमः ।
ॐ श्रीमद्वाग्भवकूटैकस्वरूपमुखपङ्कजायै नमः ।
ॐ कण्ठाधः कटिपर्यन्तमध्यकूटस्वरूपिण्यै नमः ।
ॐ शक्तिकूटैकतापन्नकट्यधोभागधारिण्यै नमः ।
ॐ मूलमन्त्रात्मिकायै नमः ।
ॐ मूलकूटत्रयकलेबरायै नमः ।
ॐ कुलामृतैकरसिकायै नमः ।।९०।।
ॐ कुलसङ्केतपालिन्यै नमः ।
ॐ कुलाङ्गनायै नमः ।
ॐ कुलान्तस्थायै नमः ।
ॐ कौलिन्यै नमः ।
ॐ कुलयोगिन्यै नमः ।
ॐ अकुलायै नमः ।
ॐ समयान्तस्थायै नमः ।
ॐ समयाचारतत्परायै नमः ।
ॐ मूलाधारैकनिलयायै नमः ।
ॐ ब्रह्मग्रन्थिविभेदिन्यै नमः ।।१०।।
ॐ मणिपूरान्तरुदितायै नमः ।
ॐ विष्णुग्रन्थिविभेदिन्यै नमः ।
ॐ आज्ञाचक्रान्तरालस्थायै नमः ।
ॐ रुद्रग्रन्थिविभेदिन्यै नमः ।
ॐ सहस्राराम्बुजारूढायै नमः ।
ॐ सुधासाराभिवर्षिण्यै नमः ।
ॐ तटिल्लतासमरुच्यै नमः ।
ॐ षट्चक्रोपरिसंस्थितायै नमः ।
ॐ महासक्त्यै नमः ।
ॐ कुण्डलिन्यै नमः ।।११०।।
ॐ बिसतन्तुतनीयस्यै नमः ।
ॐ भवान्यै नमः ।
ॐ भावनागम्यायै नमः ।
ॐ भवारण्यकुठारिकायै नमः ।
ॐ भद्रप्रियायै नमः ।
ॐ भद्रमूर्त्यै नमः ।
ॐ भक्तसौभाग्यदायिन्यै नमः ।
ॐ भक्तिप्रियायै नमः ।
ॐ भक्तिगम्यायै नमः ।
ॐ भक्तिवश्यायै नमः ।।१२०।।
ॐ भयापहायै नमः ।
ॐ शाम्भव्यै नमः ।
ॐ शारदाराध्यायै नमः ।
ॐ शर्वाण्यै नमः ।
ॐ शर्मदायिन्यै नमः ।
ॐ शाङ्कर्यै नमः ।
ॐ श्रीकर्यै नमः ।
ॐ साध्व्यै नमः ।
ॐ शरच्चन्द्रनिभाननायै नमः ।
ॐ शातोदर्यै नमः ।।१३०।।
ॐ शान्तिमत्यै नमः ।
ॐ निराधारायै नमः ।
ॐ निरञ्जनायै नमः ।
ॐ निर्लेपायै नमः ।
ॐ निर्मलायै नमः ।
ॐ नित्यायै नमः ।
ॐ निराकारायै नमः ।
ॐ निराकुलायै नमः ।
ॐ निर्गुणायै नमः ।
ॐ निष्कलायै नमः ।।१४०।।
ॐ शान्तायै नमः ।
ॐ निष्कामायै नमः ।
ॐ निरुपप्लवायै नमः ।
ॐ नित्यमुक्तायै नमः ।
ॐ निर्विकारायै नमः ।
ॐ निष्प्रपञ्चायै नमः ।
ॐ निराश्रयायै नमः ।
ॐ नित्यशुद्धायै नमः ।
ॐ नित्यबुद्धायै नमः ।
ॐ निरवद्यायै नमः ।।१५०।।
ॐ निरन्तरायै नमः ।
ॐ निष्कारणायै नमः ।
ॐ निष्कलङ्कायै नमः ।
ॐ निरुपाधये नमः ।
ॐ निरीश्वरायै नमः ।
ॐ नीरागायै नमः ।
ॐ रागमथन्यै नमः ।
ॐ निर्मदायै नमः ।
ॐ मदनाशिन्यै नमः ।
ॐ निश्चिन्तायै नमः ।।१६०।।
ॐ निरहङ्कारायै नमः ।
ॐ निर्मोहायै नमः ।
ॐ मोहनाशिन्यै नमः ।
ॐ निर्ममायै नमः ।
ॐ ममताहन्त्र्यै नमः ।
ॐ निष्पापायै नमः ।
ॐ पापनाशिन्यै नमः ।
ॐ निष्क्रोधायै नमः ।
ॐ क्रोधशमन्यै नमः ।
ॐ निर्लोभायै नमः ।।१७०।।
ॐ लोभनाशिन्यै नमः ।
ॐ निःसंशयायै नमः ।
ॐ संशयघ्न्यै नमः ।
ॐ निर्भवायै नमः ।
ॐ भवनाशिन्यै नमः ।
ॐ निर्विकल्पायै नमः ।
ॐ निराबाधायै नमः ।
ॐ निर्भेदायै नमः ।
ॐ भेदनाशिन्यै नमः ।
ॐ निर्नाशायै नमः ।।१८०।।
ॐ मृत्युमथन्यै नमः ।
ॐ निष्क्रियायै नमः ।
ॐ निष्परिग्रहायै नमः ।
ॐ निस्तुलायै नमः ।
ॐ नीलचिकुरायै नमः ।
ॐ निरपायायै नमः ।
ॐ निरत्ययायै नमः ।
ॐ दुर्लभायै नमः ।
ॐ दुर्गमायै नमः ।
ॐ दुर्गायै नमः ।।१९०।।
ॐ दुःखहन्त्र्यै नमः ।
ॐ सुखप्रदायै नमः ।
ॐ दुष्टदूरायै नमः ।
ॐ दुराचारशमन्यै नमः ।
ॐ दोषवर्जितायै नमः ।
ॐ सर्वज्ञायै नमः ।
ॐ सान्द्रकरुणायै नमः ।
ॐ समानाधिकवर्जितायै नमः ।
ॐ सर्वशक्तिमय्यै नमः ।
ॐ सर्वमङ्गलायै नमः ।।२००।।
ॐ सद्गतिप्रदायै नमः ।
ॐ सर्वेश्वर्यै नमः ।
ॐ सर्वमय्यै नमः ।
