मधुराष्टकम् हिंदी अर्थ सहित
Madhurashtakam with hindi meaning
॥ श्रीहरिः ॥
मधुराष्टकम् हिंदी अर्थ सहित
अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितंमधुरम्।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ १॥
हिंदी भावार्थ - श्रीमधुराधिपति का (श्रीमधुराधिपति' अर्थात श्रीकृष्ण का) सभी कुछ मधुर है। उनके अधर मधुर हैं, मुख मधुर है, नेत्र मधुर हैं, हास्य मधुर है, हृदय मधुर है और गति भी अति मधुर है ॥ १ ॥
वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरम्।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ २॥
हिंदी भावार्थ - उनके वचन मधुर हैं, चरित्र मधुर हैं, वस्त्र मधुर हैं, अंगभंगी मधुर है, चाल मधुर है और भ्रमण भी अति मधुर है, श्रीमधुराधिपति का सब कुछ मधुर है॥ २॥
वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ ३ ॥
हिंदी भावार्थ - उनकी वेणु मधुर है, चरणरज मधुर है, करकमल मधुर हैं, चरण मधुर हैं, नृत्य मधुर है और सख्य भी अति मधुर है, श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है ॥ ३ ॥
गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम् ।
रूपं मधुरं तिलकं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ ४॥
हिंदी भावार्थ - उनका गान मधुर है, पान मधुर है, भोजन मधुर है, शयन मधुर है, रूप मधुर है और तिलक भी अति मधुर है, श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है॥ ४॥
करणं मधुरं तरणं मधुरं हरणं मधुरं स्मरणं मधुरम्।
वमितं मधुरं शमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ ५ ॥
हिंदी भावार्थ - उनका कार्य मधुर है, तैरना मधुर है, हरण मधुर है, स्मरण मधुर है, उद्गार मधुर है और शान्ति भी अति मधुर है; श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है॥ ५ ॥
गुंजा मधुरा माला मधुरा यमुना मधुरा वीची मधुरा।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ ६ ॥
हिंदी भावार्थ - उनकी गुंजा मधुर है, माला मधुर है, यमुना मधुर है, उसकी तरंगे मधुर हैं, उसका जल मधुर है और कमल भी अति मधुर हैं, श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है॥ ६ ॥
गोपी मधुरा लीला मधुरा युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम्।
दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ ७ ॥
हिंदी भावार्थ - गोपियाँ मधुर हैं, उनकी लीला मधुर है, उनका संयोग मधुर है, वियोग मधुर है, निरीक्षण मधुर है और शिष्टाचार भी मधुर है, श्रीमधुराधिपति कासभी कुछ मधुर है॥ ७॥
गोपा मधुरा गावो मधुरा यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ ८॥
हिंदी भावार्थ - गोप मधुर हैं, गौएँ मधुर हैं, लकुटी मधुर है, रचना मधुर है, दलन मधुर है और उसका फल भी अति मधुर है, श्रीमधुराधिपतिका सभी कुछ मधुर है ॥ ८ ॥
॥ इति श्रीमद्वल्लभाचार्यकृतं मधुराष्टकं सम्पूर्णम् ॥