× SanatanShakti.in About Us Home Founder Religion Education Health Contact Us Privacy Policy
indianStates.in

मासिक दुर्गाष्टमी

Masik Durgashtami

शारदीय नवरात्रि घटस्थापना एवं पारण का शुभ मुहूर्त * माघ गुप्त नवरात्रि घटस्थापना एवं पारण का शुभ मुहूर्त * आषाढ़ गुप्त नवरात्रि घटस्थापना एवं पारण का शुभ मुहूर्त * दुर्गा पूजा विधान * श्री सप्तश्लोकी दुर्गा * दुर्गा सप्तशती कवच * दुर्गा सप्तशती अर्गला * दुर्गा सप्तशती कीलक * सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् * श्री दुर्गा चालीसा * श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा * श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्र * दुर्गा मन्त्र * श्री दुर्गा आरती * श्री विन्ध्येश्वरी आरती * श्रीदुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला * दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली * दुर्गा सप्तशती क्षमा प्रार्थना * दुर्गा सप्तशती अथ देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम् * कुमारी कन्या पूजन मंत्र एवं उसका फल * माँ दुर्गा के नौ रूप * प्रात: स्मरणीय माँ दुर्गा ध्यान मंत्र * नवरात्रि में राशियों के अनुसार श्रीदुर्गा मन्त्र * अपराजितास्तोत्रम् * ललितापञ्चकम् * श्रीललिता सहस्रनामावली * चण्डीकवचम् * भवान्यष्टकम् * श्रीभगवती स्तोत्रम * श्रीभगवती स्तोत्रम * हवन विधि * नवरात्रि में शमी पूजन * विजयादशमी की अपराजिता पूजा * कवच, अर्गला और कीलक की हवन विधि * देवी वाहन सिंह का ध्यान * कालिका स्तुति * दक्षिणा काली त्रिविंशत्यक्षर मन्त्र तन्त्र साधना * महालया * श्री बगलामुखी मंत्र * श्री बगलामुखी कीलक स्तोत्रम् * दस महाविद्या * दस महाविद्या स्तोत्र * देवी पर चढ़ाने वाले पत्र-पुष्प की सूची * श्रीदुर्गा सप्तशती संपूर्ण पाठ हिंदी में * नवार्ण मन्त्र का जप कैसे करना है? * तंत्रोक्त देवी सूक्त - या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता * शाकंभरी जयंती * मासिक दुर्गाष्टमी * एक श्लोकी सप्तशती * श्रीदुर्गा सप्तशती पहला अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती दूसरा अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती तीसरा अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती चौथा अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती पाँचवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती छठा अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती सातवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती आठवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती नवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती दसवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती ग्यारहवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती बारहवाँ अध्याय * श्रीदुर्गा सप्तशती तेरहवाँ अध्याय
 
मासिक दुर्गाष्टमी Masik Durgashtami

मासिक दुर्गाष्टमी 2025

प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है।

मास के मासिक दुर्गाष्टमी तिथि -

  तारीख मास - पक्ष - तिथि समय 
1 जनवरी 7, 2025, मंगलवार
पौष, शुक्ल अष्टमी
प्रारम्भ - 06:23 पी एम, जनवरी 06
समाप्त - 04:26 पी एम, जनवरी 07
2 फरवरी 5, 2025, बुधवार
माघ, शुक्ल अष्टमी

प्रारम्भ - 02:30 ए एम, फरवरी 05
समाप्त - 12:35 ए एम, फरवरी 06
3 मार्च 7, 2025, शुक्रवार

फाल्गुन, शुक्ल अष्टमी

प्रारम्भ - 10:50 ए एम, मार्च 06
समाप्त - 09:18 ए एम, मार्च 07
4 अप्रैल 5, 2025, शनिवार

चैत्र, शुक्ल अष्टमी

प्रारम्भ - 08:12 पी एम, अप्रैल 04
समाप्त - 07:26 पी एम, अप्रैल 05
5 मई 5, 2025, सोमवार

वैशाख, शुक्ल अष्टमी
प्रारम्भ - 07:18 ए एम, मई 04
समाप्त - 07:35 ए एम, मई 05
6 जून 18, 2025, बुधवार
आषाढ़, कृष्ण अष्टमी
ज्येष्ठ, शुक्ल अष्टमी
प्रारम्भ - 08:34 पी एम, जून 02
समाप्त - 09:56 पी एम, जून 03
7 जुलाई 3, 2025, बृहस्पतिवार

आषाढ़, शुक्ल अष्टमी

प्रारम्भ - 11:58 ए एम, जुलाई 02
समाप्त - 02:06 पी एम, जुलाई 03
8 अगस्त 1, 2025, शुक्रवार

श्रावण, शुक्ल अष्टमी

प्रारम्भ - 04:58 ए एम, अगस्त 01
समाप्त - 07:23 ए एम, अगस्त 02
9 दुर्गा महा अष्टमी
सितम्बर 30, 2025, मंगलवार

आश्विन, शुक्ल अष्टमी

प्रारम्भ - 04:31 पी एम, सितम्बर 29
समाप्त - 06:06 पी एम, सितम्बर 30
10 अक्टूबर 30, 2025, बृहस्पतिवार

कार्तिक, शुक्ल अष्टमी

प्रारम्भ - 09:23 ए एम, अक्टूबर 29
समाप्त - 10:06 ए एम, अक्टूबर 30
11 नवम्बर 28, 2025, शुक्रवार

मार्गशीर्ष, शुक्ल अष्टमी

प्रारम्भ - 12:29 ए एम, नवम्बर 28
समाप्त - 12:15 ए एम, नवम्बर 29
12 दिसम्बर 28, 2025, रविवार
पौष, शुक्ल अष्टमी

प्रारम्भ - 01:09 पी एम, दिसम्बर 27
समाप्त - 11:59 ए एम, दिसम्बर 28

दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा-व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन पूजा-व्रत करने से व्यक्ति को मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और धन में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा किसी भी काम में बाधा नहीं आती है। मान्यता है कि इस दिन पूजा के दौरान मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा सुनने या पाठ करने से जीवन की परेशानियां दूर होती है। इसके अलावा घर में सुख-शांति बनी रहती है।

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा

इस दिन दुर्गा सप्तशती का दूसरा अध्याय महिषासुर वध की कथा का पाठ किया जाता है।

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत विधि -

1. मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह उठकर जल्दी से स्नान कर लें।
2. फिर जिस जगह पूजा करनी है, उस स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
3. पूजा के दौरान मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।साथ ही घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
4. माता रानी को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें। प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
5. धूप और दीपक जलाकर दुर्गा सप्तशती के दूसरा अध्याय, दुर्गा चालीसा आदि का पाठ करें और फिर मां दुर्गा की आरती करें।

मासिक अष्टमी व्रत में क्या खाना चाहिए?

इस दिन सुबह से शाम तक कुछ भी नहीं खाना चाहिए, यदि यह संभव न हो तो फल और दूध का सेवन किया जा सकता है। शाम को विधि अनुसार पूजा करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशति का पाठ विधि अनुसार, करना चाहिए। सूर्यास्त के बाद व्रत का समापन करना चाहिए।

***********

www.indianstates.in

मासिक दुर्गाष्टमी Masik Durgashtami