ॐ सर्वमन्त्रस्वरूपिण्यै नमः ।
ॐ सर्वयन्त्रात्मिकायै नमः ।
ॐ सर्वतन्त्ररूपायै नमः ।
ॐ मनोन्मन्यै नमः ।
ॐ माहेश्वर्यै नमः ।
ॐ महादेव्यै नमः ।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः ।।२१०।।
ॐ मृडप्रियायै नमः ।
ॐ महारूपायै नमः ।
ॐ महापूज्यायै नमः ।
ॐ महापातकनाशिन्यै नमः ।
ॐ महामायायै नमः ।
ॐ महासत्वायै नमः ।
ॐ महाशक्त्यै नमः ।
ॐ महारत्यै नमः ।
ॐ महाभोगायै नमः ।
ॐ महैश्वर्यायै नमः ।।२२०।।
ॐ महावीर्यायै नमः ।
ॐ महाबलायै नमः ।
ॐ महाबुद्ध्यै नमः ।
ॐ महासिद्ध्यै नमः ।
ॐ महायोगेश्वरेश्वर्यै नमः ।
ॐ महातन्त्रायै नमः ।
ॐ महामन्त्रायै नमः ।
ॐ महायन्त्रायै नमः ।
ॐ महासनायै नमः ।
ॐ महायागक्रमाराध्यायै नमः ।।२३०।।
ॐ महाभैरवपूजितायै नमः ।
ॐ महेश्वरमहाकल्पमहा ताण्डवसाक्षिण्यै नमः ।
ॐ महाकामेशमहिष्यै नमः ।
ॐ महात्रिपुरसुन्दर्यै नमः ।
ॐ चतुःषष्ट्युपचाराढ्यायै नमः ।
ॐ चतुःषष्टिकलामय्यै नमः ।
ॐ महाचतुःषष्टिकोटि योगिनीगणसेवितायै नमः ।
ॐ मनुविद्यायै नमः ।
ॐ चन्द्रविद्यायै नमः ।
ॐ चन्द्रमण्डलमध्यगायै नमः ।।२४०।।
ॐ चारुरूपायै नमः ।
ॐ चारुहासायै नमः ।
ॐ चारुचन्द्रकलाधरायै नमः ।
ॐ चराचरजगन्नाथायै नमः ।
ॐ चक्रराजनिकेतनायै नमः ।
ॐ पार्वत्यै नमः ।
ॐ पद्मनयनायै नमः ।
ॐ पद्मरागसमप्रभायै नमः ।
ॐ पञ्चप्रेतासनासीनायै नमः ।
ॐ पञ्चब्रह्मस्वरूपिण्यै नमः ।।२५०।।
ॐ चिन्मय्यै नमः ।
ॐ परमानन्दायै नमः ।
ॐ विज्ञानघनरूपिण्यै नमः ।
ॐ ध्यानध्यातृध्येयरूपायै नमः ।
ॐ धर्माधर्मविवर्जितायै नमः ।
ॐ विश्वरूपायै नमः ।
ॐ जागरिण्यै नमः ।
ॐ स्वपत्न्यै नमः ।
ॐ तैजसात्मिकायै नमः ।
ॐ सुप्तायै नमः ।।२६०।।
ॐ प्राज्ञात्मिकायै नमः ।
ॐ तुर्यायै नमः ।
ॐ सर्वावस्थाविवर्जितायै नमः ।
ॐ सृष्टिकर्त्र्यै नमः ।
ॐ ब्रह्मरूपायै नमः ।
ॐ गोप्त्र्यै नमः ।
ॐ गोविन्दरूपिण्यै नमः ।
ॐ संहारिण्यै नमः ।
ॐ रुद्ररूपायै नमः ।
ॐ तिरोधानकर्यै नमः ।।२७०।।
ॐ ईश्वर्यै नमः ।
ॐ सदाशिवायै नमः ।
ॐ अनुग्रहदायै नमः ।
ॐ पञ्चकृत्यपरायणायै नमः ।
ॐ भानुमण्डलमध्यस्थायै नमः ।
ॐ भैरव्यै नमः ।
ॐ भगमालिन्यै नमः ।
ॐ पद्मासनायै नमः ।
ॐ भगवत्यै नमः ।
ॐ पद्मनाभसहोदर्यै नमः ।।२८०।।
ॐ उन्मेषनिमिषोत्पन्नविपन्नभुवनावल्यै नमः ।
ॐ सहस्रशीर्षवदनायै नमः ।
ॐ सहस्राक्ष्यै नमः ।
ॐ सहस्रपदे नमः ।
ॐ आब्रह्मकीटजनन्यै नमः ।
ॐ वर्णाश्रमविधायिन्यै नमः ।
ॐ निजाज्ञारूपनिगमायै नमः ।
ॐ पुण्यापुण्यफलप्रदायै नमः ।
ॐ श्रुतिसीमन्तसिन्दूरीकृत पादाब्जधूलिकायै नमः ।
ॐ सकलागमसन्दोहशुक्तिसम्पुटमौक्तिकायै नमः ।।२९०।।
ॐ पुरुषार्थप्रदायै नमः ।
ॐ पूर्णायै नमः ।
ॐ भोगिन्यै नमः ।
ॐ भुवनेश्वर्यै नमः ।
ॐ अम्बिकायै नमः ।
ॐ अनादिनिधनायै नमः ।
ॐ हरिब्रह्मेन्द्रसेवितायै नमः ।
ॐ नारायण्यै नमः ।
ॐ नादरूपायै नमः ।
ॐ नामरूपविवर्जितायै नमः ।।३००।।
ॐ ह्रीङ्कार्यै नमः ।
ॐ ह्रीमत्यै नमः ।
ॐ हृद्यायै नमः ।
ॐ हेयोपादेयवर्जितायै नमः ।
ॐ राजराजार्चितायै नमः ।
ॐ राज्ञै नमः ।
ॐ रम्यायै नमः ।
ॐ राजीवलोचनायै नमः ।
ॐ रञ्जन्यै नमः ।
ॐ रमण्यै नमः ।।३१०।।
ॐ रस्यायै नमः ।
ॐ रणत्किङ्किणिमेखलायै नमः ।
ॐ रमायै नमः ।
ॐ राकेन्दुवदनायै नमः ।
ॐ रतिरूपायै नमः ।
ॐ रतिप्रियायै नमः ।
ॐ रक्षाकर्यै नमः ।
ॐ राक्षसघ्न्यै नमः ।
ॐ रामायै नमः ।
ॐ रमणलम्पटायै नमः ।।३२०।।
ॐ काम्यायै नमः ।
ॐ कामकलारूपायै नमः ।
ॐ कदम्बकुसुमप्रियायै नमः ।
ॐ कल्याण्यै नमः ।
ॐ जगतीकन्दायै नमः ।
ॐ करुणारससागरायै नमः ।
ॐ कलावत्यै नमः ।
ॐ कलालापायै नमः ।
ॐ कान्तायै नमः ।
ॐ कादम्बरीप्रियायै नमः ।।३३०।।
ॐ वरदायै नमः ।
ॐ वामनयनायै नमः ।
ॐ वारुणीमदविह्वलायै नमः ।
ॐ विश्वाधिकायै नमः ।
ॐ वेदवेद्यायै नमः ।
ॐ विन्ध्याचलनिवासिन्यै नमः ।
ॐ विधात्र्यै नमः ।
ॐ वेदजनन्यै नमः ।
ॐ विष्णुमायायै नमः ।
ॐ विलासिन्यै नमः ।।३४०।।
ॐ क्षेत्रस्वरूपायै नमः ।
ॐ क्षेत्रेश्यै नमः ।
ॐ क्षेत्रक्षेत्रज्ञपालिन्यै नमः ।
ॐ क्षयवृद्धिविनिर्मुक्तायै नमः ।
ॐ क्षेत्रपालसमर्चितायै नमः ।
ॐ विजयायै नमः ।
ॐ विमलायै नमः ।
ॐ वन्द्यायै नमः ।
ॐ वन्दारुजनवत्सलायै नमः ।
ॐ वाग्वादिन्यै नमः ।।३५०।।
ॐ वामकेश्यै नमः ।
ॐ वह्निमण्डलवासिन्यै नमः ।
ॐ भक्तिमत्कल्पलतिकायै नमः ।
ॐ पशुपाशविमोचिन्यै नमः ।
ॐ संहृताशेषपाषण्डायै नमः ।
ॐ सदाचारप्रवर्तिकायै नमः ।
ॐ तापत्रयाग्निसन्तप्तसमाह्लादनचन्द्रिकायै नमः ।
ॐ तरुण्यै नमः ।
ॐ तापसाराध्यायै नमः ।
ॐ तनुमध्यायै नमः ।।३६०।।
ॐ तमोपहायै नमः ।
ॐ चित्यै नमः ।
ॐ तत्पदलक्ष्यार्थायै नमः ।
ॐ चिदेकरसरूपिण्यै नमः ।
ॐ स्वात्मानन्दलवीभूतब्रह्माद्यानन्दसन्तत्यै नमः ।
ॐ परायै नमः ।
ॐ प्रत्यक् चितीरूपायै नमः ।
ॐ पश्यन्त्यै नमः ।
ॐ परदेवतायै नमः ।
ॐ मध्यमायै नमः ।।३७०।।
ॐ वैखरीरूपायै नमः ।
ॐ भक्तमानसहंसिकायै नमः ।
ॐ कामेश्वरप्राणनाड्यै नमः ।
ॐ कृतज्ञायै नमः ।
ॐ कामपूजितायै नमः ।
ॐ श‍ृङ्गाररससम्पूर्णायै नमः ।
ॐ जयायै नमः ।
ॐ जालन्धरस्थितायै नमः ।
ॐ ओड्याणपीठनिलयायै नमः ।
ॐ बिन्दुमण्डलवासिन्यै नमः ।।३८०।।
ॐ रहोयागक्रमाराध्यायै नमः ।
ॐ रहस्तर्पणतर्पितायै नमः ।
ॐ सद्यः प्रसादिन्यै नमः ।
ॐ विश्वसाक्षिण्यै नमः ।
ॐ साक्षिवर्जितायै नमः ।
ॐ षडङ्गदेवतायुक्तायै नमः ।
ॐ षाड्गुण्यपरिपूरितायै नमः ।
ॐ नित्यक्लिन्नायै नमः ।
ॐ निरुपमायै नमः ।
ॐ निर्वाणसुखदायिन्यै नमः ।।३९०।।
ॐ नित्याषोडशिकारूपायै नमः ।
ॐ श्रीकण्ठार्धशरीरिण्यै नमः ।
ॐ प्रभावत्यै नमः ।
ॐ प्रभारूपायै नमः ।
ॐ प्रसिद्धायै नमः ।
ॐ परमेश्वर्यै नमः ।
ॐ मूलप्रकृत्यै नमः ।
ॐ अव्यक्तायै नमः ।
ॐ व्यक्ताव्यक्तस्वरूपिण्यै नमः ।
ॐ व्यापिन्यै नमः ।।४००।।
ॐ विविधाकारायै नमः ।
ॐ विद्याविद्यास्वरूपिण्यै नमः ।
ॐ महाकामेशनयनकुमुदाह्लादकौमुद्यै नमः ।
ॐ भक्ताहार्दतमोभेदभानुमद्भानुसन्तत्यै नमः ।
ॐ शिवदूत्यै नमः ।
ॐ शिवाराध्यायै नमः ।
ॐ शिवमूर्त्यै नमः ।
ॐ शिवङ्कर्यै नमः ।
ॐ शिवप्रियायै नमः ।
ॐ शिवपरायै नमः ।।४१०।।
ॐ शिष्टेष्टायै नमः ।
ॐ शिष्टपूजितायै नमः ।
ॐ अप्रमेयायै नमः ।
ॐ स्वप्रकाशायै नमः ।
ॐ मनोवाचामगोचरायै नमः ।
ॐ चिच्छक्त्यै नमः ।
ॐ चेतनारूपायै नमः ।
ॐ जडशक्त्यै नमः ।
ॐ जडात्मिकायै नमः ।
ॐ गायत्र्यै नमः ।।४२०।।
ॐ व्याहृत्यै नमः ।
ॐ सन्ध्यायै नमः ।
ॐ द्विजवृन्दनिषेवितायै नमः ।
ॐ तत्त्वासनायै नमः ।
ॐ तस्मै नमः ।
ॐ तुभ्यं नमः ।
ॐ अय्यै नमः ।
ॐ पञ्चकोशान्तरस्थितायै नमः ।
ॐ निःसीममहिम्ने नमः ।
ॐ नित्ययौवनायै नमः ।।४३०।।
ॐ मदशालिन्यै नमः ।
ॐ मदघूर्णितरक्ताक्ष्यै नमः ।
ॐ मदपाटलगण्डभुवे नमः ।
ॐ चन्दनद्रवदिग्धाङ्ग्यै नमः ।
ॐ चाम्पेयकुसुमप्रियायै नमः ।
ॐ कुशलायै नमः ।
ॐ कोमलाकारायै नमः ।
ॐ कुरुकुल्लायै नमः ।
ॐ कुलेश्वर्यै नमः ।
ॐ कुलकुण्डालयायै नमः ।।४४०।।
ॐ कौलमार्गतत्परसेवितायै नमः ।
ॐ कुमारगणनाथाम्बायै नमः ।
ॐ तुष्ट्यै नमः ।
ॐ पुष्ट्यै नमः ।
ॐ मत्यै नमः ।
ॐ धृत्यै नमः ।
ॐ शान्त्यै नमः ।
ॐ स्वस्तिमत्यै नमः ।
ॐ कान्त्यै नमः ।
ॐ नन्दिन्यै नमः ।।४५०।।
ॐ विघ्ननाशिन्यै नमः ।
ॐ तेजोवत्यै नमः ।
ॐ त्रिनयनायै नमः ।
ॐ लोलाक्षीकामरूपिण्यै नमः ।
ॐ मालिन्यै नमः ।
ॐ हंसिन्यै नमः ।
ॐ मात्रे नमः ।
ॐ मलयाचलवासिन्यै नमः ।
ॐ सुमुख्यै नमः ।
ॐ नलिन्यै नमः ।।४६०।।
ॐ सुभ्रुवे नमः ।
ॐ शोभनायै नमः ।
ॐ सुरनायिकायै नमः ।
ॐ कालकण्ठ्यै नमः ।
ॐ कान्तिमत्यै नमः ।
ॐ क्षोभिण्यै नमः ।
ॐ सूक्ष्मरूपिण्यै नमः ।
ॐ वज्रेश्वर्यै नमः ।
ॐ वामदेव्यै नमः ।
ॐ वयोऽवस्थाविवर्जितायै नमः ।।४७०।।
ॐ सिद्धेश्वर्यै नमः ।
ॐ सिद्धविद्यायै नमः ।
ॐ सिद्धमात्रे नमः ।
ॐ यशस्विन्यै नमः ।
ॐ विशुद्धिचक्रनिलयायै नमः ।
ॐ आरक्तवर्णायै नमः ।
ॐ त्रिलोचनायै नमः ।
ॐ खट्वाङ्गादिप्रहरणायै नमः ।
ॐ वदनैकसमन्वितायै नमः ।
ॐ पायसान्नप्रियायै नमः ।।४८०।।
ॐ त्वक्स्थायै नमः ।
ॐ पशुलोकभयङ्कर्यै नमः ।
ॐ अमृतादिमहाशक्तिसंवृतायै नमः ।
ॐ डाकिनीश्वर्यै नमः ।
ॐ अनाहताब्जनिलयायै नमः ।
ॐ श्यामाभायै नमः ।
ॐ वदनद्वयायै नमः ।
ॐ दंष्ट्रोज्वलायै नमः ।
ॐ अक्षमालादिधरायै नमः ।
ॐ रुधिरसंस्थितायै नमः ।।४९०।।
ॐ कालरात्र्यादिशक्त्यौघवृतायै नमः ।
ॐ स्निग्धौदनप्रियायै नमः ।
ॐ महावीरेन्द्रवरदायै नमः ।
ॐ राकिण्यम्बास्वरूपिण्यै नमः ।
ॐ मणिपूराब्जनिलयायै नमः ।
ॐ वदनत्रयसंयुतायै नमः ।
ॐ वज्राधिकायुधोपेतायै नमः ।
ॐ डामर्यादिभिरावृतायै नमः ।
ॐ रक्तवर्णायै नमः ।
ॐ मांसनिष्ठायै नमः ।।५००।।
ॐ गुडान्नप्रीतमानसायै नमः ।
ॐ समस्तभक्तसुखदायै नमः ।
ॐ लाकिन्यम्बास्वरूपिण्यै नमः ।
ॐ स्वाधिष्ठानाम्बुजगतायै नमः ।
ॐ चतुर्वक्त्रमनोहरायै नमः ।
ॐ शूलाद्यायुधसम्पन्नायै नमः ।
ॐ पीतवर्णायै नमः ।
ॐ अतिगर्वितायै नमः ।
ॐ मेदोनिष्ठायै नमः ।
ॐ मधुप्रीतायै नमः ।।५१०।।
ॐ बन्दिन्यादिसमन्वितायै नमः ।
ॐ दध्यन्नासक्तहृदयायै नमः ।
ॐ काकिनीरूपधारिण्यै नमः ।
ॐ मूलाधाराम्बुजारूढायै नमः ।
ॐ पञ्चवक्त्रायै नमः ।
ॐ अस्थिसंस्थितायै नमः ।
ॐ अङ्कुशादिप्रहरणायै नमः ।
ॐ वरदादि निषेवितायै नमः ।
ॐ मुद्गौदनासक्तचित्तायै नमः ।
ॐ साकिन्यम्बास्वरूपिण्यै नमः ।।५२०।।
ॐ आज्ञाचक्राब्जनिलायै नमः ।
ॐ शुक्लवर्णायै नमः ।
ॐ षडाननायै नमः ।
ॐ मज्जासंस्थायै नमः ।
ॐ हंसवतीमुख्यशक्तिसमन्वितायै नमः ।
ॐ हरिद्रान्नैकरसिकायै नमः ।
ॐ हाकिनीरूपधारिण्यै नमः ।
ॐ सहस्रदलपद्मस्थायै नमः ।
ॐ सर्ववर्णोपशोभितायै नमः ।
ॐ सर्वायुधधरायै नमः ।।५३०।।
ॐ शुक्लसंस्थितायै नमः ।
ॐ सर्वतोमुख्यै नमः ।
ॐ सर्वौदनप्रीतचित्तायै नमः ।
ॐ याकिन्यम्बास्वरूपिण्यै नमः ।
ॐ स्वाहायै नमः ।
ॐ स्वधायै नमः ।
ॐ अमत्यै नमः ।
ॐ मेधायै नमः ।
ॐ श्रुत्यै नमः ।
ॐ स्मृत्यै नमः ।।५४०।।
ॐ अनुत्तमायै नमः ।
ॐ पुण्यकीर्त्यै नमः ।
ॐ पुण्यलभ्यायै नमः ।
ॐ पुण्यश्रवणकीर्तनायै नमः ।
ॐ पुलोमजार्चितायै नमः ।
ॐ बन्धमोचन्यै नमः ।
ॐ बर्बरालकायै नमः ।
ॐ विमर्शरूपिण्यै नमः ।
ॐ विद्यायै नमः ।
ॐ वियदादिजगत्प्रसुवे नमः ।।५५०।।
ॐ सर्व व्याधिप्रशमन्यै नमः ।
ॐ सर्व मृत्युनिवारिण्यै नमः ।
ॐ अग्रगण्यायै नमः ।
ॐ अचिन्त्यरूपायै नमः ।
ॐ कलिकल्मषनाशिन्यै नमः ।
ॐ कात्यायन्यै नमः ।
ॐ कालहन्त्र्यै नमः ।
ॐ कमलाक्षनिषेवितायै नमः ।
ॐ ताम्बूलपूरितमुख्यै नमः ।
ॐ दाडिमीकुसुमप्रभायै नमः ।।५६०।।
ॐ मृगाक्ष्यै नमः ।
ॐ मोहिन्यै नमः ।
ॐ मुख्यायै नमः ।
ॐ मृडान्यै नमः ।
ॐ मित्ररूपिण्यै नमः ।
ॐ नित्यतृप्तायै नमः ।
ॐ भक्तनिधये नमः ।
ॐ नियन्त्र्यै नमः ।
ॐ निखिलेश्वर्यै नमः ।
ॐ मैत्र्यादिवासनालभ्यायै नमः ।।५७०।।
ॐ महाप्रलयसाक्षिण्यै नमः ।
ॐ पराशक्त्यै नमः ।
ॐ परानिष्ठायै नमः ।
ॐ प्रज्ञानघनरूपिण्यै नमः ।
ॐ माध्वीपानालसायै नमः ।
ॐ मत्तायै नमः ।
ॐ मातृकावर्ण रूपिण्यै नमः ।
ॐ महाकैलासनिलयायै नमः ।
ॐ मृणालमृदुदोर्लतायै नमः ।
ॐ महनीयायै नमः ।।५८०।।
ॐ दयामूर्त्यै नमः ।
ॐ महासाम्राज्यशालिन्यै नमः ।
ॐ आत्मविद्यायै नमः ।
ॐ महाविद्यायै नमः ।
ॐ श्रीविद्यायै नमः ।
ॐ कामसेवितायै नमः ।
ॐ श्रीषोडशाक्षरीविद्यायै नमः ।
ॐ त्रिकूटायै नमः ।
ॐ कामकोटिकायै नमः ।
ॐ कटाक्षकिङ्करीभूतकमलाकोटिसेवितायै नमः ।।५९०।।
ॐ शिरःस्थितायै नमः ।
ॐ चन्द्रनिभायै नमः ।
ॐ भालस्थायै नमः ।
ॐ इन्द्रधनुःप्रभायै नमः ।
ॐ हृदयस्थायै नमः ।
ॐ रविप्रख्यायै नमः ।
ॐ त्रिकोणान्तरदीपिकायै नमः ।
ॐ दाक्षायण्यै नमः ।
ॐ दैत्यहन्त्र्यै नमः ।
ॐ दक्षयज्ञविनाशिन्यै नमः ।।६००।।
ॐ दरान्दोलितदीर्घाक्ष्यै नमः ।
ॐ दरहासोज्ज्वलन्मुख्यै नमः ।
ॐ गुरुमूर्तये नमः ।
ॐ गुणनिधये नमः ।
ॐ गोमात्रे नमः ।
ॐ गुहजन्मभुवे नमः ।
ॐ देवेश्यै नमः ।
ॐ दण्डनीतिस्थायै नमः ।
ॐ दहराकाशरूपिण्यै नमः ।
ॐ प्रतिपन्मुख्यराकान्ततिथिमण्डलपूजितायै नमः ।।६१०।।
ॐ कलात्मिकायै नमः ।
ॐ कलानाथायै नमः ।
ॐ काव्यालापविनोदिन्यै नमः ।
ॐ सचामररमावाणीसव्यदक्षिणसेवितायै नमः ।
ॐ आदिशक्तयै नमः ।
ॐ अमेयायै नमः ।
ॐ आत्मने नमः ।
ॐ परमायै नमः ।
ॐ पावनाकृतये नमः ।
ॐ अनेककोटिब्रह्माण्डजनन्यै नमः ।।६२०।।
ॐ दिव्यविग्रहायै नमः ।
ॐ क्लीङ्कार्यै नमः ।
ॐ केवलायै नमः ।
ॐ गुह्यायै नमः ।
ॐ कैवल्यपददायिन्यै नमः ।
ॐ त्रिपुरायै नमः ।
ॐ त्रिजगद्वन्द्यायै नमः ।
ॐ त्रिमूर्त्यै नमः ।
ॐ त्रिदशेश्वर्यै नमः ।
ॐ त्र्यक्षर्यै नमः ।।६३०।।
ॐ दिव्यगन्धाढ्यायै नमः ।
ॐ सिन्दूरतिलकाञ्चितायै नमः ।
ॐ उमायै नमः ।
ॐ शैलेन्द्रतनयायै नमः ।
ॐ गौर्यै नमः ।
ॐ गन्धर्वसेवितायै नमः ।
ॐ विश्वगर्भायै नमः ।
ॐ स्वर्णगर्भायै नमः ।
ॐ अवरदायै नमः ।
ॐ वागधीश्वर्यै नमः ।।६४०।।
ॐ ध्यानगम्यायै नमः ।
ॐ अपरिच्छेद्यायै नमः ।
ॐ ज्ञानदायै नमः ।
ॐ ज्ञानविग्रहायै नमः ।
ॐ सर्ववेदान्तसंवेद्यायै नमः ।
ॐ सत्यानन्दस्वरूपिण्यै नमः ।
ॐ लोपामुद्रार्चितायै नमः ।
ॐ लीलाक्लृप्तब्रह्माण्डमण्डलायै नमः ।
ॐ अदृश्यायै नमः ।
ॐ दृश्यरहितायै नमः ।।६५०।।
ॐ विज्ञात्र्यै नमः ।
ॐ वेद्यवर्जितायै नमः ।
ॐ योगिन्यै नमः ।
ॐ योगदायै नमः ।
ॐ योग्यायै नमः ।
ॐ योगानन्दायै नमः ।
ॐ युगन्धरायै नमः ।
ॐ इच्छाशक्तिज्ञानशक्तिक्रियाशक्तिस्वरूपिण्यै नमः ।
ॐ सर्वाधारायै नमः ।
ॐ सुप्रतिष्ठायै नमः ।।६६०।।
ॐ सदसद्रूपधारिण्यै नमः ।
ॐ अष्टमूर्त्यै नमः ।
ॐ अजाजैत्र्यै नमः ।
ॐ लोकयात्राविधायिन्यै नमः ।
ॐ एकाकिन्यै नमः ।
ॐ भूमरूपायै नमः ।
ॐ निद्वैतायै नमः ।
ॐ द्वैतवर्जितायै नमः ।
ॐ अन्नदायै नमः ।
ॐ वसुदायै नमः ।।६७०।।
ॐ वृद्धायै नमः ।
ॐ ब्रह्मात्मैक्यस्वरूपिण्यै नमः ।
ॐ बृहत्यै नमः ।
ॐ ब्राह्मण्यै नमः ।
ॐ ब्राह्म्यै नमः ।
ॐ ब्रह्मानन्दायै नमः ।
ॐ बलिप्रियायै नमः ।
ॐ भाषारूपायै नमः ।
ॐ बृहत्सेनायै नमः ।
ॐ भावाभावविर्जितायै नमः ।।६८०।।
ॐ सुखाराध्यायै नमः ।
ॐ शुभकर्यै नमः ।
ॐ शोभनासुलभागत्यै नमः ।
शोभनायै सुलभायै गत्यै ॐ राजराजेश्वर्यै नमः ।
ॐ राज्यदायिन्यै नमः ।
ॐ राज्यवल्लभायै नमः ।
ॐ राजत्कृपायै नमः ।
ॐ राजपीठनिवेशितनिजाश्रितायै नमः ।
ॐ राज्यलक्ष्म्यै नमः ।
ॐ कोशनाथायै नमः ।।६९०।।
ॐ चतुरङ्गबलेश्वर्यै नमः ।
ॐ साम्राज्यदायिन्यै नमः ।
ॐ सत्यसन्धायै नमः ।
ॐ सागरमेखलायै नमः ।
ॐ दीक्षितायै नमः ।
ॐ दैत्यशमन्यै नमः ।
ॐ सर्वलोकवंशकर्यै नमः ।
ॐ सर्वार्थदात्र्यै नमः ।
ॐ सावित्र्यै नमः ।
ॐ सच्चिदानन्दरूपिण्यै नमः ।।७००।।
ॐ देशकालापरिच्छिन्नायै नमः ।
ॐ सर्वगायै नमः ।
ॐ सर्वमोहिन्यै नमः ।
ॐ सरस्वत्यै नमः ।
ॐ शास्त्रमय्यै नमः ।
ॐ गुहाम्बायै नमः ।
ॐ गुह्यरूपिण्यै नमः ।
ॐ सर्वोपाधिविनिर्मुक्तायै नमः ।
ॐ सदाशिवपतिव्रतायै नमः ।
ॐ सम्प्रदायेश्वर्यै नमः ।।७१०।।
ॐ साधुने नमः ।
ॐ यै नमः ।
ॐ गुरुमण्डलरूपिण्यै नमः ।
ॐ कुलोत्तीर्णायै नमः ।
ॐ भगाराध्यायै नमः ।
ॐ मायायै नमः ।
ॐ मधुमत्यै नमः ।
ॐ मह्यै नमः ।
ॐ गणाम्बायै नमः ।
ॐ गुह्यकाराध्यायै नमः ।।७२०।।
ॐ कोमलाङ्ग्यै नमः ।
ॐ गुरुप्रियायै नमः ।
ॐ स्वतन्त्रायै नमः ।
ॐ सर्वतन्त्रेश्यै नमः ।
ॐ दक्षिणामूर्तिरूपिण्यै नमः ।
ॐ सनकादिसमाराध्यायै नमः ।
ॐ शिवज्ञानप्रदायिन्यै नमः ।
ॐ चित्कलायै नमः ।
ॐ आनन्दकलिकायै नमः ।
ॐ प्रेमरूपायै नमः ।।७३०।।
ॐ प्रियङ्कर्यै नमः ।
ॐ नामपारायणप्रीतायै नमः ।
ॐ नन्दिविद्यायै नमः ।
ॐ नटेश्वर्यै नमः ।
ॐ मिथ्याजगदधिष्ठानायै नमः ।
ॐ मुक्तिदायै नमः ।
ॐ मुक्तिरूपिण्यै नमः ।
ॐ लास्यप्रियायै नमः ।
ॐ लयकर्यै नमः ।
ॐ लज्जायै नमः ।।७४०।।
ॐ रम्भादिवन्दितायै नमः ।
ॐ भवदावसुधावृष्ट्यै नमः ।
ॐ पापारण्यदवानलायै नमः ।
ॐ दौर्भाग्यतूलवातूलायै नमः ।
ॐ जराध्वान्तरविप्रभायै नमः ।
ॐ भाग्याब्धिचन्द्रिकायै नमः ।
ॐ भक्तचित्तकेकिघनाघनायै नमः ।
ॐ रोगपर्वतदम्भोलये नमः ।
ॐ मृत्युदारुकुठारिकायै नमः ।
ॐ महेश्वर्यै नमः ।।७५०।।
ॐ महाकाल्यै नमः ।
ॐ महाग्रासायै नमः ।
ॐ महाशनायै नमः ।
ॐ अपर्णायै नमः ।
ॐ चण्डिकायै नमः ।
ॐ चण्डमुण्डासुरनिषूदिन्यै नमः ।
ॐ क्षराक्षरात्मिकायै नमः ।
ॐ सर्वलोकेश्यै नमः ।
ॐ विश्वधारिण्यै नमः ।
ॐ त्रिवर्गदात्र्यै नमः ।।७६०।।
ॐ सुभगायै नमः ।
ॐ त्र्यम्बकायै नमः ।
ॐ त्रिगुणात्मिकायै नमः ।
ॐ स्वर्गापवर्गदायै नमः ।
ॐ शुद्धायै नमः ।
ॐ जपापुष्पनिभाकृतये नमः ।
ॐ ओजोवत्यै नमः ।
ॐ द्युतिधरायै नमः ।
ॐ यज्ञरूपायै नमः ।
ॐ प्रियव्रतायै नमः ।।७७०।।
ॐ दुराराध्यायै नमः ।
ॐ दुराधर्षायै नमः ।
ॐ पाटलीकुसुमप्रियायै नमः ।
ॐ महत्यै नमः ।
ॐ मेरुनिलयायै नमः ।
ॐ मन्दारकुसुमप्रियायै नमः ।
ॐ वीराराध्यायै नमः ।
ॐ विराड्रूपायै नमः ।
ॐ विरजसे नमः ।
ॐ विश्वतोमुख्यै नमः ।।७८०।।
ॐ प्रत्यग्रूपायै नमः ।
ॐ पराकाशायै नमः ।
ॐ प्राणदायै नमः ।
ॐ प्राणरूपिण्यै नमः ।
ॐ मार्ताण्डभैरवाराध्यायै नमः ।
ॐ मन्त्रिणीन्यस्तराज्यधुरे नमः ।
ॐ त्रिपुरेश्यै नमः ।
ॐ जयत्सेनायै नमः ।
ॐ निस्त्रैगुण्यायै नमः ।
ॐ परापरायै नमः ।।७९०।।
ॐ सत्यज्ञानानन्दरूपायै नमः ।
ॐ सामरस्यपरायणायै नमः ।
ॐ कपर्दिन्यै नमः ।
ॐ कलामालायै नमः ।
ॐ कामदुघे नमः ।
ॐ कामरूपिण्यै नमः ।
ॐ कलानिधये नमः ।
ॐ काव्यकलायै नमः ।
ॐ रसज्ञायै नमः ।
ॐ रसशेवधये नमः ।।८००।।
ॐ पुष्टायै नमः ।
ॐ पुरातनायै नमः ।
ॐ पूज्यायै नमः ।
ॐ पुष्करायै नमः ।
ॐ पुष्करेक्षणायै नमः ।
ॐ परस्मै ज्योतिषे नमः ।
ॐ परस्मै धाम्ने नमः ।
ॐ परमाणवे नमः ।
ॐ परात्परायै नमः ।
ॐ पाशहस्तायै नमः ।।८१०।।
ॐ पाशहन्त्र्यै नमः ।
ॐ परमन्त्रविभेदिन्यै नमः ।
ॐ मूर्तायै नमः ।
ॐ अमूर्तायै नमः ।
ॐ अनित्यतृप्तायै नमः ।
ॐ मुनिमानसहंसिकायै नमः ।
ॐ सत्यव्रतायै नमः ।
ॐ सत्यरूपायै नमः ।
ॐ सर्वान्तर्यामिण्यै नमः ।
ॐ सत्यै नमः ।।८२०।।
ॐ ब्रह्माण्यै नमः ।
ॐ ब्रह्मणे नमः ।
ॐ जनन्यै नमः ।
ॐ बहुरूपायै नमः ।
ॐ बुधार्चितायै नमः ।
ॐ प्रसवित्र्यै नमः ।
ॐ प्रचण्डायै नमः ।
ॐ आज्ञायै नमः ।
ॐ प्रतिष्ठायै नमः ।
ॐ प्रकटाकृतये नमः ।।८३०।।
ॐ प्राणेश्वर्यै नमः ।
ॐ प्राणदात्र्यै नमः ।
ॐ पञ्चाशत्पीठरूपिण्यै नमः ।
ॐ विश‍ृङ्खलायै नमः ।
ॐ विविक्तस्थायै नमः ।
ॐ वीरमात्रे नमः ।
ॐ वियत्प्रसुवे नमः ।
ॐ मुकुन्दायै नमः ।
ॐ मुक्तिनिलयायै नमः ।
ॐ मूलविग्रहरूपिण्यै नमः ।।८४०।।
ॐ भावज्ञायै नमः ।
ॐ भवरोगघ्न्यै नमः ।
ॐ भवचक्रप्रवर्तिन्यै नमः ।
ॐ छन्दःसारायै नमः ।
ॐ शास्त्रसारायै नमः ।
ॐ मन्त्रसारायै नमः ।
ॐ तलोदर्यै नमः ।
ॐ उदारकीर्तये नमः ।
ॐ उद्दामवैभवायै नमः ।
ॐ वर्णरूपिण्यै नमः ।।८५०।।
ॐ जन्ममृत्युजरातप्तजन विश्रान्तिदायिन्यै नमः ।
ॐ सर्वोपनिषदुद् घुष्टायै नमः ।
ॐ शान्त्यतीतकलात्मिकायै नमः ।
ॐ गम्भीरायै नमः ।
ॐ गगनान्तस्थायै नमः ।
ॐ गर्वितायै नमः ।
ॐ गानलोलुपायै नमः ।
ॐ कल्पनारहितायै नमः ।
ॐ काष्ठायै नमः ।
ॐ अकान्तायै नमः ।।८६०।।
ॐ कान्तार्धविग्रहायै नमः ।
ॐ कार्यकारणनिर्मुक्तायै नमः ।
ॐ कामकेलितरङ्गितायै नमः ।
ॐ कनत्कनकताटङ्कायै नमः ।
ॐ लीलाविग्रहधारिण्यै नमः ।
ॐ अजायै नमः ।
ॐ क्षयविनिर्मुक्तायै नमः ।
ॐ मुग्धायै नमः ।
ॐ क्षिप्रप्रसादिन्यै नमः ।
ॐ अन्तर्मुखसमाराध्यायै नमः ।।८७०।।
ॐ बहिर्मुखसुदुर्लभायै नमः ।
ॐ त्रय्यै नमः ।
ॐ त्रिवर्गनिलयायै नमः ।
ॐ त्रिस्थायै नमः ।
ॐ त्रिपुरमालिन्यै नमः ।
ॐ निरामयायै नमः ।
ॐ निरालम्बायै नमः ।
ॐ स्वात्मारामायै नमः ।
ॐ सुधासृत्यै नमः ।
ॐ संसारपङ्कनिर्मग्न समुद्धरणपण्डितायै नमः ।।८८०।।
ॐ यज्ञप्रियायै नमः ।
ॐ यज्ञकर्त्र्यै नमः ।
ॐ यजमानस्वरूपिण्यै नमः ।
ॐ धर्माधारायै नमः ।
ॐ धनाध्यक्षायै नमः ।
ॐ धनधान्यविवर्धिन्यै नमः ।
ॐ विप्रप्रियायै नमः ।
ॐ विप्ररूपायै नमः ।
ॐ विश्वभ्रमणकारिण्यै नमः ।
ॐ विश्वग्रासायै नमः ।।८९०।।
ॐ विद्रुमाभायै नमः ।
ॐ वैष्णव्यै नमः ।
ॐ विष्णुरूपिण्यै नमः ।
ॐ अयोन्यै नमः var अयोनये ॐ योनिनिलयायै नमः ।
ॐ कूटस्थायै नमः ।
ॐ कुलरूपिण्यै नमः ।
ॐ वीरगोष्ठीप्रियायै नमः ।
ॐ वीरायै नमः ।
ॐ नैष्कर्म्यायै नमः ।।९००।।
ॐ नादरूपिण्यै नमः ।
ॐ विज्ञानकलनायै नमः ।
ॐ कल्यायै नमः ।
ॐ विदग्धायै नमः ।
ॐ बैन्दवासनायै नमः ।
ॐ तत्वाधिकायै नमः ।
ॐ तत्त्वमय्यै नमः ।
ॐ तत्त्वमर्थस्वरूपिण्यै नमः ।
ॐ सामगानप्रियायै नमः ।
ॐ सौम्यायै नमः ।।९१०।।
ॐ सदाशिवकुटुम्बिन्यै नमः ।
ॐ सव्यापसव्यमार्गस्थायै नमः ।
ॐ सर्वापद्विनिवारिण्यै नमः ।
ॐ स्वस्थायै नमः ।
ॐ स्वभावमधुरायै नमः ।
ॐ धीरायै नमः ।
ॐ धीरसमर्चितायै नमः ।
ॐ चैतन्यार्घ्यसमाराध्यायै नमः ।
ॐ चैतन्यकुसुमप्रियायै नमः ।
ॐ सदोदितायै नमः ।।९२०।।
ॐ सदातुष्टायै नमः ।
ॐ तरुणादित्यपाटलायै नमः ।
ॐ दक्षिणादक्षिणाराध्यायै नमः ।
ॐ दरस्मेरमुखाम्बुजायै नमः ।
ॐ कौलिनीकेवलायै नमः ।
ॐ अनर्घ्य कैवल्यपददायिन्यै नमः ।
ॐ स्तोत्रप्रियायै नमः ।
ॐ स्तुतिमत्यै नमः ।
ॐ श्रुतिसंस्तुतवैभवायै नमः ।
ॐ मनस्विन्यै नमः ।।९३०।।
ॐ मानवत्यै नमः ।
ॐ महेश्यै नमः ।
ॐ मङ्गलाकृतये नमः ।
ॐ विश्वमात्रे नमः ।
ॐ जगद्धात्र्यै नमः ।
ॐ विशालाक्ष्यै नमः ।
ॐ विरागिण्यै नमः ।
ॐ प्रगल्भायै नमः ।
ॐ परमोदारायै नमः ।
ॐ परामोदायै नमः ।।९४०।।
ॐ मनोमय्यै नमः ।
ॐ व्योमकेश्यै नमः ।
ॐ विमानस्थायै नमः ।
ॐ वज्रिण्यै नमः ।
ॐ वामकेश्वर्यै नमः ।
ॐ पञ्चयज्ञप्रियायै नमः ।
ॐ पञ्चप्रेतमञ्चाधिशायिन्यै नमः ।
ॐ पञ्चम्यै नमः ।
ॐ पञ्चभूतेश्यै नमः ।
ॐ पञ्चसङ्ख्योपचारिण्यै नमः ।।९५०।।
ॐ शाश्वत्यै नमः ।
ॐ शाश्वतैश्वर्यायै नमः ।
ॐ शर्मदायै नमः ।
ॐ शम्भुमोहिन्यै नमः ।
ॐ धरायै नमः ।
ॐ धरसुतायै नमः ।
ॐ धन्यायै नमः ।
ॐ धर्मिण्यै नमः ।
ॐ धर्मवर्धिन्यै नमः ।
ॐ लोकातीतायै नमः ।।९६०।।
ॐ गुणातीतायै नमः ।
ॐ सर्वातीतायै नमः ।
ॐ शमात्मिकायै नमः ।
ॐ बन्धूककुसुमप्रख्यायै नमः ।
ॐ बालायै नमः ।
ॐ लीलाविनोदिन्यै नमः ।
ॐ सुमङ्गल्यै नमः ।
ॐ सुखकर्यै नमः ।
ॐ सुवेषाढ्यायै नमः ।
ॐ सुवासिन्यै नमः ।।९७०।।
ॐ सुवासिन्यर्चनप्रीतायै नमः ।
ॐ आशोभनायै नमः ।
ॐ शुद्धमानसायै नम ॐ बिन्दुतर्पणसन्तुष्टायै नमः ।
ॐ पूर्वजायै नमः ।
ॐ त्रिपुराम्बिकायै नमः ।
ॐ दशमुद्रासमाराध्यायै नमः ।
ॐ त्रिपुराश्रीवशङ्कर्यै नमः ।
ॐ ज्ञानमुद्रायै नमः ।
ॐ ज्ञानगम्यायै नमः ।।९८०।।
ॐ ज्ञानज्ञेयस्वरूपिण्यै नमः ।
ॐ योनिमुद्रायै नमः ।
ॐ त्रिखण्डेश्यै नमः ।
ॐ त्रिगुणायै नमः ।
ॐ अम्बायै नमः ।
ॐ त्रिकोणगायै नमः ।
ॐ अनघायै नमः ।
ॐ अद्भुतचारित्रायै नमः ।
ॐ वाञ्छितार्थप्रदायिन्यै नमः ।
ॐ अभ्यासातिशयज्ञातायै नमः ।।९९०।।
ॐ षडध्वातीतरूपिण्यै नमः ।
ॐ अव्याजकरुणामूर्तये नमः ।
ॐ अज्ञानध्वान्तदीपिकायै नमः ।
ॐ आबालगोपविदितायै नमः ।
ॐ सर्वानुल्लङ्घ्यशासनायै नमः ।
ॐ श्रीचक्रराजनिलयायै नमः ।
ॐ श्रीमत्त्रिपुरसुन्दर्यै नमः ।
ॐ श्रीशिवायै नमः ।
ॐ शिवशक्त्यैक्यरूपिण्यै नमः ।
ॐ ललिताम्बिकायै नमः ।।१०००।।

॥ ॐ तत्सत् ब्रह्मार्पणमस्तु ॥

॥ इति श्रीललितासहस्रनामावलिः सम्पूर्णा ॥

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